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मारो नगर पंचायत में कांग्रेस बीजेपी के बीच क्यों है सीधी टक्कर

बेमेतरा की नगर पंचायत मारो में निर्वाचन दिसंबर 2019 में कार्यकाल पूर्ण होने के बाद से लंबित था. वहीं कोरोना काल की वजह से चुनाव नहीं हो पाया है. लिहाजा एक बार फिर नगर के सभी 15 वार्डों के लोगों को मतदान करने का अवसर मिलेगा.

मारो नगर पंचायत
Maro Nagar Panchayat
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Published : Nov 26, 2021, 11:47 AM IST

Updated : Nov 26, 2021, 1:35 PM IST

बेमेतरा: नगर पंचायत मारो के सभी 15 वार्ड में निकाय चुनाव के लिए मतदान तिथि की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 20 दिसंबर को की गई है. नगर पंचायत मारो में निर्वाचन दिसंबर 2019 में कार्यकाल पूर्ण होने के बाद से लंबित था. वहीं कोरोना काल की वजह से चुनाव नहीं हो पाया है. लिहाजा एक बार फिर नगर के सभी 15 वार्डों के लोगों को मतदान करने का अवसर मिलेगा. वहीं जिले में बेमेतरा के कुल 2 वार्ड थानखम्हरिया एवं देवकर के 1-1 वार्ड में चुनाव होगा.

मारो में 15 वार्डो में 4,415 मतदाता करेंगे मतदान

नगर पंचायत मारो में कुल 15 वार्ड हैं. जिसमें कुल 4416 मतदाता है जिसमें 2,174 महिला मतदाता एवं 2,244 पुरुष मतदाता है. चुनाव में अभ्यार्थी 27 नवंबर से मतदाता नामांकन जमा कर सकते हैं. वहीं 6 दिसंबर को नामांकन वापसी की तिथि एवं चुनाव चिन्ह वितरण की तिथि तय की गई है. इसके साथ ही 20 दिसंबर को मतदान होगा. वहीं 23 दिसंबर मतगणना की तिथि राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा तय की गई है.

राजाओं की नगरी भोपालपटनम में कौन मारेगा इस बार के चुनाव में बाजी?

नगर पंचायत मारो का इतिहास

राजाओं का गढ़ मारो नगर पंचायत के रूप में 2008 में अस्तित्व में आया. इससे पहले नगर पंचायत मारो ग्राम पंचायत हुआ करता था. प्रथम बार नगर पंचायत में कांग्रेस समर्थित जानकीबाई कुशवाह अध्यक्ष बनी. जिसके बाद भाजपा के जागेश्वर सिंह ठाकुर कार्यवाहक अध्यक्ष बने. जिसके बाद भाजपा समर्थित नरेंद्र साहू फिर कांग्रेस समर्थित फोहरा बाई बनी. जिसके बाद भाजपा समर्थित चंद्रमणि कोशले अध्यक्ष बनी. फिर कांग्रेस समर्थित कुमारी बाई कुर्रे अध्यक्ष बनी. वहीं वर्तमान में विगत साल से एसडीएम प्रशासक के रूप में अध्यक्ष पद का निर्वाह कर रहे हैं.

वर्षों बाद भी नगर वासियों को नहीं मिला मीठा पानी

नगर पंचायत मारो 2008 से अस्तित्व में आने के बाद भी आज 13 वर्षों बाद विकास नहीं कर पाया है. राज्य में पूर्व में भाजपा की सरकार और अब कांग्रेस की सरकार है. जिसके बाद भी मारो नगर पंचायत की लगातार अनदेखी की गई है. भाजपा के शासन काल में तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल एवं वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के पीएचई मंत्री रुद्रकुमार के घोषणा के बाद भी मारो के नगर वासियों को शिवनाथ नदी से मीठा पानी नहीं मिल पाया है. नगरवासियों को आज भी खारे पानी की समस्या से निजात नहीं मिल पाई है. इसके साथ ही बिजली सड़क तालाब कॉलेज, अस्पताल, मुक्तिधाम जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए मारो नगर पंचायत तरसता नजर आ रहा है.

भाजपा को सत्ता पाने एवम कांग्रेस को सत्ता बचाने की चुनौती

नगर पंचायत मारो में भाजपा को सत्ता पाने एवं कांग्रेस को सत्ता बचाने की बड़ी चुनौती है. मारो में विगत चुनाव में कांग्रेस को 9 एवं बीजेपी के 6 सीटें मिली थी. मारो की जनता लगातार किसी एक को अध्यक्ष बनने का मौका नहीं दी है. एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा के अध्यक्ष मारो के नगर पंचायत की कुर्सी में जनता ने बिठाया है. इस बार विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे एवं पूर्व मंत्री दयाल दास बघेल के हाथों अपनी अपनी पार्टी को जिताने का कमान होगा.

