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बेमेतराः कीटों के प्रकोप ने किसानों की चिंता, फसल बर्बाद होने का सता रहा डर - Outbreak of pests worries farmers

बेमेतरा में धान की फसलों में ब्लास्ट और खैरा रोग के प्रभाव से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. वहीं धान की बाली निकलने के बाद से माहो का प्रकोप किसानों की चिंता को दोगुना करने का काम कर रहा है.

बेमेतरा में कीटों के प्रकोप से फसल बर्बाद
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Published : Oct 8, 2019, 3:28 PM IST

बेमेतराः प्रदेश में अच्छी बारिश के बाद किसानों में उम्मीद जगी हुई थी, लेकिन धान की फसलों में ब्लास्ट और खैरा रोग के प्रभाव से उनकी चिंता अब बढ़ने लगी है. वहीं धान की बाली निकलने के बाद से माहो का प्रकोप किसानों की चिंता को दोगुना करने का काम कर रहा है.

किसानों को कीटों के प्रकोप से फसल के उत्पादन में कमी का डर सता रहा है . असमय हुई बारिश ने सोयाबीन की फसल में पीलेपन अंकुरण आ गया है और दाने काले पड़ गए है.

बेमौसम बारिश से चौपट हुई फसल
किसान रमेश साहू और पंकज सप्रे ने बताया कि अंचल में बारिश तो अच्छी हुई जिससे फसल भी अच्छा होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से अब धान की फसल के साथ-साथ अब सोयाबिन की फसल भी प्रभावित होने लगी है. उन्होंने कही कि उत्पादन में कमी दिखाई दे रही है. बेमौसम बारिश से सोयाबीन सड़ गए है. इसके अलावा बचे हुए फसल को अंचल में घूम रहे आवारा मवेशियों ने चट कर दिया जिससे किसान परेशान हैं.

कृषि अधिकारी ने दी सलाह
वरिष्ठ कृषि अधिकारी आरके सोलंकी ने बताया कि अंचल में धान की फसल में लगे बीमारियों को ठीक करने के लिए फफूंद नाशक, कीटनाशक और एंटीबायटिक दवाओं का छिड़काव करने के साथ माहो के लिए बूफरोफेंजिन एसीफेट और नुवान का छिड़काव करने का सलाह दिए हैं.

बेमेतराः प्रदेश में अच्छी बारिश के बाद किसानों में उम्मीद जगी हुई थी, लेकिन धान की फसलों में ब्लास्ट और खैरा रोग के प्रभाव से उनकी चिंता अब बढ़ने लगी है. वहीं धान की बाली निकलने के बाद से माहो का प्रकोप किसानों की चिंता को दोगुना करने का काम कर रहा है.

किसानों को कीटों के प्रकोप से फसल के उत्पादन में कमी का डर सता रहा है . असमय हुई बारिश ने सोयाबीन की फसल में पीलेपन अंकुरण आ गया है और दाने काले पड़ गए है.

बेमौसम बारिश से चौपट हुई फसल
किसान रमेश साहू और पंकज सप्रे ने बताया कि अंचल में बारिश तो अच्छी हुई जिससे फसल भी अच्छा होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से अब धान की फसल के साथ-साथ अब सोयाबिन की फसल भी प्रभावित होने लगी है. उन्होंने कही कि उत्पादन में कमी दिखाई दे रही है. बेमौसम बारिश से सोयाबीन सड़ गए है. इसके अलावा बचे हुए फसल को अंचल में घूम रहे आवारा मवेशियों ने चट कर दिया जिससे किसान परेशान हैं.

कृषि अधिकारी ने दी सलाह
वरिष्ठ कृषि अधिकारी आरके सोलंकी ने बताया कि अंचल में धान की फसल में लगे बीमारियों को ठीक करने के लिए फफूंद नाशक, कीटनाशक और एंटीबायटिक दवाओं का छिड़काव करने के साथ माहो के लिए बूफरोफेंजिन एसीफेट और नुवान का छिड़काव करने का सलाह दिए हैं.

Intro:एंकर -जिले में धान की फसलों में ब्लास्ट खैरा रोग ब्लाइट का प्रकोप बढ़ गया है जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं वही बाली निकले खेतों में माहू का प्रकोप हैं जिससे फसल के उत्पादन में कमी हो जाने का भय किसानों को सता रहा है सोयाबीन की फसल में असमय हुई बारिश में फसल में पीले पन अंकुरण आ गए गए एवम दाने काले पड़ गए है।Body:किसान रमेश साहू पंकज सप्रे ने बताता की अंचल में बारिश तो अच्छी हुई जिससे फसल भी अच्छा होने का अनुमान लगाया जा रहा था परंतु धान के साथ साथ सोयाबीन उत्पादन भी बेमौसम बारिश से प्रभावित हुआ है एवं उत्पादन में कमी दिखाई दे रही है बेमौसम बारिश से बहुत से सोयाबीन सड़ गए एवं बहुत से सोयाबीन की फसल को अंचल में घूम रहे आवारा मवेशियों ने चट कर दिया जिससे किसान परेशान हैं ।Conclusion:वरिष्ठ कृषि अधिकारी आर के सोलंकी ने बताया कि किसान ब्लास्ट के लिए फफूंद नाशक कीटनाशक एवं एंटीबायटिक दवाओं का छिड़काव करे वही माहू के लिए बूफरोफेंजिन एसीफेट और नुवान का छिड़काव करें।
बाईट-1 रमेश साहू किसान
बाईट-2 पंकज सप्रे किसान
बाईट-3 आर के सोलंकी वरिष्ठ कृषि अधिकारी बेमेतरा
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