बलौदाबाजार: कसडोल विकासखंड के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल सेल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासी मजदूर डरे-सहमे हैं. प्रवासी मजदूरों के मुताबिक इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में भूतों का साया है. मजदूर तो यह तक कह रहे हैं कि रात होते ही पायलों की आवाज और इंसानी हलचलों की आहट सुनाई देती है.
मजदूरों के मुताबिक रात 11 बजे पायलों की आवाज सुनाई पड़ी, जिसके बाद आवाज देने पर कोई जवाब नहीं आया. ये सिलसिला रात 2 बजे तक चलता रहा. जहां से पायलों की आवाज आ रही थी, वहां जाकर जब मजदूरों ने देखा तो कोई भी नहीं था. रात की इस घटना से मजदूर डरे हुए थे.
मजदूरों को किया गया दूसरे क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट
सुबह मजदूरों ने देखा कि दीवारों पर इंसानी पैरों के निशान बने हुए हैं, जिसके बाद मजदूरों ने पूरी घटना की जानकारी पंच-सरपंच को दी और डर की वजह से यहां रहने से इनकार कर दिया. मजदूरों के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने से इनकार करने के बाद सरपंच ने मजदूरों को दूसरे क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया है. जानकारी के मुताबिक सरपंच ने रात के समय बैगा बुलाकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में पूजा-पाठ कराया.
प्रशासन की बढ़ी चुनौतियां
कसडोल विकासखंड में लगातार प्रवासी मजदूरों की वापसी हो रही है. प्रशासन के सामने क्वॉरेंटाइन सेंटरों में मजदूरों के लिए उचित व्यवस्था करना एक चुनौती बन गई है. लगातार क्वॉरेंटाइन सेंटरों से आ रही शिकायतों की वजह से प्रशासन पहले ही परेशान था. अब इस तरह की अफवाहों ने एक बार फिर प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं.
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फिलहाल इस घटना के बाद ग्राम पंचायत सेल ने प्रवासी मजदूरों की जिद पर क्वॉरेंटाइन सेंटर को खाली करा कर सभी मजदूरों को दूसरे क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया है.
नोट- ETV भारत किसी भी तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता. यह खबर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे जाने वाले मजदूरों के दावों के आधार पर बनाई गई है.