जगदलपुर: बस्तर के एकमात्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थिति बेहद काफी खराब है. आज कोरोना महामारी के दौर में जब पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य अमले पर ही टिकी हुई है, ऐसे समय में भी बस्तर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लापरवाहियां थम नहीं रहा है. बता दें, बीते दिनों ही बस्तर में कोरोना की वजह से एक मरीज की मौत हो गई थी. मौत के तीन दिन बाद अस्पताल के कोविड-19 वार्ड की एक तस्वीर सामने आई है, जिसे देख कर आप भी चौंक जाएंगे.
कोविड-19 अस्पताल के वार्ड में एक मरीज जमीन पर मुंह के बल पड़ा हुआ मिला. मरीज के परिजनों का कहना है कि अगर उसे सही समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी, लेकिन स्टॉफ की लापरवाही की कीमत उसे जान देकर चुकानी पड़ी. इससे पहले भी यहां कोरोना से जुड़ी कई गंभीर लापरवाही सामने आ चुकी है, जिसमें कोरोना मरीज का टेस्ट रिपोर्ट गलत बताया जाना और एक परिवार को तीन दिनों तक उनके बेटे की लाश के लिए इंतजार कराना शामिल है. मृतक के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे की लाश को कोरोना टेस्ट कराने के लिए तीन दिनों तक रोक गया था.
कलेक्टर रजत बंसल ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को भेजा नोटिस
इधर, बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने इन लापरवाहियों पर संज्ञान लेते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. बस्तर कलेक्टर ने बताया कि उन्हें अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही सहित कई तरह की शिकायतें मिली है, जिनकी जांच की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि इतने संवेदनशील समय में जिसने भी लापरवाही की है उसे बख्शा नहीं जाएगा.
छत्तीसगढ़ में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना
बता दें, छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश में ऐसा कोई भी जिला नहीं है, जहां कोरोना का प्रकोप न फैला हो. बस्तर संभाग से लेकर सरगुजा संभाग तक हर क्षेत्र में आए दिन कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. वहीं हाल ही में जो मरीज मिल रहे हैं वे सिम्पटोमेटिक हैं.
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अंबेडकर अस्पताल के कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉक्टर आर पंडा ने बढ़ते संक्रमण का कारण लोगों की लापरवाही को बताया है. उनका कहना है कि लोग अब इसे नजरअंदाज करने लगे हैं कि कोरोना एक खतरनाक बीमारी है. कोरोना को लोग सामान्य बीमारी की तरह ले रहे हैं. घरों से निकलकर बाहर घूम रहे हैं. सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. ज्यादातर लोग बाजारों में बिना किसी सावधानी के ही घूम रहे हैं. ये सारी बातें हैं, जिसकी वजह से ही कोरोना का प्रकोप हर दिन बढ़ता जा रहा है.
डॉक्टर ओपी सुंदरानी ने दी कोरोना से जुड़ी जानकारी
डॉक्टर ओपी सुंदरानी ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में जब केस आए थे, तब ज्यादातर मरीज एसिम्पटोमेटिक थे. सिम्पटोमैटिक का मतलब होता है लक्षण के साथ और एसिम्पटोमैटिक का मतलब होता है लक्षण के बिना. पहले जो मरीज आ रहे थे उनमें सामान्य लक्षण थे या तो नहीं थे, लेकिन अब जो मरीज लगातार निकल कर आ रहे हैं उनमें कई लक्षण पाए जाए रहे हैं.