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इमरजेंसी: कंगना की बेहतरीन एक्टिंग से दमदार कहानी तक, इन 5 वजहों से फिल्म देखना होगा 'पैसा वसूल' - REASONS TO WATCH EMERGENCY

17 जनवरी को रिलीज हुई 'इमरजेंसी' में कंगना रनौत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है. जानें फिल्म देखने के 5 कारण.

Emergency
इमरजेंसी (Film Poster)
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By ETV Bharat Entertainment Team

Published : Jan 19, 2025, 5:35 PM IST

हैदराबाद: भारतीय राजनीति का सबसे काला दौर देश में लगी इमरजेंसी को माना जाता है. क्योंकि इसे लेकर कई बातें सुनने को मिलती हैं. लोगों के मन में अक्सर ये सवाल उठते हैं हैं आखिर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किन हालातों के चलते देश में आपातकाल लगाया. क्या वाकई कुछ गंभीर मुद्दे थे जो आपातकाल का कारण बने? या सिर्फ सत्ता के लालच में इंदिरा गांधी ने ये कदम उठाया? इन सभी सवालों के जवाब लेकर आई है कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी'. फिल्म को शुरुआत से ही कई विरोधों का सामना करना पड़ा और कई बार इसकी रिलीज डेट भी पोस्टपोन की गई लेकिन अब आखिरकार फिल्म 17 जनवरी से सिनेमाघरों में चल रही है.

अब सवाल यह है कि फिल्म है कैसी? फिल्म की पहली झलक से ही लोग कंगना के लुक और उनके द्वारा अपनाए गए इंदिरा गांधी के एक्सप्रेशन की तारीफ कर रहे थे. वहीं इस फिल्म से काफी उम्मीदें बढ़ गई थीं और हो भी क्यों ना आखिर फिल्म उस दौर की कहानी है जिसके बारे में आज भी कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं. लोगों के मन में आज भी कई सवाल उठते हैं कि आखिर इमरजेंसी की सच्चाई क्या थी. आइए जानते हैं कंगना की फिल्म उन सब बातों के जवाब दे पाई है या नहीं और किन 5 वजहों से फिल्म देखनी चाहिए.

फिल्म की कहानी

कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' भारतीय राजनीति का काला अध्याय कहे जाने वाले 1975-1977 तक लगे आपातकाल की है. फिल्म की कहानी तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है जो उनके द्वारा लिए गए राजनैतिक फैसलों पर केंद्रित है. जिसमें उन्होंने देश में 21 महीनों तक चले आपातकाल का फैसला भी लिया था जिस पर आज भी कई तरह के सवाल उठाए जाते हैं. कहानी में कुछ ऐतिहासिक घटनाएं भी दिखाई जाती हैं जो इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान हुई थी. जिनमें बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध, खालिस्तानी आंदोलन, ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी घटनाएं शामिल हैं. इन सब घटनाओं के बीच कहानी में इंदिरा गांधी के राजनीतिक करियर के साथ ही उनकी निजी जिंदगी की झलक भी दिखाई गई है.

एक्टिंग

'इमरजेंसी' में कंगना ने भारत की पूर्व और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है. जिसमें उन्होंने जान डाल दी है , कंगना ने साबित किया है कि आखिर उन्हें बॉलीवुड 'क्वीन' की उपाधि क्यों दी गई है. पूरी फिल्म देखते वक्त कंगना खुद आपको कहीं नजर नहीं आएंगी और यही एक एक्टर की खासियत है. एक्टिंग में दूसरा नंबर पर मिलिंद सोमन और विशाख नायर का है. कंगना के बाद इन दो कैरेक्टर्स ने फिल्म में लाइम लाइट लूटी है. मिलिंद सोमन का स्क्रीन टाइम कम है लेकिन उतने ही टाइम में उन्होंने जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है. वहीं संजय गांधी के रोल में विशाख नायर की एक्टिंग कमाल की है वे एक उभरते हुए एक्टर के रूप में सामने आए हैं. इनके अलावा जेपी नारायण के रोल में अनुपम खेर, अटल बिहारी के रोल में श्रेयस तलपड़े, जगजीवन राम के रोल में सतीश कौशिक और पुपुल जयकर के रोल में महिमा चौधरी नजर आएं हैं.