बेमेतरा: नगर पंचायत मारो के सभी 15 वार्ड में निकाय चुनाव के लिए मतदान तिथि की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 20 दिसंबर को की गई है. नगर पंचायत मारो में निर्वाचन दिसंबर 2019 में कार्यकाल पूर्ण होने के बाद से लंबित था. वहीं कोरोना काल की वजह से चुनाव नहीं हो पाया है. लिहाजा एक बार फिर नगर के सभी 15 वार्डों के लोगों को मतदान करने का अवसर मिलेगा. वहीं जिले में बेमेतरा के कुल 2 वार्ड थानखम्हरिया एवं देवकर के 1-1 वार्ड में चुनाव होगा.

मारो में 15 वार्डो में 4,415 मतदाता करेंगे मतदान

नगर पंचायत मारो में कुल 15 वार्ड हैं. जिसमें कुल 4416 मतदाता है जिसमें 2,174 महिला मतदाता एवं 2,244 पुरुष मतदाता है. चुनाव में अभ्यार्थी 27 नवंबर से मतदाता नामांकन जमा कर सकते हैं. वहीं 6 दिसंबर को नामांकन वापसी की तिथि एवं चुनाव चिन्ह वितरण की तिथि तय की गई है. इसके साथ ही 20 दिसंबर को मतदान होगा. वहीं 23 दिसंबर मतगणना की तिथि राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा तय की गई है.

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नगर पंचायत मारो का इतिहास

राजाओं का गढ़ मारो नगर पंचायत के रूप में 2008 में अस्तित्व में आया. इससे पहले नगर पंचायत मारो ग्राम पंचायत हुआ करता था. प्रथम बार नगर पंचायत में कांग्रेस समर्थित जानकीबाई कुशवाह अध्यक्ष बनी. जिसके बाद भाजपा के जागेश्वर सिंह ठाकुर कार्यवाहक अध्यक्ष बने. जिसके बाद भाजपा समर्थित नरेंद्र साहू फिर कांग्रेस समर्थित फोहरा बाई बनी. जिसके बाद भाजपा समर्थित चंद्रमणि कोशले अध्यक्ष बनी. फिर कांग्रेस समर्थित कुमारी बाई कुर्रे अध्यक्ष बनी. वहीं वर्तमान में विगत साल से एसडीएम प्रशासक के रूप में अध्यक्ष पद का निर्वाह कर रहे हैं.

वर्षों बाद भी नगर वासियों को नहीं मिला मीठा पानी

नगर पंचायत मारो 2008 से अस्तित्व में आने के बाद भी आज 13 वर्षों बाद विकास नहीं कर पाया है. राज्य में पूर्व में भाजपा की सरकार और अब कांग्रेस की सरकार है. जिसके बाद भी मारो नगर पंचायत की लगातार अनदेखी की गई है. भाजपा के शासन काल में तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल एवं वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के पीएचई मंत्री रुद्रकुमार के घोषणा के बाद भी मारो के नगर वासियों को शिवनाथ नदी से मीठा पानी नहीं मिल पाया है. नगरवासियों को आज भी खारे पानी की समस्या से निजात नहीं मिल पाई है. इसके साथ ही बिजली सड़क तालाब कॉलेज, अस्पताल, मुक्तिधाम जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए मारो नगर पंचायत तरसता नजर आ रहा है.

भाजपा को सत्ता पाने एवम कांग्रेस को सत्ता बचाने की चुनौती

नगर पंचायत मारो में भाजपा को सत्ता पाने एवं कांग्रेस को सत्ता बचाने की बड़ी चुनौती है. मारो में विगत चुनाव में कांग्रेस को 9 एवं बीजेपी के 6 सीटें मिली थी. मारो की जनता लगातार किसी एक को अध्यक्ष बनने का मौका नहीं दी है. एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा के अध्यक्ष मारो के नगर पंचायत की कुर्सी में जनता ने बिठाया है. इस बार विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे एवं पूर्व मंत्री दयाल दास बघेल के हाथों अपनी अपनी पार्टी को जिताने का कमान होगा.

Last Updated : Nov 26, 2021, 1:35 PM IST
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