जगदलपुर: बस्तर संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल डिमरापाल के डॉक्टरों ने एक बार फिर से बड़ा करिश्मा कर दिखाया है. यहां के डॉक्टरों ने 48 घंटे तक वेंटिलेटर में रखे गए डेढ़ साल के बच्चे को मौत के मुंह से बाहर निकालकर उसे एक नई जिंदगी दी है.
डॉक्टर का बयान: डिमरापाल अस्पताल के अधीक्षक अनुरूप साहू ने बताया कि "बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के सबसे अंदरूनी क्षेत्र पिनकोड़ा में डेढ़ साल के बच्चे की तबीयत बिगड़ गई. जिस कारण उसे 8 जून को दोपहर बीजापुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया. यहां पर बच्चे की हालत और अधिक बिगड़ता देख उसे डिमरापाल अस्पताल रेफर कर दिया गया. अस्पताल में पहुंचते ही डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर अवस्था को देखते हुए इलाज शुरू कर दिया. बच्चे के शरीर में खून की मात्रा 2 ग्राम थी. उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी. इसके अलावा बच्चे में झटके आने के साथ ही मलेरिया और जापानी बुखार के लक्षण दिखे. यही कारण है कि डॉक्टरों ने बिना समय गवाएं उसे तत्काल वेंटिलेटर पर रखकर उसे जीवनरक्षक दवाइयां लगातार दी"
48 घंटे तक वेंटिलेटर में रखने के बाद बच्चे को बाहर निकाला गया और शिशु वार्ड में 15 दिनों तक कड़ी मशक्कत करते हुए डॉक्टरों ने बच्चे को बीमारी से बाहर निकाला. बच्चे के परिजनों ने डॉक्टरों को धन्यवाद ज्ञापित किया है.