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बस्तर दशहरा: संभाग के मात्र 150 देवी-देवता हो सकेंगे शामिल, कोरोना के चलते लिया फैसला

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Published : Oct 16, 2020, 7:05 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

कोरोना वायरस के मद्देनजर विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में कई चीजों में कटौती की जा रही है. हर साल दशहरा के रस्मों में शामिल होने 600 से 700 ग्रामीण देवी-देवताओं को लेकर पहुंचने वाले गांव के पुजारी और सहयोगी इस बार मात्र 100 से 150 देवी-देवता ही बस्तर दशहरा में पहुंच सकेंगे.

Bastar Dussehra
बस्तर के देवी देवता

बस्तर: कोरोना संक्रमण का असर हर तीज त्यौहारों के साथ अब विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के हर रस्म में देखने को मिल रहा है. दशहरे के रस्मों में शामिल होने हर साल 600 से 700 ग्रामीण देवी-देवताओं को लेकर गांव के पुजारी और सहयोगी पहुंचते थे, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से मात्र 100 से 150 देवी-देवता ही बस्तर दशहरा में पहुंच सकेंगे. जिला प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप और बस्तर दशहरा पर्व के दौरान भारी भीड़ ना हो और संक्रमण से बचाव के लिए यह निर्णय लिया है.

दशहरा समिति ने लिया निर्णय

पढ़ें: बस्तर दशहरा: रथ परिचालन के लिए नए नियम, कोरोना टेस्ट के बाद शामिल होंगे युवा

कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने बस्तर जिले में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर रखा है और जिले के सभी व्यापारिक संस्थानों को भी शाम 5 बजे तक ही खुले रखने की अनुमति दी गई है, ताकि शहर में ज्यादा भीड़-भाड़ ना हो और अब ऐसे में 16 अक्टूबर से बस्तर दशहरे की मुख्य रस्म शुरू हो जाएगी, जिसमें हजारों की संख्या में दशहरा पर्व देखने वाले लोग तो पहुंचते हैं. साथ ही बस्तर संभाग के सातों जिलों से लगभग 600 से 700 देवी-देवता और हर देवी देवता के साथ लगभग 40 से 50 ग्रामीण पुजारी सहित पहुंचते हैं, जो डोली विदाई रस्म तक शहर में ही रहते हैं.

यह भी पढ़ें: बस्तर दशहरा: आम लोगों के लिए कर्फ्यू जैसे होंगे हालात, ऐसे होंगी रस्में

100 से 150 देवी-देवता हो रहे हैं शामिल

इन्ही सभी के चलते कुछ दिनों के लिए शहर में काफी भीड़ भाड़ हो जाती है, लेकिन इस साल बस्तर जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इस साल पर्व में कम देवी-देवताओं को शामिल किया जाएगा. हालांकि दशहरे की हर रस्म को निभाना भी जरूरी है, जिसे देखते हुए बस्तर संभाग के सातों जिलों के कलेक्टर, एसपी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जो देवी-देवता बस्तर दशहरे के रस्मों में शामिल होने ग्रामीण अंचलों से आते है और उनके साथ बड़ी संख्या में पुजारी और ग्रामीण पहुंचते है. ऐसे में इस बार पुजारी ग्रामीणों की संख्या भी कम की जाए. इसके लिए सभी जिलों के मांझी मुखिया से बातचीत की गई है और अब जो 600 से अधिक देवी-देवता दशहरे में शामिल होते थे. उनमें से मात्र 100 से 150 देवी देवता ही इस बार बस्तर दशहरे में शामिल हो सकेंगे.

बस्तर: कोरोना संक्रमण का असर हर तीज त्यौहारों के साथ अब विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के हर रस्म में देखने को मिल रहा है. दशहरे के रस्मों में शामिल होने हर साल 600 से 700 ग्रामीण देवी-देवताओं को लेकर गांव के पुजारी और सहयोगी पहुंचते थे, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से मात्र 100 से 150 देवी-देवता ही बस्तर दशहरा में पहुंच सकेंगे. जिला प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप और बस्तर दशहरा पर्व के दौरान भारी भीड़ ना हो और संक्रमण से बचाव के लिए यह निर्णय लिया है.

दशहरा समिति ने लिया निर्णय

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कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने बस्तर जिले में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर रखा है और जिले के सभी व्यापारिक संस्थानों को भी शाम 5 बजे तक ही खुले रखने की अनुमति दी गई है, ताकि शहर में ज्यादा भीड़-भाड़ ना हो और अब ऐसे में 16 अक्टूबर से बस्तर दशहरे की मुख्य रस्म शुरू हो जाएगी, जिसमें हजारों की संख्या में दशहरा पर्व देखने वाले लोग तो पहुंचते हैं. साथ ही बस्तर संभाग के सातों जिलों से लगभग 600 से 700 देवी-देवता और हर देवी देवता के साथ लगभग 40 से 50 ग्रामीण पुजारी सहित पहुंचते हैं, जो डोली विदाई रस्म तक शहर में ही रहते हैं.

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100 से 150 देवी-देवता हो रहे हैं शामिल

इन्ही सभी के चलते कुछ दिनों के लिए शहर में काफी भीड़ भाड़ हो जाती है, लेकिन इस साल बस्तर जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इस साल पर्व में कम देवी-देवताओं को शामिल किया जाएगा. हालांकि दशहरे की हर रस्म को निभाना भी जरूरी है, जिसे देखते हुए बस्तर संभाग के सातों जिलों के कलेक्टर, एसपी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जो देवी-देवता बस्तर दशहरे के रस्मों में शामिल होने ग्रामीण अंचलों से आते है और उनके साथ बड़ी संख्या में पुजारी और ग्रामीण पहुंचते है. ऐसे में इस बार पुजारी ग्रामीणों की संख्या भी कम की जाए. इसके लिए सभी जिलों के मांझी मुखिया से बातचीत की गई है और अब जो 600 से अधिक देवी-देवता दशहरे में शामिल होते थे. उनमें से मात्र 100 से 150 देवी देवता ही इस बार बस्तर दशहरे में शामिल हो सकेंगे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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