जगदलपुर: बस्तर पुलिस की ओर से चलाए जा रहे लोन वर्राटू घर वापसी अभियान को सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने एक ढकोसला बताया है. सोनी सोरी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि लोन वर्राटू घर वापसी अभियान के तहत पुलिस पूरी तरह से फर्जीवाड़ा कर रही है और इसे पैसे कमाने का एक जरिया बना लिया है.
सोनी सोरी ने कहा कि बस्तर पुलिस दंतेवाड़ा में घर वापसी अभियान के नाम पर ग्रामीणों को नक्सली बताकर उन्हें आत्मसमर्पण करवा रही है. इन ग्रामीणों में ऐसे भी लोग शामिल हैं, जो जेलों में बंद थे और रिहा होने के बाद उन्हें भी पुलिस नक्सली बताकर सरेंडर करा रही है, जो कि सरासर गलत है. पुलिस इस अभियान के तहत अपनी वाहवाही लूटाने के लिए केवल निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर सरेंडर करवा रही है, जबकि इस अभियान में अब तक एक भी कोई बड़ा नक्सली लीडर या ईनामी नक्सली ने सरेंडर नहीं किया है.
रुपए कमाने में लगी बस्तर पुलिस
सोनी सोढ़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि, इससे पहले बस्तर पुलिस फर्जी एनकाउंटर और मासूम ग्रामीणों को नक्सली बताकर जेल में बंद कर रुपए कमाने में लगी थी और अब लोन वर्राटू अभियान के जरिए भोले-भाले ग्रामीणों को फंसाकर रुपए कमाने में लगी हुई है.
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बड़े नक्सलियों को पकड़े बस्तर पुलिस
उन्होंने कहा कि इस अभियान से सिर्फ पुलिसकर्मियों को फायदा हो रहा है. पुलिस ने इस अभियान को आय का जरिया बना लिया है. यह अभियान बस्तर में किसी तरह से भी सफल नहीं है और पुलिस को चाहिए कि इन निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर सरेंडर कराने की बजाय बड़े-बड़े नक्सली लीडरों को घर वापसी के नाम पर सरेंडर कराएं तब यह अभियान सफल है.