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रेफर सेंटर बना बेमेतरा जिला अस्पताल, नहीं है एंटी रेबीज वैक्सीन

बेमेतरा का जिला अस्पताल रेफर सेंटर बन गया है. यहां मरीजों का इलाज नहीं होता है. यहां जो भी आता है उसे बस रेफर कर दिया जाता है.

रेफर सेंटर बना बेमेतरा जिला अस्पताल
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Published : Oct 9, 2019, 10:36 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 7:23 AM IST

बेमेतरा: जिले के सबसे बड़े अस्पताल का हाल बेहाल है. जिला अस्पताल को लोग अब रेफर सेंटर के नाम से बुलाने लगे हैं. इसकी वजह ये है कि यहां इलाज के लिए आए मरीजों को ट्रीटमेंट देने की बजाए रेफर कर दिया जाता है.

रेफर सेंटर बना बेमेतरा जिला अस्पताल

बुधवार को अंधियारखोर गांव में एक आठ साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था, जिसमें वो बुरी तरह से जख्मी हो गया था.बच्चे के परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे. जहां पहले तो डॉक्टर नहीं थे, आधे घंटे बाद जब डॉक्टर पहुंचे, तो पता चला कि अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन ही नहीं है. इसके बाद डॉक्टर ने बच्चे को टिटनेस का इंजेक्शन लगाकर रेफर कर दिया.

  • जिला अस्पताल से रेफर होने के बाद बच्चे के परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में ले जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाया.
  • इधर, मामला सामने आने के बाद जिले के कलेक्टर में इस पर संज्ञान लेते हुए सीएचएमओ को तलब किया है.
  • बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिला अस्पताल प्रबंधन से एंटी रेबीज वैक्सीन की जानकारी मांगी थी और सभी जिला अस्पताल को पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सीन रखने के निर्देश दिए थे.

बेमेतरा: जिले के सबसे बड़े अस्पताल का हाल बेहाल है. जिला अस्पताल को लोग अब रेफर सेंटर के नाम से बुलाने लगे हैं. इसकी वजह ये है कि यहां इलाज के लिए आए मरीजों को ट्रीटमेंट देने की बजाए रेफर कर दिया जाता है.

रेफर सेंटर बना बेमेतरा जिला अस्पताल

बुधवार को अंधियारखोर गांव में एक आठ साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था, जिसमें वो बुरी तरह से जख्मी हो गया था.बच्चे के परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे. जहां पहले तो डॉक्टर नहीं थे, आधे घंटे बाद जब डॉक्टर पहुंचे, तो पता चला कि अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन ही नहीं है. इसके बाद डॉक्टर ने बच्चे को टिटनेस का इंजेक्शन लगाकर रेफर कर दिया.

  • जिला अस्पताल से रेफर होने के बाद बच्चे के परिजनों ने उसे निजी अस्पताल में ले जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाया.
  • इधर, मामला सामने आने के बाद जिले के कलेक्टर में इस पर संज्ञान लेते हुए सीएचएमओ को तलब किया है.
  • बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिला अस्पताल प्रबंधन से एंटी रेबीज वैक्सीन की जानकारी मांगी थी और सभी जिला अस्पताल को पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सीन रखने के निर्देश दिए थे.
Intro:एंकर- जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जिला अस्पताल को लोक रिसर्च सेंटर क्यों कहते हैं इसकी बानगी आज एक बार फिर देखने को मिली दरअसल जिले के ग्राम अंधियारखोर 8 वर्षीय मासूम को आवारा कुत्ते ने बुरी तरीके से काट दिया जिससे मासूम के उंगली अलग हो गया परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो यहां एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं था मासूम को महज टिटनेश इंजेक्शन लगाकर रेफर करना पड़ा।Body:दरअसल अँधियारखोर निवास भीम साहू 10 वर्ष पिता दिनेश साहू को आज गांव के पागल कुत्ते ने काट दिया जिसे नजदीक के मरका स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टर उपस्थित नही थे जिसके बाद आनन फानन में जिला अस्पताल लाया गया जहाँ एंटी रैबीज इंजेक्शन नही था जिसके बाद परिजन निजी अस्पताल में दाखिल करा कर एंटी रैबी जइंजेक्शन लगवाए।Conclusion:मामले में परिजन खेमराज साहू ने बताया मरीज को पहले मरका अस्पताल ले जाया गया जहाँ कोई डॉकटर नही थे जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया 30 मिंनट बाद पता चला को एंटी रैबीज इंजेक्शन नही है तब मरीज को निजी अस्पताल में उपचार कराया गया। मामले में कलेक्टर ने सीएचएमओ को तलब किया है।
बाईट-खेमराज साहू मरीज कें परिजन
बाईट-ताराचंद माहेश्वरी समाजसेवी बेमेतरा
बाईट-सिखाराजपुत तिवारी कलेक्टर बेमेतरा
Last Updated : Oct 10, 2019, 7:23 AM IST
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