बेमेतराः प्रदेश में अच्छी बारिश के बाद किसानों में उम्मीद जगी हुई थी, लेकिन धान की फसलों में ब्लास्ट और खैरा रोग के प्रभाव से उनकी चिंता अब बढ़ने लगी है. वहीं धान की बाली निकलने के बाद से माहो का प्रकोप किसानों की चिंता को दोगुना करने का काम कर रहा है.
किसानों को कीटों के प्रकोप से फसल के उत्पादन में कमी का डर सता रहा है . असमय हुई बारिश ने सोयाबीन की फसल में पीलेपन अंकुरण आ गया है और दाने काले पड़ गए है.
बेमौसम बारिश से चौपट हुई फसल
किसान रमेश साहू और पंकज सप्रे ने बताया कि अंचल में बारिश तो अच्छी हुई जिससे फसल भी अच्छा होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से अब धान की फसल के साथ-साथ अब सोयाबिन की फसल भी प्रभावित होने लगी है. उन्होंने कही कि उत्पादन में कमी दिखाई दे रही है. बेमौसम बारिश से सोयाबीन सड़ गए है. इसके अलावा बचे हुए फसल को अंचल में घूम रहे आवारा मवेशियों ने चट कर दिया जिससे किसान परेशान हैं.
कृषि अधिकारी ने दी सलाह
वरिष्ठ कृषि अधिकारी आरके सोलंकी ने बताया कि अंचल में धान की फसल में लगे बीमारियों को ठीक करने के लिए फफूंद नाशक, कीटनाशक और एंटीबायटिक दवाओं का छिड़काव करने के साथ माहो के लिए बूफरोफेंजिन एसीफेट और नुवान का छिड़काव करने का सलाह दिए हैं.