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जर्जर भवन में जल रही शिक्षा की अलख, स्मार्ट तरीके से नौनिहाल ले रहे ज्ञान - school

एक स्कूल ऐसा भी है, जहां बच्चों को पढ़ाई के साथ ही साथ नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया जाता है. बच्चों को साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जाता है, अगर कोई बच्चा बिना नहाए स्कूल आता है तो, उसे बाकायदा यहां के शिक्षकों की ओर से नहलाया भी जाता है.

पढ़ाई के साथ ही साथ नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है
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Published : Oct 20, 2019, 8:26 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 8:32 PM IST

बलौदाबाजार: कसडोल विकासखंड में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है, जहां पालक अपने बच्चों को 15 किलोमीटर दूर मौजूद स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजते हैं. कसडोल का बलार नवागांव प्राथमिक स्कूल जंगल से घिरा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद यहां पदस्थ शिक्षक तमाम चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए शिक्षा का अलख जगा रहे हैं.

इस स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ ही साथ नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया जाता है. इस स्कूल में हर समान अपनी जगह व्यवस्थित तरीके से रखा गया है. इस स्कूल में पढ़ाई के साथ ही साथ बच्चों को साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति भी जागरुक किया जाता है, अगर कोई बच्चा बिना नहाए स्कूल आता है तो, उसे बाकायदा यहां के शिक्षकों के द्वारा नहलाया भी जाता है.

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खेलकूद की सुविधा

स्मार्ट क्लास,लाइब्रेरी खेलकूद की सुविधा
स्कूल में बच्चों के खेलने और पढ़ने के लिए भी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं,यहां स्मार्ट क्लास,लाइब्रेरी के साथ-साथ खेलकूद के लिए झूले की भी सुविधा मौजूद है. जिससे बच्चों का मन पढ़ाई के साथ ही साथ खेल कूद में भी लगा रहता है, एक तरफ जहां शिक्षक इस स्कूल को लेकर दिन रात मेहनत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जर्जर हो चुके स्कूल भवन की रिपेयरिंग नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से बरसात के दिनों में यहां पढ़ने वाले छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में छत से पानी भी टपकता है, जिसकी वजह से यहां पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षकों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

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साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जाता है

शिकायत के बाद भी दूर नहीं हुई समस्या

प्रधानपाठक मनोज जाटवर ने सरकार से स्कूल भवन की मरम्मत के लिए कई बार गुहार की, लेकिन हर बार उनकी मांग को अनदेखा कर दिया गया . जहां एक ओर शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं, तो वहीं विभाग के अफसरों का लावरवाह रवैया नौनिहालों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. अब देखना यह होगा कि कब सिस्टम की नींद टूटेगी और कब इस स्कूल में पढ़ाने करने वाले नौनिहाल बिना किसी दिक्कत के ज्ञान का पाठ पढ़ सकेंगे.

बलौदाबाजार: कसडोल विकासखंड में एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है, जहां पालक अपने बच्चों को 15 किलोमीटर दूर मौजूद स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजते हैं. कसडोल का बलार नवागांव प्राथमिक स्कूल जंगल से घिरा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद यहां पदस्थ शिक्षक तमाम चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए शिक्षा का अलख जगा रहे हैं.

इस स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ ही साथ नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया जाता है. इस स्कूल में हर समान अपनी जगह व्यवस्थित तरीके से रखा गया है. इस स्कूल में पढ़ाई के साथ ही साथ बच्चों को साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति भी जागरुक किया जाता है, अगर कोई बच्चा बिना नहाए स्कूल आता है तो, उसे बाकायदा यहां के शिक्षकों के द्वारा नहलाया भी जाता है.

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खेलकूद की सुविधा

स्मार्ट क्लास,लाइब्रेरी खेलकूद की सुविधा
स्कूल में बच्चों के खेलने और पढ़ने के लिए भी तमाम सुविधाएं मौजूद हैं,यहां स्मार्ट क्लास,लाइब्रेरी के साथ-साथ खेलकूद के लिए झूले की भी सुविधा मौजूद है. जिससे बच्चों का मन पढ़ाई के साथ ही साथ खेल कूद में भी लगा रहता है, एक तरफ जहां शिक्षक इस स्कूल को लेकर दिन रात मेहनत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जर्जर हो चुके स्कूल भवन की रिपेयरिंग नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से बरसात के दिनों में यहां पढ़ने वाले छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में छत से पानी भी टपकता है, जिसकी वजह से यहां पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षकों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

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साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जाता है

शिकायत के बाद भी दूर नहीं हुई समस्या

प्रधानपाठक मनोज जाटवर ने सरकार से स्कूल भवन की मरम्मत के लिए कई बार गुहार की, लेकिन हर बार उनकी मांग को अनदेखा कर दिया गया . जहां एक ओर शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं, तो वहीं विभाग के अफसरों का लावरवाह रवैया नौनिहालों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. अब देखना यह होगा कि कब सिस्टम की नींद टूटेगी और कब इस स्कूल में पढ़ाने करने वाले नौनिहाल बिना किसी दिक्कत के ज्ञान का पाठ पढ़ सकेंगे.

Intro:बलौदाबाजार - आमतौर पर सरकारी स्कूलों का नाम सुनकर मूलभूत सुविधाओं को तरसते स्कूलों का चित्र मन में उभर आता है लेकिन बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखण्ड में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां पालक अपने बच्चों को पंद्रह पंद्रह किमी दूर से पढ़ाई करने के लिए भेजते हैं और यहां बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करते हैं।

Body:कसडोल विकासखण्ड का बलार नवागांव प्राथमिक स्कूल जो जंगलों के बीच घिरा हुआ है लेकिन इन सब के बावजूद यहां के शिक्षक चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए इस स्कूल में शिक्षा का अलख जगा रहे हैं यहां आने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ ही साथ नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया जाता है,इस स्कूल में हर समान अपनी जगह सुव्यवस्थित होती है और इस स्कूल में पढ़ाई के साथ ही साथ बच्चों को साफ सफाई और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जाता है,इस स्कूल में अगर कोई बच्चा बिना नहाए धोए आता है तो उसे बाकायदा यहां के शिक्षकों के द्वारा नहलाया भी जाता है

बलार नवागांव के इस स्कूल में बच्चों के खेलने और पढ़ने की पर्याप्त सुविधा सीमित साधनों में भी यहां के शिक्षकों ने कर दिखाया है,यहां स्मार्ट क्लास,लाइब्रेरी और खेलकूद के लिए झूला इन सब की सुविधा है जिससे बच्चों का मन पढ़ाई के साथ ही साथ खेल कूद में भी लगा रहता है, एक तरफ जहां शिक्षक इस स्कूल को लेकर दिन रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन दूसरी ओर विडम्बना देखिये कि इस स्कूल का भवन जर्जर हो गया है और बारिश के दिनों में इससे पानी भी टपकता है, इस स्कूल के प्रधानपाठक मनोज जाटवर ने स्कूल भवन की मरम्मत की मांग कई बार लेकिन हर बार उनकी मांग को अनदेखा कर दिया गया अब ऐसे में जहां शिक्षकों के द्वारा बच्चों के भविष्य को गढ़ने के लिए दिन रात मेहनत की जा रही तो भी उच्च अधिकारियों की उदासीनता से स्कूल अपनी किस्मत पर आंशू बहा रहा है।
Conclusion:बाईट 01 :- बच्चो के पालक

बाईट 02 :- बच्चो के पालक

बाईट 03 :- मनोज जाटवर - शिक्षक नवागांव
Last Updated : Oct 20, 2019, 8:32 PM IST
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