बलौदाबाजार : जिले का एक युवक बांग्लादेश के कुरिग्राम जेल में पिछले एक साल से बंद था. जिसपर अवैध रूप से सीमा पार करने का आरोप था. इस बात की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने युवक युवराज डहरिया को रिहा कराने का प्रयास शुरू किया. जिसके बाद विधिवत कार्रवाई के बाद पीड़ित युवक को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश ने भारतीय बीएसएफ को सौंप दिया है. वहीं बीएसएफ ने युवक को छत्तीसगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया है.
युवराज की मानसिक हालत ठीक नहीं बताई जा रही है, कलेक्टर ने युवराज को उसके परिजनों को सौंप दिया है.
ये था पूरा मामला
13 जुलाई 2018 को युवराज घर से ससुराल जाने की बात कहकर निकल गया था. जिसके ससुराल न पहुंचने पर युवराज की पत्नी ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने छानबीन की, पर युवराज की कोई खबर नहीं मिली.
युवराज के साथ जेल में बंद उसके ही किसी साथी ने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग को इसकी जानकारी दी, मामले की सूचना मिलते ही उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार से युवराज की नागरिकता के बारे में जानकारी मांगी थी. युवराज के बांग्लादेश के जेल में बंद होने की खबर मिलते ही कलेक्टर कार्तिकेय गोयल एवं पुलिस अधीक्षक नीतू कमल ने उसे छुड़ाने की पहल शुरु की, जिसके बाद उच्चायोग को युवराज की नागरिकता के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब भेज दिया गया. इसके बाद ही युवराज की रिहाई हो पाई.