बस्तर: मानसून बस्तर में दस्तक दे चुका है. नदी नाले उफान पर हैं. इसी के साथ नक्सलियों के खिलाफ बस्तर पुलिस का ऑपरेशन मानसून भी पूरे जोरशोर के साथ चल रहा है. बस्तर पुलिस ने मानसून सीजन के दौरान पिछले 3 साल में करीब 36 माओवादी कैडर को केवल बस्तर में मार गिराया है. बारिश के दौरान जंगल के अंदरूनी इलाकों में सुरक्षाबल के जवान आसानी से पहुंच रहे हैं, जहां पहले पहुंचने में जवानों को काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ता था.
नक्सलियों के हथियार और आईईडी भी किए गए जब्त: बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक सुरक्षाबल के जवानों ने बस्तर के अंदरूनी और सीमावर्ती इलाकों में मानसून के दौरान भी ऑपरेशन लॉन्च किया. इन ऑपरेशंस का परिणाम भी सकारात्मक मिल रहा है. हर साल 30 से अधिक ऑपरेशन लॉन्च किया गया. इस ऑपरेशन के दौरान प्रतिवर्ष जवानों को मुठभेड़ में सफलता मिला है. 12 की संख्या में प्रतिवर्ष नक्सलियों के शव को बरामद किया गया है. इसके अलावा नक्सलियों के हथियार और आईईडी बम भी जब्त किए गए.
सुरक्षाबल के जवानों को मानसून के दौरान मिलने वाली कठिनाइयों को कैसे पार करना है, मुश्किल हालातों में कैसे बाहर निकलना है और ऑपरेशन को किस प्रकार से संचालित करना है, इसे लेकर विशेष ट्रेनिंग दी गई है. सुरक्षाबल के जवान ट्रेनिंग पाकर बस्तर के अंदरूनी इलाकों में ऑपरेशन लांच कर रहे हैं. यही कारण है कि ऑपरेशन मानसून के दौरान लगातार सुरक्षाबल के जवानों को नक्सली मोर्चे पर सफलता मिल रही है. -सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
सुकमा जिले में जवानों ने ऑपरेशन मानसून लॉन्च करते हुए नक्सलियों के सबसे मजबूत व कोर इलाका कहे जाने वाले क्षेत्र में 100 की संख्या वाले दो बड़े नक्सली कैंप को ध्वस्त किया. साथ ही आसपास के इलाके से सर्चिंग करते हुए बड़ी मात्रा में नक्सल सामग्री और विस्फोटक सामग्री बरामद किया. -उत्तम प्रताप, डीएसपी, डीआरजी
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लगातार पुलिस की कार्रवाई से परेशान माओवादियों ने कुछ दिनों पहले प्रेसनोट जारी कर इस बात का भी खुलासा किया है कि बीते एक साल में 90 की संख्या में माओवादी कैडर की मौत हुई है. हालांकि यह आंकड़ा दूसरे क्षेत्रों का भी है. लेकिन दक्षिण बस्तर में 30 माओवादी कैडर बीते 3 साल में मारे गए हैं.