डायरेक्शन/राइटिंग

इमरजेंसी को खुद कंगना रनौत ने डायरेक्ट किया है इसके साथ ही उन्होंने इसकी स्टोरी भी लिखी है. फिल्म की राइटिंग बेहतरीन है और इसका फ्लो भी अच्छा है. अकेले एक फिल्म में इतना कुछ हैंडल करना कंगना की काबिलियत को दर्शाता है.

ऐतिहासिक घटनाओं की झलक

इमरजेंसी में भारत की तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में हुई अन्य ऐतिहासिक घटनाओं की झलक भी दिखाई गई है. जिनमें बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध, खालिस्तानी आंदोलन, ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी घटनाएं शामिल हैं. इसके अलावा इमरजेंसी लगने में संजय गांधी का क्या योगदान था इस बारे में भी बताया गया है. इन सब घटनाओं के बीच कहानी में इंदिरा गांधी के राजनीतिक करियर के साथ ही उनकी निजी जिंदगी की झलक भी दिखाई गई है. इसके अलावा इमरजेंसी लागू करने में संजय गांधी का क्या रोल था इसके बारे में भी फिल्म में दिखाया गया है.

इंदिरा गांधी का जीवन

कंगना रनौत ने लीड एक्टर, डायरेक्टर और राइटर के तौर पर बागडोर संभाली है जो तारीफे काबिल है. फिल्म का नाम इमरजेंसी जरूर है लेकिन कहानी पूरी इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है. इसमें आपको इंदिरा गांधी की बचपन से लेकर उनकी हत्या तक की पूरी कहानी को देखने को मिलेगी. फिल्म देखने पर आपको पता चलेगा कि कंगना ने इंदिरा गांधी के जीवन और इमरजेंसी पर अच्छे से रिसर्च की है. इमरजेंसी के अलावा उनके शासनकाल में होने वाली अन्य ऐतिहासिक घटनाओं को एक ही धागे में पिरोना कोई मामूली बात नहीं है. इसके अलावा कंगना ने इंदिरा गांधी का सिर्फ नेगेटिव पक्ष ना दिखाते हुए उनके भावनात्मक पक्ष को भी दिखाया है. इंदिरा गांधी ने हार के बाद कैसे अपना कमबैक किया और अपनी 'गूंगी बुढ़िया' की छवि सुधारकर कैसे वे लोगों के दिलों पर राज कर गई इसकी झलक भी देखने को मिलेगी.

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हैदराबाद: भारतीय राजनीति का सबसे काला दौर देश में लगी इमरजेंसी को माना जाता है. क्योंकि इसे लेकर कई बातें सुनने को मिलती हैं. लोगों के मन में अक्सर ये सवाल उठते हैं हैं आखिर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किन हालातों के चलते देश में आपातकाल लगाया. क्या वाकई कुछ गंभीर मुद्दे थे जो आपातकाल का कारण बने? या सिर्फ सत्ता के लालच में इंदिरा गांधी ने ये कदम उठाया? इन सभी सवालों के जवाब लेकर आई है कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी'. फिल्म को शुरुआत से ही कई विरोधों का सामना करना पड़ा और कई बार इसकी रिलीज डेट भी पोस्टपोन की गई लेकिन अब आखिरकार फिल्म 17 जनवरी से सिनेमाघरों में चल रही है.

अब सवाल यह है कि फिल्म है कैसी? फिल्म की पहली झलक से ही लोग कंगना के लुक और उनके द्वारा अपनाए गए इंदिरा गांधी के एक्सप्रेशन की तारीफ कर रहे थे. वहीं इस फिल्म से काफी उम्मीदें बढ़ गई थीं और हो भी क्यों ना आखिर फिल्म उस दौर की कहानी है जिसके बारे में आज भी कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं. लोगों के मन में आज भी कई सवाल उठते हैं कि आखिर इमरजेंसी की सच्चाई क्या थी. आइए जानते हैं कंगना की फिल्म उन सब बातों के जवाब दे पाई है या नहीं और किन 5 वजहों से फिल्म देखनी चाहिए.

