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मारो तालाब की खुदाई में मिली प्राचीन सुरंग और जानवरों की हड्डी

मारो में तालाब की खुदाई के दौरान एक बड़े जानवर की हड्डी के साथ एक सुरंग मिली है. यहां एक महीने से खुदाई जारी है.

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Published : Apr 17, 2019, 12:07 PM IST

Updated : Apr 17, 2019, 1:48 PM IST

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बेमेतरा: जिले के नगर पंचायत मारो में तालाब की खुदाई के दौरान एक बड़े जानवर की हड्डी के साथ एक सुरंग मिला है. बड़े जानवर की हड्डी मिलने की खबर के बाद वहां ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. लोगों में हड्डी और सुरंग देखने के होड़ लगी है.

मारो तालाब की खुदाई

बताया जा रहा है कि, मारो के रानी सागर तालाब में बीते एक महीने से खुदाई जारी है. यहां से मुरम निकाल कर सड़क निर्माण के लिए ले जाया जा रहा है. मंगलवार को खुदाई के दौरान अचान यहां एक सुरंग दिखी. जिसकी खबर मिलते ही लोग नारियल और अगरबत्ती लेकर वहां पहुंच गए और पूजा-पाठ करने लगे.

राजाओं का गढ़ रहा है मारो
जानकार बताते हैं, मारो छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ों में से एक है, इसका प्राचीन नाम माढ़ोगढ़ था. जो समय के साथ मारो हो गया. मारो राजा मानसिंह का राज्य रहा है. यहां कई प्राचीन किले, भव्य देवी महामाया का मंदिर है, जहां नवरात्रि के दोनों पक्षों में कलश स्थापना की जाती है.
सुरंग के रास्ते तलाब जाती थी रानी
जानकार बताते हैं, पुराने समय में रानी अपने रजवाड़ा से स्नान करने सुरंग के रास्ते सागर तालाब जाती थी. इसीलिए इस तालाब का नाम रानी सागर तालाब पड़ा है. अब सुरंग जैसा गड्ढा मिलने से इस बात की सत्यता के प्रमाण मिलने लगे हैं.
खुदाई के दौरान मिली जानवरों की हड्डी
नगर पंचायत मारो के उपाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने बताया को मारो ऐतिहासिक नगरी है. यहां पुरात्तव विभाग को आकर सामग्री संकलन करना चाहिए. मारो निवासी अशोक कौशल ने बताया कि, रानी तालाब के खुदाई के दौरान प्राचीन घोड़े के मुंह की हड्डी और सुरंग मिली है.

नोट- ईटीवी भारत किसी तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता

बेमेतरा: जिले के नगर पंचायत मारो में तालाब की खुदाई के दौरान एक बड़े जानवर की हड्डी के साथ एक सुरंग मिला है. बड़े जानवर की हड्डी मिलने की खबर के बाद वहां ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. लोगों में हड्डी और सुरंग देखने के होड़ लगी है.

मारो तालाब की खुदाई

बताया जा रहा है कि, मारो के रानी सागर तालाब में बीते एक महीने से खुदाई जारी है. यहां से मुरम निकाल कर सड़क निर्माण के लिए ले जाया जा रहा है. मंगलवार को खुदाई के दौरान अचान यहां एक सुरंग दिखी. जिसकी खबर मिलते ही लोग नारियल और अगरबत्ती लेकर वहां पहुंच गए और पूजा-पाठ करने लगे.

राजाओं का गढ़ रहा है मारो
जानकार बताते हैं, मारो छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ों में से एक है, इसका प्राचीन नाम माढ़ोगढ़ था. जो समय के साथ मारो हो गया. मारो राजा मानसिंह का राज्य रहा है. यहां कई प्राचीन किले, भव्य देवी महामाया का मंदिर है, जहां नवरात्रि के दोनों पक्षों में कलश स्थापना की जाती है.
सुरंग के रास्ते तलाब जाती थी रानी
जानकार बताते हैं, पुराने समय में रानी अपने रजवाड़ा से स्नान करने सुरंग के रास्ते सागर तालाब जाती थी. इसीलिए इस तालाब का नाम रानी सागर तालाब पड़ा है. अब सुरंग जैसा गड्ढा मिलने से इस बात की सत्यता के प्रमाण मिलने लगे हैं.
खुदाई के दौरान मिली जानवरों की हड्डी
नगर पंचायत मारो के उपाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने बताया को मारो ऐतिहासिक नगरी है. यहां पुरात्तव विभाग को आकर सामग्री संकलन करना चाहिए. मारो निवासी अशोक कौशल ने बताया कि, रानी तालाब के खुदाई के दौरान प्राचीन घोड़े के मुंह की हड्डी और सुरंग मिली है.

नोट- ईटीवी भारत किसी तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता

Intro:मारो तलाब की खुदाई में मिली जानवरो की हड्डी
और पुरानी सुरंग

राजाओ का गढ़ रहा है मारो ,हड्डी और सुरंग मिलने से लोगो मे उमड़ी आस्था

बेमेतरा16 अप्रैल

जिले के नगर पंचायत मारो में तालाब खुदाई के दौरान एक बड़े जानवर की हड्डी और सुरंग जैसा बड़ा छेद मिला है, जैसे ही ये जानकारी लोगों तक पहुची ग्रामीणों की भीड़ गड्ढे और जानवर की हड्डी को देखने उमड़ पड़ी। मारो के रानी सागर तालाब में बीते महीने भर से तालाब की खुदाई जारी है, यहाँ से मुरम निकाल कर सड़क निर्माण में उपयोग किया जा रहा है। आज सुबह लोगो को जैसे ही सुरंग जैसे दिखने वाले गड्ढे की जानकारी मिली लोग नारियल अगरबत्ती लेकर पहुच गए।

(राजवाड़ा और राजाओं का गढ़ रहा है मारो)

मारो छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ो में से एक है, इसका प्राचीन नाम माढ़ोगढ़ था जो समय के साथ मारो को हो गया। मारो रजवाड़ा रहा है, यहाँ राजा मानसिंग राज करते थे। यहाँ प्राचीन किला, भव्य देवी महामाया का मंदिर है जहा नवरात्री के दोनों पक्षो में कलश स्थापना की जाती है। लोगो की माने तो पुराने समय में रानी अपने रजवाड़ा(बाड़ा) से स्नान करने सुरंग के रास्ते रानी सागर तालाब जाती थी, इसीलिए इस तालाब का नाम रानी सागर तालाब पड़ा है। अब सुरंग जैसा गड्ढा मिलने से इस बात को जोर मिलने लगा है।और पुरानी कहानी की सत्यता सामने आने लगीं।

नगर पंचायत मारो के उपाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने बताया को मारो ऐतिहासिक नगरी है यहाँ पुरात्तव विभाग को आकर सामग्री संकलन करना चाहिये।

मारो निवासी अशोक कौशल ने बताया कि रानी तालाब के खुदाई के दौरान प्राचीन घोड़े के मुंह के हड्डी मिली है और रानी के सुरंग मिली है।

बाइट-जितेंद्र तिवारी उपाध्यक्ष नगर पंचायत मारो(चश्मा )
अशोक कौशल मारो निवासी(पिला शर्ट)Body:BmtConclusion:Bmt
Last Updated : Apr 17, 2019, 1:48 PM IST
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