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बेमेतरा: लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड, 2 हजार प्रवासी मजदूरों को मिला निशुल्क राशन - बेमेतरा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली

बेमेतरा में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न संकट से राहत देने राशनकार्ड बनाए गए. इसके तहत 2 हजार 7 मजदूरों को निशुल्क राशन बांटा गया.

307 new ration cards made in lockdown
लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड
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Published : Jun 14, 2020, 11:18 AM IST

बेमेतरा: लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के प्रदेश लौटने का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसे मजदूरों को खाद्यान्न संकट का सामना ना करना पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार की तरफ से सभी श्रमिकों को नए राशन कार्ड मुहैया कराए जा रहे है. लॉकडाउन के दौरान जिले में अब तक 2 हजार सात मजदूरों को निशुल्क खाद्यान्न दिया गया है, और 305 नए राशन कार्ड बनाए गए है. इसके साथ ही 1091 नए सदस्य पुराने राशन कार्ड में जोड़े गए है.

307 new ration cards made in lockdown
लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड

प्रवासी मजदूरों के बने राशन कार्ड

जिला खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लाॅकडाउन में ना सिर्फ यहां के गरीब लोगों का बल्कि प्रवासी मजदूरों के भी राशन कार्ड बनाए जा रहे है. लाॅकडाउन की अवधि में 305 नए राशनकार्ड जारी किए गए हैं, साथ ही 1091 नए सदस्य पुराने राशनकार्ड में जोड़े गए है. जिससे लोगों को आसानी से राशन सामग्री मिल सके और इन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े. वर्तमान में राशनकार्ड हितग्राहियों को पात्रतानुसार चावल के साथ, अरहर दाल भी शासन की तरफ से दिया जा रहा है.

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लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड

मुश्किल समय में मिल रही मदद

कोरोना वायरस के चलते लगे लाॅकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ वापस लौटे श्रमिकों में जिनके नाम राशनकार्ड में दर्ज नहीं है, उन्हें भी मई और जून माह के लिए 5 किलो चावल प्रति व्यक्ति, प्रति माह और 1 किलों चना प्रति परिवार की दर से निशुल्क दिया जा रहा है. बेमेतरा में अब तक 797 प्रवासी परिवारों की पहचान कर 2007 प्रवासी सदस्यों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. कोरोना काल की इस विपरीत परिस्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सरकार की तरफ से दी जाने वाली राशन सामग्री ना सिर्फ जिले के नागरिकों बल्कि प्रवासी श्रमिकों के लिए मददगार साबित हो रही है.

307 new ration cards made in lockdown
लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड
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लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान पूरे प्रदेश में गरीबों और प्रवासी श्रमिकों को राहत देने के लिए राशनकार्ड बनाए जा रहे है. रायपुर में 3086 राशनकार्ड बनाए गए है. इनमें 2582 BPL और 504 APL कार्ड है, वहीं 4983 नए सदस्यों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए है. दुर्ग जिले में 7418 राशनकार्ड बनाए गए है, इनमें 987 BPL और 6431 APL राशनकार्ड बनाए गए. वहीं जिले में 9900 से ज्यादा लोगों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए है.बलौदाबाजार जिले में 3367 नए राशनकार्ड बनाए गए, और 807 सदस्यों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए.राजनांदगांव में 3367 नए राशनकार्ड बनाए गए, और 4309 लोगों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए. सरगुजा में 2447 नए राशनकार्ड बनाए गए, और 1892 लोगों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए.

बेमेतरा: लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों के प्रदेश लौटने का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसे मजदूरों को खाद्यान्न संकट का सामना ना करना पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार की तरफ से सभी श्रमिकों को नए राशन कार्ड मुहैया कराए जा रहे है. लॉकडाउन के दौरान जिले में अब तक 2 हजार सात मजदूरों को निशुल्क खाद्यान्न दिया गया है, और 305 नए राशन कार्ड बनाए गए है. इसके साथ ही 1091 नए सदस्य पुराने राशन कार्ड में जोड़े गए है.

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लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड

प्रवासी मजदूरों के बने राशन कार्ड

जिला खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लाॅकडाउन में ना सिर्फ यहां के गरीब लोगों का बल्कि प्रवासी मजदूरों के भी राशन कार्ड बनाए जा रहे है. लाॅकडाउन की अवधि में 305 नए राशनकार्ड जारी किए गए हैं, साथ ही 1091 नए सदस्य पुराने राशनकार्ड में जोड़े गए है. जिससे लोगों को आसानी से राशन सामग्री मिल सके और इन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े. वर्तमान में राशनकार्ड हितग्राहियों को पात्रतानुसार चावल के साथ, अरहर दाल भी शासन की तरफ से दिया जा रहा है.

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लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड

मुश्किल समय में मिल रही मदद

कोरोना वायरस के चलते लगे लाॅकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ वापस लौटे श्रमिकों में जिनके नाम राशनकार्ड में दर्ज नहीं है, उन्हें भी मई और जून माह के लिए 5 किलो चावल प्रति व्यक्ति, प्रति माह और 1 किलों चना प्रति परिवार की दर से निशुल्क दिया जा रहा है. बेमेतरा में अब तक 797 प्रवासी परिवारों की पहचान कर 2007 प्रवासी सदस्यों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. कोरोना काल की इस विपरीत परिस्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सरकार की तरफ से दी जाने वाली राशन सामग्री ना सिर्फ जिले के नागरिकों बल्कि प्रवासी श्रमिकों के लिए मददगार साबित हो रही है.

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लॉकडाउन में बने 307 नए राशन कार्ड
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बता दें कि लॉकडाउन के दौरान पूरे प्रदेश में गरीबों और प्रवासी श्रमिकों को राहत देने के लिए राशनकार्ड बनाए जा रहे है. रायपुर में 3086 राशनकार्ड बनाए गए है. इनमें 2582 BPL और 504 APL कार्ड है, वहीं 4983 नए सदस्यों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए है. दुर्ग जिले में 7418 राशनकार्ड बनाए गए है, इनमें 987 BPL और 6431 APL राशनकार्ड बनाए गए. वहीं जिले में 9900 से ज्यादा लोगों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए है.बलौदाबाजार जिले में 3367 नए राशनकार्ड बनाए गए, और 807 सदस्यों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए.राजनांदगांव में 3367 नए राशनकार्ड बनाए गए, और 4309 लोगों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए. सरगुजा में 2447 नए राशनकार्ड बनाए गए, और 1892 लोगों के नाम राशनकार्ड में जोड़े गए.

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