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धान खरीदी के लिए देवरबीजा में पहली बार टोकन कटे 88 किसानों की हुई एंट्री - देवबीजा सेवा सहकारी समिति

देवरबीजा सेवा सहकारी समिति में केवल पहली बार टोकन मिले किसानों का 88 किसानों का धान तौला गया.

For the first time, 88 token farmers were cut in Dewarbija for purchasing paddy in Bemetra
पहली बार टोकन कटे 88 किसानों की हुई इंट्री
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Published : Mar 16, 2020, 11:08 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 11:13 AM IST

बेमेतरा: बेरला के देवरबीजा सेवा सहकारी समिति में 18 से 20 फरवरी तक 115 किसानों का 15 हजार बोरा धान खरीदना था, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी धान की खरीदी नहीं की जा रही है. किसानों का धान पानी में भीगकर खराब हो गया है. ऐसे में किसानों में खासी नाराजगी दिख रही है.

पहली बार टोकन कटे 88 किसानों की हुई इंट्री

दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद टोकन मिले किसानों का खरीदने के लिए आदेशित किए थे, लेकिन जांच समितियों की रिपोर्ट के आधार पर, जो सूची धान खरीदी केंद्रों में पहुंची है. उसमें सिर्फ उनका नाम है, जिन्हें पहली बार टोकन मिला है. बाकी किसानों का नाम ही नहीं है.

मामले में जब देवरबीजा समिति प्रबंधक से जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि 'जिनका डबल टोकन जारी हुआ है, उनका धान अभी नहीं लिया जायेगा. ऊपर से सिस्टम में सिर्फ, जो पहली बार टोकन जारी हुआ है, उसमें 88 किसानों की एंट्री हुई है. इसके हिसाब से करीब 10 हजार बोरा धान बस लेंगे. बाकी 5 हजार बोरा को दोबारा सिस्टम में एंट्री होने के बाद लिया जाएगा.

पढ़ें- शिवनाथ नदी में मिलीं हजारों मृत मुर्गियां, लोगों में संक्रमण का भय

मामले में जब किसानों से बात की गई, तो किसानों में धान खरीदी को लेकर काफी गुस्सा है. किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तब से किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों को अब खाली हाथ ही घर लौटना पड़ रहा है.

बेमेतरा: बेरला के देवरबीजा सेवा सहकारी समिति में 18 से 20 फरवरी तक 115 किसानों का 15 हजार बोरा धान खरीदना था, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी धान की खरीदी नहीं की जा रही है. किसानों का धान पानी में भीगकर खराब हो गया है. ऐसे में किसानों में खासी नाराजगी दिख रही है.

पहली बार टोकन कटे 88 किसानों की हुई इंट्री

दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद टोकन मिले किसानों का खरीदने के लिए आदेशित किए थे, लेकिन जांच समितियों की रिपोर्ट के आधार पर, जो सूची धान खरीदी केंद्रों में पहुंची है. उसमें सिर्फ उनका नाम है, जिन्हें पहली बार टोकन मिला है. बाकी किसानों का नाम ही नहीं है.

मामले में जब देवरबीजा समिति प्रबंधक से जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि 'जिनका डबल टोकन जारी हुआ है, उनका धान अभी नहीं लिया जायेगा. ऊपर से सिस्टम में सिर्फ, जो पहली बार टोकन जारी हुआ है, उसमें 88 किसानों की एंट्री हुई है. इसके हिसाब से करीब 10 हजार बोरा धान बस लेंगे. बाकी 5 हजार बोरा को दोबारा सिस्टम में एंट्री होने के बाद लिया जाएगा.

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मामले में जब किसानों से बात की गई, तो किसानों में धान खरीदी को लेकर काफी गुस्सा है. किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तब से किसान परेशान हो रहे हैं. किसानों को अब खाली हाथ ही घर लौटना पड़ रहा है.

Last Updated : Mar 17, 2020, 11:13 AM IST
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