बेमेतरा : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. कलेक्टर दर से वेतन, कार्यकर्ता सहायिका के रिक्त पद पर भर्ती , सेवानिवृत्त होने के 5 लाख कार्यकर्ताओं को 03 लाख सहायिकाओं को देने, सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति, पेंशन और शासकीय सेवकों की तरह सुविधाएं अहम हैं. वही इन 6 सूत्री मांगों को लेकर बेमेतरा तहसील कार्यालय के निकट जय स्तंभ चौक में तंबू लगाकर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है.
आंगनबाड़ी केंद्रों में लटके ताले : आंगनबाड़ी केंद्रों में टीकाकरण, गर्भवतियों की जांच, पोषण आहार का वितरण जैसे प्रमुख कार्य संचालित होते हैं. अब हड़ताल से यह सभी कार्य प्रभावित रहेंगे. प्रशासन के पास आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. यानी हड़ताल खत्म होने तक केंद्रों में ताले लटके रहेंगे. कार्यकर्ता सहायिकाओं ने अलग-अलग दिन अलग ढंग से प्रदर्शन की तैयारी कर रखी है.आगामी दिनों में हड़ताल कर रहीं महिलाए राजधानी रायपुर भी कूच कर सकती हैं,
ये भी पढ़ें- बेमेतरा में प्राचार्य के तानाशाही से नाराज छात्रों ने खोला मोर्चा
मांगें पूरी करने पर अड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता : प्रदर्शन कर रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला अध्यक्ष विद्या जैन ने कहा कि ''मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने अपने ही घोषणापत्र में कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 6 सूत्रीय मांगों को पूर्ण किया जाएगा. लेकिन अब तक मांग पूरा नहीं किया गया है. जिसके कारण हम को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करना पड़ा है.'' वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुमारी गायकवाड़ ने कहा कि ''सरकार हमें सरकारी कर्मचारी घोषित करें सरकार हमें जो वेतन देती है उतने में कुछ भी नहीं होता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती शिशुवती माताएं शून्य से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चे की देखरेख कर प्राइमरी स्कूल भेजते हैं. जिसके बाद भी कार्यकर्ता और सहायिका का वेतन नहीं बढ़ पाया है. यही सब मांगों को लेकर हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जब तक सरकार मांगें पूरा नहीं करती अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा.''