बेमेतरा: गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने नवागढ़ विधानसभा के ग्राम झालम में गौ अभ्यारण्य का निरीक्षण किया. इस दौरान संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे भी मौजूद रहे. अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने अभ्यारण्य में सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष रामसुंदर दास ने जिले के सैगोना और आंदू में बने गौशाला का भी निरीक्षण किया.
बता दें कि ग्राम झालम में 50 एकड़ से ज्यादा रकबे में बना गौ अभयारण्य छत्तीसगढ़ का एकलौता गौ अभ्यारण्य है. यहां रखे गए पशुओं की जानकारी लेते हुए अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा की गौ अभयारण्य के नाम के अनुरूप ही इसे विकसित किया जाएगा. यह प्रदेश में रोल मॉडल बनेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौधन की रक्षा और सुरक्षा दोनों ही सरकार की प्राथमिकता है. नवागढ़ विधानसभा में राज्य का पहला गौ अभ्यारण्य होना एक शुभ संकेत है.
गौ अभयारण्य का किया जाएगा विकास
अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा की वे गौ अभयारण्य को देखने आए हैं, आगे इसमें विस्तार किया जाएगा. गौठान और गौशाला में रखे पशुओं के समुचित देखभाल के लिए वे संकल्पित हैं. यही वजह है कि उन्होंने अभ्यारण्य पहुंचकर जमीनी स्तर पर इसकी जानकारी ली.
झालम गांव में छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभ्यारण्य
नवागढ़ विधायक और संसदीय सचिव गुरुदयाल बंजारे ने कहा कि प्रदेश का प्रथम गौ अभ्यारण्य नवागढ़ विधानसभा में होना यहां के लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि गौ अभ्यारण्य को बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा.
पढ़ें- गौठान में 50 से अधिक गोवंश की मौत पर हड़कंप, सीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश, भड़का विपक्ष
गौ अभ्यारण्य के निरीक्षण के दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष बंशी पटेल, ब्लाक अध्यक्ष शक्ति धर दीवान, कांग्रेस के कार्यकर्ता जावेद खान, अवनीश राघव , विश्वराज सिंह, झालम सरपंच दुकलहा साहू, बेमेतरा जनपद पंचायत सीईओ रश्मि सिंह सहित झालम के गौसेवक मौजूद रहे.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में हरेली त्योहार के दिन राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना की शुरूआत की है. इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा. जिससे महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा. वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार द्वारा खरीदा जाएगा. खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जाएंगी.
योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है. इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है. गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा.