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बेमेतरा में 8 महीने की गर्भवती नर्स की कोरोना से मौत, परपोड़ी अस्पताल में थी पदस्थ

बेमेतरा के साजा ब्लॉक में एक 8 महीने की गर्भवती नर्स की मौत हो गई है. बताया जा रहा है नर्स कोरोना से संक्रमित हो गई थी, जिसके इलाज के लिए उसे समय पर वेंटिलेटर और दवाई नहीं मिला. वेंटिलेटर की कमी के कारण नर्स ने दम तोड़ दिया. वो गर्भावस्था के दौरान भी ड्यूटी कर रही थी.

बेमेतरा में गर्भवती नर्स की कोरोना से मौत, Pregnant nurse dies of corona in Bemetra
बेमेतरा में गर्भवती नर्स की कोरोना से मौत
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Published : Apr 29, 2021, 10:56 PM IST

बेमेतरा: साजा ब्लॉक के परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारी दुलारी ढीमर की मौत हो गई है. वेंटिलेटर नहीं मिलने को मौत का कारण बताया जा रहा है. मृतका 8 महीने की गर्भवती थी. दुलारी की मौत से पूरे परिवार में मातम है. स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही समय पर सही से इलाज और स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से कई सवाल उठने लगे हैं.

बेमेतरा में गर्भवती नर्स की कोरोना से मौत

तबीयत बिगड़ने के बाद कराया गया था जिला अस्पताल में भर्ती

जिले के परपोड़ी शासकीय अस्पताल में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारी दुलारी ढीमर 29 वर्ष की थी. 26 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित होने के बाद उसे एम्स में भर्ती कराया गया था. मृतिका साजा ब्लॉक के परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के पद पर 2 साल से काम कर रही थी. उसकी 3 साल की एक छोटी बच्ची भी है. 8 महीने की गर्भवती होने के बाद उसे अवकाश नहीं दिया गया. ड्यूटी के दौरान वो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

समय से नहीं मिला इलाज

परिजनों ने बताया कि बेमेतरा और दुर्ग के किसी भी मेडिकल स्टोर में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए भी नहीं मिली. 4 हजार रुपये के दो इंजेक्शन के लिए 15-15 हजार देने पड़े. इंजेक्शन लगने के 2 दिन तक दुलारी ठीक थी, लेकिन अचानक उसकी तबीयत खराब होने लगी, जिसके बाद रायपुर एम्स रेफर किया गया. जहां वेंटिलेटर नहीं था. 2 दिन इंतजार करने के बाद उसे बेड मिला, लेकिन वेंटिलेटर तब भी नहीं मिला, जिसके कारण दुलारी की मौत हो गई.

बेमेतरा में 28 दिनों में कोरोना ने ले ली 128 लोगों की जान

इलाज नहीं मिलने से हुई मौत

दुलारी बाई अपने परिवार के सहित परपोड़ी में ही रहती थी. 16 अप्रैल को दुलारी अपनी 3 साल की बेटी के साथ धमधा अपने ससुराल पहुंची थी. वहीं कोरोना जांच कराई जिसमें जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई. 17 अप्रैल को बुखार आने पर परिवार वालों ने बेमेतरा जिला अस्पताल में भर्ती कराया. 2 दिन तक जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद स्थिति में सुधार नहीं होते देख रायपुर एम्स में शिफ्ट किया गया था. जहां उपचार के दौरान 26 अप्रैल को उसकी मौत हो गई है.

पंचतत्व में विलीन हुई पूर्व सांसद और अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला

स्थानीय भाजपा नेता ने लगाए आरोप

परपोड़ी में पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मौत को लेकर भाजपा नेता मूलचंद शर्मा ने शासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि गर्भवती होने के बाद भी महिला को कोरोना ड्यूटी के तहत अस्पताल बुलाया गया. उनसे सेवा ली गई. मातृत्व अवकाश मांगने के बाद भी उन्हें अवकाश नहीं दिया गया है. प्रदेश के कृषि मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता को यदि चिकित्सा की सुविधा नहीं मिलती है, तो दुर्भाग्य का विषय है.

