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किसानों को नहीं मिला राहत और प्रोत्साहन राशी, पलायन करने को मजबूर हुए किसान

जिले में कम बारिश होने की वजह से किसान सबसे ज्यादा चिंतित हैं और पलायन करने को मजबूर हैं.राहत के नाम पर शासन और प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.नवागढ़ ब्लॉक के 59 गांव के किसानों की फसल बर्बादी के बाद बीमा सूखा राहत और प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है

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Published : Mar 1, 2019, 11:05 AM IST

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बेमेतरा: जिले के नवागढ़ ब्लॉक के 59 गांव के किसानों की फसल बर्बादी के बाद बीमा सूखा राहत और प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है, जिसका इंतजार किसान कर रहे हैं. जिले में कम बारिश होने की वजह से किसान सबसे ज्यादा चिंतित हैं और पलायन करने को मजबूर हैं. राहत के नाम पर शासन और प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

नवागढ़ ब्लॉक के 32 ग्राम पंचायत के 59 गांवों में राशि का आवंटन नहीं हुआ है, जिससे किसान परेशान है. अंधियारखोर के किसान पंचम सिंह ठाकुर ने बताया कि कई बार बैंक के चक्कर काट चुके है, लेकिन सालों बाद भी अब तक खाते में राशि नहीं आई है.

इस संबंध में कलेक्टर महादेव कावरे ने कहा कि चना की राशि खाता नंबरों में गलती की वजह से वापस आये है. जल्द ही इस राशि को और सूखा राहत की राशि को भी हितग्राहियों के खाते में डाल दी जायेगी.

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बेमेतरा: जिले के नवागढ़ ब्लॉक के 59 गांव के किसानों की फसल बर्बादी के बाद बीमा सूखा राहत और प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है, जिसका इंतजार किसान कर रहे हैं. जिले में कम बारिश होने की वजह से किसान सबसे ज्यादा चिंतित हैं और पलायन करने को मजबूर हैं. राहत के नाम पर शासन और प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

नवागढ़ ब्लॉक के 32 ग्राम पंचायत के 59 गांवों में राशि का आवंटन नहीं हुआ है, जिससे किसान परेशान है. अंधियारखोर के किसान पंचम सिंह ठाकुर ने बताया कि कई बार बैंक के चक्कर काट चुके है, लेकिन सालों बाद भी अब तक खाते में राशि नहीं आई है.

इस संबंध में कलेक्टर महादेव कावरे ने कहा कि चना की राशि खाता नंबरों में गलती की वजह से वापस आये है. जल्द ही इस राशि को और सूखा राहत की राशि को भी हितग्राहियों के खाते में डाल दी जायेगी.

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Intro:हाथ से मैला उठाने से संवंधित एक महत्वपूर्ण जनहित याचिका मामले में हाईकोर्ट ने जवाब के लिए और समय मांगने पर शासन को दो हफ्ते की और मोहलत दे दी है ।


Body:रायपुर निवासी याचिकाकर्ता जन्मेजय सोना ने अपनी याचिका में कहा है कि कई तरह के सुविधा के अभाव में आज भी प्रदेश में हाथ से मैला ढोने के दृश्य देखने को मिलते रहते हैं जो मजदूरों के लिए घातक भी है । जिसपर प्रारंभिक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था । मामले में सुनवाई के दौरान शासन के जवाब से हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और जवाब को अपूर्ण करार दिया । जिसपर शासन की ओर से हाईकोर्ट से जवाब के लिए कुछ और मोहलत की आग्रह की गई । चीफ़ जस्टिस की युगलपीठ ने शासन को जवाब के लिए दो हफ्ते का और समय देकर सुनवाई आगे के लिए बढ़ा दी है ।


Conclusion:
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