बेमेतरा: रायपुर FSL टीम कोतवाली परिसर में अपना डेरा जमाई हुई है. 2015 में प्रदेश में सबसे बड़े वाहन चोरी कांड में जब्त गाड़ियों के चेचिस नंबर और इंजन नंबर को रिकवर करने की कोशिश की कर रही है, ताकि वाहनों के असली मालिक की पहचान हो सके.
चेचिस नंबरों की FSL टीम ने शुरू की पड़ताल
जब इस मामले का खुलासा हुआ था तो पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों ने वाहनों के चेचिस नंबर और इंजन नंबरों को उपकरणों से खराब कर दिया है. जिससे इन वाहनों के असली मालिक तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही थी. क्राइम ब्रांच की टीम ने 2015 में तकरीबन 25 से ज्यादा चार पहिया वाहन को जब्त कर आधा दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी में बेमेतरा के साथ ही दुर्ग, राजनांदगांव और कवर्धा से भी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कुछ आरटीओ के कर्मचारी भी शामिल थे, उस दौरान पुलिस पर भी कई गंभीर आरोप लगे थे कि उन्होंने कई रसूखदार लोगों के पास से चोरी की गाड़ियां जब्त करने के बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है, लेकिन अब इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद रायपुर के FSL टीम वाहनों के चेचिस नंबर और इंजन नंबर को रिकवरी कर मालिक तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
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जांच में कई और नाम का हो सकता है खुलासा
अब यह देखने वाली बात होगी कि जांच के बाद टीम को क्या सफलता मिलती है. यदि सफलता मिली तो चोरी कांड में अभी और भी कई छिपे नाम सामने आ सकते हैं. पूरे मामले को लेकर बेमेतरा सिटी कोतवाली थाना प्रभारी राजेश मिश्रा ने बताया कि कुछ वर्ष पहले बेमेतरा में चोरी के वाहनों को जब्त किया गया था. जिसमें कुछ वाहनों के चेचिस नंबर एवं इंजन नंबर को अपराधियों ने मिटा दिया था. जिसे लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है. न्यायालय के आदेश पर FSL टीम वाहनों के चेचिस नंबर और इंजन नंबर को पुनः रिकवरी करने पहुंची हुई है.