बेमेतरा: छत्तीसगढ़ शासकीय अधिकारी कर्मचारी फाउंडेशन के प्रांतीय आह्वान पर बीते 2 दिनों से कर्मचारियों के द्वारा अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर शिव अनन्त तायल को ज्ञापन भी सौंपा गया है.
इस ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना काल में वृद्धि मित्र गीता के नाम पर राज्य के कर्मचारियों-अधिकारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान का एरियर और तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगाकर कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है.
सरकार पर लगाया दोहरे मापदंड का आरोप
वहीं वित्तीय संकट के दौर में वर्तमान और पूर्व विधायकों के भत्ते-पेंशन में वृद्धि, संसदीय सचिवों की नियुक्ति और निगम मंडल व प्राधिकरण के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है. इसके अलावा नया रायपुर में नए विधानसभा भवन, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के विश्रामगृह सहित सचिवों के बंगले के निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है.
कर्मचारियों का कहना है कि हम कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी दे रहे हैं और सरकार के पास 50 लाख का बीमा करने के लिए पैसे नहीं हैं. इसके साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.
कर्मचारियों की मांगें कुछ इस तरह हैं-
- प्रदेश के लिपिक सहित समस्त कर्मचारियों के वेतनमान विसंगति का तत्काल निराकरण किया जाए.
- कोरोना संक्रमण में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों के परिवार को 50 लाख का अनुदान व परिवार के सदस्य को योग्यता अनुसार निश्चित विशेष अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए.
- कोरोना वॉरियर्स के रूप में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक महीने का अतिरिक्त वेतन प्रदान किया जाए.
- जुलाई 2020 में मिलने वाली वेतन वृद्धि को तत्काल बहाल किया जाए.
- कोरोना संक्रमण के पहले का जुलाई 2019 में 5% महंगाई भत्ता समस्त कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को दिया जाए.
- तृतीय श्रेणी के पदों पर विगत 2 सालों से अनुकंपा नियुक्ति में लगी रोक को तुरंत हटाया जाए और अनुकंपा नियुक्ति के सभी लंबित प्रकरणों का एक महीने के अंदर निराकरण किया जाए.
- चतुर्थ श्रेणी के कार्यभारित एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना की नियुक्ति कर नियमित कर्मचारियों की तरह समस्त लाभ दिया जाए.
- कुर्ला से पीड़ित साक्षी कर्मचारी और उसके आश्रित के सदस्यों के इलाज में खर्च राशि के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए समस्त विभागों में विशेषता आवंटन राशि दी जाए.
- नई पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना छत्तीसगढ़ में लागू की जाए.