ETV Bharat / state

प्रिंसिपल की घोषणा ने किया कमाल, 35 लोगों ने बॉडी डोनेट करने का किया ऐलान

जिले के कसडोल महाविद्यालय के प्रिंसिपल ने मृत्यु के बाद देहदान करने का फैसला लिया है. साथ ही लोगों को इस काम के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

pricipal body will donate after death in baloda bazar
कसडोल महाविद्यालय के प्रिंसिपल करेगें देहदान
author img

By

Published : Dec 12, 2019, 5:35 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 7:35 PM IST

बलौदाबाजार: शासकीय दौलतराम शर्मा महाविद्यालय कसडोल के प्राचार्य इन दिनों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं. इस शख्सियत की ओर से की गई घोषणा अन्य लोगों को जागरूक कर रही है. दरअसल, डॉ. एचकेएस गजेंद्र ने मृत्यु के बाद देहदान करने की घोषणा की है. वे अपने आस-पास के लोगों को ज्यादा से ज्यादा देहदान करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं.

प्रिंसिपल की घोषणा ने किया कमाल

वे देहदान करवाने की मुहिम में जुटे हैं. इस मुहिम से प्रभावित होकर अब तक 35 लोगों ने देहदान करने के लिए अपना फॉर्म प्राचार्य के पास जमा कराया है. देहदान करने के लिए और भी लोग प्राचार्य से संपर्क कर रहे हैं.

पढ़ें:रायगढ़: लोहे की उबलती भट्टी में कूदा, हुई मौत

मृत्यु के बाद शव को दान करने की घोषणा
बता दें कि प्राचार्य ने 16 साल पहले ही देहदान करने की घोषणा की थी. उनका कहना है कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को मेडिकल कॉलेज रायपुर को दान कर दिया जाए, जिससे उनका शरीर किसी के काम आ सके. देहदान के संबंध में प्राचार्य का कहना है कि वे पुनर्जन्म को नहीं मानते और मृत्यु के बाद उनके शरीर को या तो दफना दिया जाएगा या फिर जला दिया जाएगा, जिससे उनका शरीर किसी के काम नहीं आएगा. इसीलिए उनके मन में यह विचार आया कि उनके मरने के बाद शरीर को दान किया जाए.

बलौदाबाजार: शासकीय दौलतराम शर्मा महाविद्यालय कसडोल के प्राचार्य इन दिनों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं. इस शख्सियत की ओर से की गई घोषणा अन्य लोगों को जागरूक कर रही है. दरअसल, डॉ. एचकेएस गजेंद्र ने मृत्यु के बाद देहदान करने की घोषणा की है. वे अपने आस-पास के लोगों को ज्यादा से ज्यादा देहदान करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं.

प्रिंसिपल की घोषणा ने किया कमाल

वे देहदान करवाने की मुहिम में जुटे हैं. इस मुहिम से प्रभावित होकर अब तक 35 लोगों ने देहदान करने के लिए अपना फॉर्म प्राचार्य के पास जमा कराया है. देहदान करने के लिए और भी लोग प्राचार्य से संपर्क कर रहे हैं.

पढ़ें:रायगढ़: लोहे की उबलती भट्टी में कूदा, हुई मौत

मृत्यु के बाद शव को दान करने की घोषणा
बता दें कि प्राचार्य ने 16 साल पहले ही देहदान करने की घोषणा की थी. उनका कहना है कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को मेडिकल कॉलेज रायपुर को दान कर दिया जाए, जिससे उनका शरीर किसी के काम आ सके. देहदान के संबंध में प्राचार्य का कहना है कि वे पुनर्जन्म को नहीं मानते और मृत्यु के बाद उनके शरीर को या तो दफना दिया जाएगा या फिर जला दिया जाएगा, जिससे उनका शरीर किसी के काम नहीं आएगा. इसीलिए उनके मन में यह विचार आया कि उनके मरने के बाद शरीर को दान किया जाए.

Intro:शासकीय दौलतराम शर्मा महाविद्यालय कसडोल के प्राचार्य डॉ एच के एस गजेंद्र आस पास के लोगों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं दरअसल डॉ गजेंद्र ने मृत्यु उपरांत ना केवल देह दान करने की घोषणा की है बल्कि अपने आस पास के लोगों को ज्यादा से ज्यादा देहदान करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं आपको बता दें कि प्राचार्य ने 16 साल पहले ही देह दान करने घोषणा कर चुके हैं और उनकी मृत्यु के पश्चात उनके मृत शरीर को मेडिकल कॉलेज रायपुर को दान कर दिया जाए जिससे उनका शरीर किसी के काम आ सके।Body:कसडोल महाविद्यालय में बतौर प्राचार्य के पद पर पदस्थ डॉ एच के एस गजेंद्र ने मृत्य उपरांत देह दान करने की घोषणा करने के बाद लोगों से देह दान करवाने की मुहिम में लग गए,डॉ गजेंद्र की इस मुहिम से प्रभावित होकर अबतक 35 लोगों ने देह दान करने के लिए अपना फॉर्म प्राचार्य के पास जमा कराया है और देह दान करने के लिए और भी लोग प्राचार्य से संपर्क कर रहे हैं,देह दान के संबंध में प्राचार्य का कहना है कि वे पुनर्जन्म को नहीं मानते और मृत्यु के बाद उनके मृत शरीर को या तो दफना दिया जाएगा या फिर जला दिया जाएगा जिससे उनका मृत शरीर किसी का काम नहीं आएगा इसी लिए उनके मन में विचार आया कि क्यों ना मरने के बाद भी किसी का काम आया जाए और इसी लिए उन्होंने मरने के बाद देह दान करने की घोषणा की और लोगों को देहदान करने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित भी कर रहे हैं।
मरने के बाद मृत शरीर को अलग अलग धर्मों के अनुसार उनकी रीति रिवाजों के अनुरूप ही दाह संस्कार कर दिया जाता है जिससे मनुष्य शरीर नष्ट हो जाता है और ये जो मृत शरीर है वो किसी के काम नहीं आता,जबकि मेडिकल साइंस की माने तो मरने के बाद भी मनुष्य का कुछ अंग दूसरों के काम आ सकता है जैसे मरने के छः घण्टो के भीतर ही अगर किसी मृत व्यक्ति की आंखों को निकाल लिया जाए तो ये आंखे दूसरों के जीवन में रोशनी ला सकती है,इसी लिए अगर जीते जी किसी के काम ना आये तो मरने के बाद ही किसी और का काम जाए इस उद्देश्य से डॉ एच के एस गजेन्द्र देहदान करने की मुहिम से जुड़े है और लोगों को देहदान करने के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूक भी कर रहे हैं।Conclusion:बाइट - डॉ एच के एस गजेंद्र प्राचार्य कसडोल


बाइट - हेमंत बघेल छात्र


बाइट - डॉ अंजान सिंह चौहान एम बी बी एस कसडोल अस्पताल
Last Updated : Dec 12, 2019, 7:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.