बेमेतरा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने बेमेतरा जिला मुख्यालय के बेसिक स्कूल ग्राउंड में आयोजित किसान सम्मेलन (kisan sammelan) के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में गोबर से बिजली उत्पादन की परियोजना (dung power generation project) का वर्चुअल शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने जिले को 503 करोड़ के विकासकार्यों की सौगात भी दी. शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को अनुदान सहायता राशि और सामग्री भी बांटी. इस मौके पर सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम सुराज की परिकल्पना को साकार करते हुए गांवों को स्वावलंबी बना रहा है. अब छत्तीसगढ़ के गांव गोबर से विद्युत उत्पादन के मामले में स्वावलंबी होंगे.
बेसिक स्कूल ग्राउंड में आयोजित किसान सम्मेलन के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में गोबर से बिजली उत्पादन की परियोजना का शुभारंभ किया गया. गौठानों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में विभिन्न प्रकार के उत्पादों को तैयार करने के लिए लगी मशीनें भी गोबर की बिजली से चलेगी. गोबर से सस्ती बिजली उत्पादन होने के साथ-साथ जैविक खाद का भी उत्पादन होगा. इस मौके पर सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम सुराज की परिकल्पना को साकार करते हुए गांवों को स्वावलंबी बना रहा है. इससे गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को दोहरा लाभ होगा. गौठानों में लगी एक यूनिट से 150 किलोवाट बिजली पैदा होगी. जिससे गौठानों और महिला समूहों को दोहरा लाभ होगा.
3 जिलों में गोबर से बिजली बनाने की यूनिट
गोबर से बिजली उत्पादन की परियोजना के प्रथम चरण में बेमेतरा जिले के राखी, दुर्ग के सिकोला और रायपुर जिले के बनचरौदा में गोबर से विद्युत उत्पादन की यूनिट लगाई गई है. एक यूनिट से 85 क्यूबिक घन मीटर गैस बनेगी. चूंकि एक क्यूबिक घन मीटर से 1.8 किलोवाट बिजली का उत्पादन होता है. इससे एक यूनिट में 153 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा. इस तरह तीनों गौठानों में स्थापित बायो गैस जेनसेट इकाईयों से लगभग 460 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा. जिससे गांवों, गौठानों में बिजली व्यवस्था के साथ-साथ वहां स्थापित मशीनों का संचालन हो सकेगा.
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बिजली के साथ जैविक खाद भी मिलेगा
गोबर से बिजली उत्पादन की यूनिट से बिजली उत्पादन के बाद शेष स्लरी के पानी का उपयोग बाड़ी और चारागाह में सिंचाई के लिए होगा. बाकी अवशेष से जैविक खाद तैयार होगी. इस तरह से देखा जाए तो गोबर से पहले बिजील उत्पादन और उसके बाद शत-प्रतिशत मात्रा में जैविक खाद मिलेगी. इससे गौठान समितियों और महिला समूहों को दोहरा लाभ मिलेगा.
सुराजी गांव योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 6 हजार गांवों में गौठानों का निर्माण कराकर उन्हें रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया गया है. यहां गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपये किलो में गोबर की खरीदी कर बड़े पैमाने पर जैविक खाद का उत्पादन और अन्य आयमूलक गतिविधियां समूह की महिलाओं द्वारा संचालित की जा रही है.
'गांव का अब हर ग्रामीण बिजली पैदा करेगा'
सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि गांव में अब टेटकू, बैशाखू भी बिजली पैदा करेंगे. अब छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में अपना खुद का बिजली प्लांट होगा. अब गांव-गांव गौठान में तेल पेराई के भी काम होंगे. गांव में उत्पादन के बाद उनको बेचने का काम प्रशासन करेगा. सीएम ने वर्चुअल तरीके से समूह की महिलाओं से भी बातचीत की.
एक दर्जन से अधिक योजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की मांग पर जिले के देवकर को पूर्ण तहसील, थान नखम्हारिया में पॉलिटेक्निक कॉलेज, साजा में स्वामी आत्मानंद, बेमेतरा के भीभौंरी को पूर्ण तहसील, बेमेतरा में पूर्ण आडोटोरियम स्टेडियम, साजा में कुमारी देवी चौबे के नाम से कृषि कालेज, ग्राम पंचायत दाढ़ी को नगर पंचायत, नांदघाट-नवागढ़ में कोषालय, नांदघाट में कॉलेज, नवागढ़ में अनुसूचित जाति छात्रावास, बेमेतरा जिला में मेडिकल कालेज की घोषणा की. दाढ़ी को नगर पंचायत बनाने और वहां उप कोषालय खोलने, नवागढ़ में भी उप कोषालय और कन्या पोस्ट मेट्रिक छात्रावास शुरू करने, साजा के एग्रीकल्चर कॉलेज का नामकरण स्वर्गीय कुमारी देवी चौबे के नाम करने, बेमेतरा के कृषि महाविद्यालय का नामकरण पूर्व विधायक स्वर्गीय डॉ. चेतन वर्मा के नाम किए जाने की घोषणा की. इस मौके पर सीएम ने बेमेतरा में ऑडिटोरियम का निर्माण और बेमेतरा नगर पालिका को एक करोड़ और जिले के नगर पंचायतों को विकास कार्यों के लिए 50-50 लाख रुपये देने का एलान किया. कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे, विधायक आशीष छाबड़ा सहित शासन के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे.