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बांग्लादेश की जेल से युवराज की हुई रिहाई, 1 साल से जेल में था कैद - बांग्लादेश के जेल

बांग्लादेश के जेल में एक साल से कैद जिले के युवक को कलेक्टर और एसपी की पहल से छुड़ा लिया गया है. युवक पर अवैध रुप से सीमा पार करने का आरोप था.

युवक लौटा घर
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Published : Nov 5, 2019, 9:41 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 11:45 PM IST

बलौदाबाजार : जिले का एक युवक बांग्लादेश के कुरिग्राम जेल में पिछले एक साल से बंद था. जिसपर अवैध रूप से सीमा पार करने का आरोप था. इस बात की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने युवक युवराज डहरिया को रिहा कराने का प्रयास शुरू किया. जिसके बाद विधिवत कार्रवाई के बाद पीड़ित युवक को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने भारतीय बीएसएफ को सौंप दिया है. वहीं बीएसएफ ने युवक को छत्तीसगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया है.

युवक लौटा घर

युवराज की मानसिक हालत ठीक नहीं बताई जा रही है, कलेक्टर ने युवराज को उसके परिजनों को सौंप दिया है.

ये था पूरा मामला

13 जुलाई 2018 को युवराज घर से ससुराल जाने की बात कहकर निकल गया था. जिसके ससुराल न पहुंचने पर युवराज की पत्नी ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने छानबीन की, पर युवराज की कोई खबर नहीं मिली.

युवराज के साथ जेल में बंद उसके ही किसी साथी ने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग को इसकी जानकारी दी, मामले की सूचना मिलते ही उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार से युवराज की नागरिकता के बारे में जानकारी मांगी थी. युवराज के बांग्लादेश के जेल में बंद होने की खबर मिलते ही कलेक्टर कार्तिकेय गोयल एवं पुलिस अधीक्षक नीतू कमल ने उसे छुड़ाने की पहल शुरु की, जिसके बाद उच्चायोग को युवराज की नागरिकता के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब भेज दिया गया. इसके बाद ही युवराज की रिहाई हो पाई.

बलौदाबाजार : जिले का एक युवक बांग्लादेश के कुरिग्राम जेल में पिछले एक साल से बंद था. जिसपर अवैध रूप से सीमा पार करने का आरोप था. इस बात की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने युवक युवराज डहरिया को रिहा कराने का प्रयास शुरू किया. जिसके बाद विधिवत कार्रवाई के बाद पीड़ित युवक को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने भारतीय बीएसएफ को सौंप दिया है. वहीं बीएसएफ ने युवक को छत्तीसगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया है.

युवक लौटा घर

युवराज की मानसिक हालत ठीक नहीं बताई जा रही है, कलेक्टर ने युवराज को उसके परिजनों को सौंप दिया है.

ये था पूरा मामला

13 जुलाई 2018 को युवराज घर से ससुराल जाने की बात कहकर निकल गया था. जिसके ससुराल न पहुंचने पर युवराज की पत्नी ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने छानबीन की, पर युवराज की कोई खबर नहीं मिली.

युवराज के साथ जेल में बंद उसके ही किसी साथी ने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग को इसकी जानकारी दी, मामले की सूचना मिलते ही उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार से युवराज की नागरिकता के बारे में जानकारी मांगी थी. युवराज के बांग्लादेश के जेल में बंद होने की खबर मिलते ही कलेक्टर कार्तिकेय गोयल एवं पुलिस अधीक्षक नीतू कमल ने उसे छुड़ाने की पहल शुरु की, जिसके बाद उच्चायोग को युवराज की नागरिकता के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब भेज दिया गया. इसके बाद ही युवराज की रिहाई हो पाई.

Intro:बलौदाबाजार - छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले का युवराज बांग्लादेश के कुरिग्राम जिले के जेल में बंद होने की जानकारी प्राप्त होने पर कलेक्टर कार्तिकेय गोयल एवं पुलिस अधीक्षक नीतू कमल की पहल से आज जिले की बनी टीम ने पीड़ित युवक को अपने कब्जे में लें लिया है. युवक पर आरोप था की वह अवैध रूप से सीमा पार करते हुए पकड़ा गया था. इस आरोप में युवक सजा काट रहा था. Body:वही पहले शासन को युवराज की नागरिकता के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब भेज दिया गया था. जानकारी के बाद परिजनों एवं एसपी और कलेक्टर व पुलिस ने जो भी जानकारियां दीं हैं उससे ये अभी तक पूरी तरह से रहस्य है कि आखिरकार वह बांग्लादेश कैसे पहुंच गया. युवराज किसके साथ बार्डर तक पहुंचा था और सरहद पार क्यों कर रहा था? इस सभी बातो का अभी तक खुलासा नही हों पाया है. हालाकि बताया जा रहा है की युवक का मानसिक हालत थिक नही है

युवराज के लापता होने के संबंध में भाटापारा पुलिस का कहना है कि युवराज पिछले साल 13 जुलाई 2018 को घर से ससुराल जाने की बात कहकर निकला था। एक दिन बीत जाने के बाद युवराज ससुराल नहीं पहुंचा तो उसकी पत्नी ने थाने में लापता होने की सूचना दी। पुलिस ने उसकी काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया।

युवराज के साथ जेल में बंद उसके ही किसी साथी ने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग को इसकी जानकारी दी। मामले की सूचना मिलते ही भारतीय उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से इसी सप्ताह छत्तीसगढ़ सरकार से युवराज के नागरिकता के बारे में जानकारी मांगी थी।

युवराज बांग्लादेश के ग्राम कुरीग्राम जेल में बंद था जिसे दिनांक 05,11,2019 को विधिवत प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान बांग्लादेश बीएसएफ द्वारा भारत बीएसएफ को सौंपने पर भारत बीएसएफ द्वारा चांगड़ाबांधा पुलिस को सौंपा गया चांगड़ाबांधा पुलिस द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपने पर विधिवत आज दिनांक को बरामद किया गया युवराज डेहरिया विगत एक वर्ष से बांग्लादेश के कुरीग्राम में बंद था जिसका दिमागी हालत ठीक नहीं है. कलेक्टर बलोदाबाजार तथा पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार नायब तहसीलदार मयंक अग्रवाल, बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश दास, थाना प्रभारी थाना भाटापारा ग्रामीण नरेश चौहान ,आरक्षक 397 भूपेश यादव को युवराज डेहरिया को बरामद करने के निर्देश पर युवराज डहरिया के परिजन पिता रामेश्वर डेहरिया को साथ लेकर आज युवक को अपने कब्जे में लिया..
Conclusion:बाईट 01 - जे आर ठाकुर - अतरिक्त पुलिस अधीक्षक

बाईट 02 - कार्तिकेय गोयल - कलेक्टर बलौदाबाजार

नोट - मोजो से बाईट भेजी जा रही है. व परिजन के फाईल वीडियो भेजी गई है
Last Updated : Nov 5, 2019, 11:45 PM IST
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