जगदलपुर: बस्तर के ऐतिहासिक दलपत सागर तालाब को साफ करने के लिए नगर निगम ने एक योजना तैयार कर ली है. करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी दलपत सागर गंदगी से पटा हुआ है. इस तालाब की साफ-सफाई के नाम पर सालों से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. तालाब के जीर्णोद्धार के लिए जिला और निगम प्रशासन ने जल्द ही सरोवर में उगे शैवाल और दुसरे जलीय पौधों को साफ कराने के लिए एक करोड़ रुपए की लागत से एक मशीन लेने की योजना बनाई है. बस्तर के इस तालाब को राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब की तरह विकसित करने की प्लानिंग की गई है.
बस्तर का ऐतिहासिक दलपत सागर तालाब अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है. तालाब में चारों ओर गंदगी मौजूद है और शैवाल सहित कई जलीय पौधे तालाब को नष्ट कर रहे हैं. एनजीटी ने नगर निगम को जल्द से जल्द सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए निर्देशित किया था, जिससे शहर का दूषित पानी दलपत सागर में जाता है उसे डाइवर्ट किया जा सके और तालाब को गंदगी से बचाया जा सके.
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जरूरत से ज्यादा गंदगी होने की वजह से अब यहां पर मछुआरे भी उतरने से कतराते हैं. फिलहाल नगर निगम फिर से एक नया प्लान लेकर आया है, जिसके तहत तालाब को संवारा जाएगा. निगम ने एक करोड़ रुपए की मशीन हैदराबाद से मंगवाई है. यह मशीन एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन है, जिससे तालाब की मैनुअली सफाई की जगह मशीन के जरिए कचरा निकाला जा सकेगा. अगस्त महीने में यह मशीन दलपत सागर की सफाई के लिए बस्तर पहुंच जाएगी. मशीन के आ जाने के बाद पहले उसका परीक्षण किया जाएगा, इसके बाद ही उसका इस्तेमाल किया जाएगा.