महिला ने नहीं ली थी मातृत्व अवकाश: बीएमओ

राज्य शासन में सरकारी महिला कर्मचारी को 6 महीने का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान है, लेकिन दुलारी बाई ने अवकाश नहीं ली थी. इसकी जानकारी साजा के बीएमओ अश्वनी वर्मा ने दी है. अश्वनी वर्मा ने कहा कि वह 9वें महीने में अवकाश के लिए आवेदन देने वाली थी. उनके निधन की सूचना मिली है, विभाग से सहायता दी जाएगी. बीमा क्लेम के लिए भी प्रयास किया जाएगा.

बेमेतरा: साजा ब्लॉक के परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारी दुलारी ढीमर की मौत हो गई है. वेंटिलेटर नहीं मिलने को मौत का कारण बताया जा रहा है. मृतका 8 महीने की गर्भवती थी. दुलारी की मौत से पूरे परिवार में मातम है. स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही समय पर सही से इलाज और स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से कई सवाल उठने लगे हैं.

बेमेतरा में गर्भवती नर्स की कोरोना से मौत

तबीयत बिगड़ने के बाद कराया गया था जिला अस्पताल में भर्ती

जिले के परपोड़ी शासकीय अस्पताल में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारी दुलारी ढीमर 29 वर्ष की थी. 26 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित होने के बाद उसे एम्स में भर्ती कराया गया था. मृतिका साजा ब्लॉक के परपोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के पद पर 2 साल से काम कर रही थी. उसकी 3 साल की एक छोटी बच्ची भी है. 8 महीने की गर्भवती होने के बाद उसे अवकाश नहीं दिया गया. ड्यूटी के दौरान वो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

समय से नहीं मिला इलाज

परिजनों ने बताया कि बेमेतरा और दुर्ग के किसी भी मेडिकल स्टोर में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए भी नहीं मिली. 4 हजार रुपये के दो इंजेक्शन के लिए 15-15 हजार देने पड़े. इंजेक्शन लगने के 2 दिन तक दुलारी ठीक थी, लेकिन अचानक उसकी तबीयत खराब होने लगी, जिसके बाद रायपुर एम्स रेफर किया गया. जहां वेंटिलेटर नहीं था. 2 दिन इंतजार करने के बाद उसे बेड मिला, लेकिन वेंटिलेटर तब भी नहीं मिला, जिसके कारण दुलारी की मौत हो गई.

बेमेतरा में 28 दिनों में कोरोना ने ले ली 128 लोगों की जान

इलाज नहीं मिलने से हुई मौत

दुलारी बाई अपने परिवार के सहित परपोड़ी में ही रहती थी. 16 अप्रैल को दुलारी अपनी 3 साल की बेटी के साथ धमधा अपने ससुराल पहुंची थी. वहीं कोरोना जांच कराई जिसमें जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई. 17 अप्रैल को बुखार आने पर परिवार वालों ने बेमेतरा जिला अस्पताल में भर्ती कराया. 2 दिन तक जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद स्थिति में सुधार नहीं होते देख रायपुर एम्स में शिफ्ट किया गया था. जहां उपचार के दौरान 26 अप्रैल को उसकी मौत हो गई है.

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स्थानीय भाजपा नेता ने लगाए आरोप

परपोड़ी में पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मौत को लेकर भाजपा नेता मूलचंद शर्मा ने शासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि गर्भवती होने के बाद भी महिला को कोरोना ड्यूटी के तहत अस्पताल बुलाया गया. उनसे सेवा ली गई. मातृत्व अवकाश मांगने के बाद भी उन्हें अवकाश नहीं दिया गया है. प्रदेश के कृषि मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता को यदि चिकित्सा की सुविधा नहीं मिलती है, तो दुर्भाग्य का विषय है.

महिला ने नहीं ली थी मातृत्व अवकाश: बीएमओ

राज्य शासन में सरकारी महिला कर्मचारी को 6 महीने का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान है, लेकिन दुलारी बाई ने अवकाश नहीं ली थी. इसकी जानकारी साजा के बीएमओ अश्वनी वर्मा ने दी है. अश्वनी वर्मा ने कहा कि वह 9वें महीने में अवकाश के लिए आवेदन देने वाली थी. उनके निधन की सूचना मिली है, विभाग से सहायता दी जाएगी. बीमा क्लेम के लिए भी प्रयास किया जाएगा.

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