फिल्म की कहानी

कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' भारतीय राजनीति का काला अध्याय कहे जाने वाले 1975-1977 तक लगे आपातकाल की है. फिल्म की कहानी तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है जो उनके द्वारा लिए गए राजनैतिक फैसलों पर केंद्रित है. जिसमें उन्होंने देश में 21 महीनों तक चले आपातकाल का फैसला भी लिया था जिस पर आज भी कई तरह के सवाल उठाए जाते हैं. कहानी में कुछ ऐतिहासिक घटनाएं भी दिखाई जाती हैं जो इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान हुई थी. जिनमें बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध, खालिस्तानी आंदोलन, ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी घटनाएं शामिल हैं. इन सब घटनाओं के बीच कहानी में इंदिरा गांधी के राजनीतिक करियर के साथ ही उनकी निजी जिंदगी की झलक भी दिखाई गई है.

एक्टिंग

'इमरजेंसी' में कंगना ने भारत की पूर्व और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है. जिसमें उन्होंने जान डाल दी है , कंगना ने साबित किया है कि आखिर उन्हें बॉलीवुड 'क्वीन' की उपाधि क्यों दी गई है. पूरी फिल्म देखते वक्त कंगना खुद आपको कहीं नजर नहीं आएंगी और यही एक एक्टर की खासियत है. एक्टिंग में दूसरा नंबर पर मिलिंद सोमन और विशाख नायर का है. कंगना के बाद इन दो कैरेक्टर्स ने फिल्म में लाइम लाइट लूटी है. मिलिंद सोमन का स्क्रीन टाइम कम है लेकिन उतने ही टाइम में उन्होंने जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है. वहीं संजय गांधी के रोल में विशाख नायर की एक्टिंग कमाल की है वे एक उभरते हुए एक्टर के रूप में सामने आए हैं. इनके अलावा जेपी नारायण के रोल में अनुपम खेर, अटल बिहारी के रोल में श्रेयस तलपड़े, जगजीवन राम के रोल में सतीश कौशिक और पुपुल जयकर के रोल में महिमा चौधरी नजर आएं हैं.

डायरेक्शन/राइटिंग

इमरजेंसी को खुद कंगना रनौत ने डायरेक्ट किया है इसके साथ ही उन्होंने इसकी स्टोरी भी लिखी है. फिल्म की राइटिंग बेहतरीन है और इसका फ्लो भी अच्छा है. अकेले एक फिल्म में इतना कुछ हैंडल करना कंगना की काबिलियत को दर्शाता है.

ऐतिहासिक घटनाओं की झलक

इमरजेंसी में भारत की तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में हुई अन्य ऐतिहासिक घटनाओं की झलक भी दिखाई गई है. जिनमें बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध, खालिस्तानी आंदोलन, ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी घटनाएं शामिल हैं. इसके अलावा इमरजेंसी लगने में संजय गांधी का क्या योगदान था इस बारे में भी बताया गया है. इन सब घटनाओं के बीच कहानी में इंदिरा गांधी के राजनीतिक करियर के साथ ही उनकी निजी जिंदगी की झलक भी दिखाई गई है. इसके अलावा इमरजेंसी लागू करने में संजय गांधी का क्या रोल था इसके बारे में भी फिल्म में दिखाया गया है.

इंदिरा गांधी का जीवन

कंगना रनौत ने लीड एक्टर, डायरेक्टर और राइटर के तौर पर बागडोर संभाली है जो तारीफे काबिल है. फिल्म का नाम इमरजेंसी जरूर है लेकिन कहानी पूरी इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है. इसमें आपको इंदिरा गांधी की बचपन से लेकर उनकी हत्या तक की पूरी कहानी को देखने को मिलेगी. फिल्म देखने पर आपको पता चलेगा कि कंगना ने इंदिरा गांधी के जीवन और इमरजेंसी पर अच्छे से रिसर्च की है. इमरजेंसी के अलावा उनके शासनकाल में होने वाली अन्य ऐतिहासिक घटनाओं को एक ही धागे में पिरोना कोई मामूली बात नहीं है. इसके अलावा कंगना ने इंदिरा गांधी का सिर्फ नेगेटिव पक्ष ना दिखाते हुए उनके भावनात्मक पक्ष को भी दिखाया है. इंदिरा गांधी ने हार के बाद कैसे अपना कमबैक किया और अपनी 'गूंगी बुढ़िया' की छवि सुधारकर कैसे वे लोगों के दिलों पर राज कर गई इसकी झलक भी देखने को मिलेगी.

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