बलौदा बाजार: भाटापारा जिले के निपनिया भरतपुर बकुलाही के रियल इस्पात आयरन फैक्ट्री के 50 मजदूरों को निकाल दिया गया. छंटनी से आक्रोशित मजदूरों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किए. अपने हक के लिए लड़ रहे इन मजदूरों की मांग है कि मजदूरों की मजदूरी बढ़ा दी जाए. इसके अलावा बाहर के मजदूरों को ना रखकर स्थानीय मजदूरों को फैक्ट्री में रखा जाए. ये सभी आंदोलनकारी कम वेतन और छंटनी को लेकर कंपनी से खासा नाराज हैं.
रोजगार के लिए भटक रहे ग्रामीण: क्षेत्र में रियल इस्पात आयरन फैक्ट्री होने के बावजूद भी यहां के ग्रामीण रोजगार के लिए भटक रहे हैं. शुक्रवार को सभी मजदूरों ने आंदोलन शुरू कर दिया. भारी संख्या में मजदूर फैक्ट्री के बाहर नारेबाजी करने लगे. इस बीच जब मीडिया ने फैक्ट्री के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तब सुरक्षा कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया. सुरक्षा कर्मचारियों ने मेन गेट पर ताला जड़ दिया.
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तीन घंटे बाद पहुंची पुलिस की टीम: आंदोलन के लगभग तीन धंटे बाद भाटापारा SDOP आशिष अरोरा, ग्रामीण थाना प्रभारी विनोद मंडावी घटनास्थल पहुंचे. पुलिस ने प्रबंधक से बात की. जिसके बाद प्रबंधक मिडिया के सामने आए. प्रबंधक ने मजदूरों के आरोप को बेबुनियाद करार दिया.
रोजगार न मिलने पर फैक्ट्री होगी बंद: आदिवासी बाहुल्य बकुलाही गांव में रियल इस्पात आयरन फैक्ट्री 400 से 450 एकड़ पर है. इसमें बकुलाही के ग्रामीण सहित आसपास के प्रभावित गांव भरतपुर, मोपकी, निपनिया, धौराभाठा, मोपका, सेमराडीह, कोसमंदा, बेंदरी के निवासी विरोध कर रहें हैं. ग्रामीण इस फैक्ट्री को रोजगार नहीं मिलने पर बंद करने की मांग कर रहे हैं.