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भाटापारा में फंसे झारखंड के मजदूर, प्रशासन से घर जाने की लगाई गुहार

भाटापारा के रास्ते होकर झारखंड जा रहे मजदूरों को पुलिस ने रास्तें में ही रोक लिया है. इन लोगों को प्रशासन ने भाटापारा के देवरी हाईस्कूल में बने राहत शिविर में भेजा हैं. जहां भोजन के साथ उनके रहने की व्यवस्था प्रशासन ने की है. सभी मजदूर घर जाने के लिए प्रशासन से मांग कर रहे हैं. राहत शिविर में टोटल 28 लोगों को रखा गया है.

Laborers of Jharkhand trapped
झारखंड के मजदूर फंसे
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Published : Apr 18, 2020, 4:03 PM IST

Updated : Apr 18, 2020, 6:25 PM IST

बलौदाबाजार\भाटापारा: भाटापारा के देवरी हाई स्कूल को अस्थाई तौर पर कोविड 19 राहत शिविर में तब्दील किया गया है. जहां भाटापारा से होकर झारखंड जाने वाले मजदूरों को रखा गया है.

भाटापारा में फंसे झारखंड के मजदूर

वहीं जब ETV भारत ने राहत शिविर का जायजा लिया, तब पता चला कि राहत शिविर देवरी में दो मजदूरों का दल हैं, एक दल में 20 लोग हैं, जो झारखंड से हैं. वहीं दूसरे दल में 8 मजदूर हैं, जो छत्तीसगढ के रायगढ़ से है. कुल राहत शिविर में 28 मजदूर को रखा गया है. मजदूरों ने बताया कि, 'हम मुंबई में मजदूरी करते थे. लेकिन लॉकडाउन होने के बाद 27 मार्च को निजी वाहन से झारखंड के हजारीबाग और चतरा जिला अपने घर जा रहे थे'.

2-3 बार हो चुकी है जांच

भाटापारा से गुजरते समय हम पुलिस की नजर मे आ गए, जिसके बाद उन्हें देवरी राहत शिविर में रखा हैं. उन्होने बताया कि भोजन की व्यवस्था ठीक है और हमारी जांच भी 2 से 3 बार की जा चुकी हैं. जिसमें हम सभी स्वस्थ पाए गए हैं, लेकिन 20 दिनों से हम यहां फंसे हैं हम अपने परिवार से मिलना चाहते हैं.

सरकार से लगा रहे गुहार

मजदूरों का कहना है कि वे सभी छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार से विनती कर रहे हैं कि, उन्हें किसी भी तरह से उनके घर पहुंचा दिया जाए. वे ये भी कहना है वे घर पहुंच कर लॉकडाउन का पालन करेंगे. वहीं मजदूरों के दल में बच्चे भी शामिल हैं.

बलौदाबाजार\भाटापारा: भाटापारा के देवरी हाई स्कूल को अस्थाई तौर पर कोविड 19 राहत शिविर में तब्दील किया गया है. जहां भाटापारा से होकर झारखंड जाने वाले मजदूरों को रखा गया है.

भाटापारा में फंसे झारखंड के मजदूर

वहीं जब ETV भारत ने राहत शिविर का जायजा लिया, तब पता चला कि राहत शिविर देवरी में दो मजदूरों का दल हैं, एक दल में 20 लोग हैं, जो झारखंड से हैं. वहीं दूसरे दल में 8 मजदूर हैं, जो छत्तीसगढ के रायगढ़ से है. कुल राहत शिविर में 28 मजदूर को रखा गया है. मजदूरों ने बताया कि, 'हम मुंबई में मजदूरी करते थे. लेकिन लॉकडाउन होने के बाद 27 मार्च को निजी वाहन से झारखंड के हजारीबाग और चतरा जिला अपने घर जा रहे थे'.

2-3 बार हो चुकी है जांच

भाटापारा से गुजरते समय हम पुलिस की नजर मे आ गए, जिसके बाद उन्हें देवरी राहत शिविर में रखा हैं. उन्होने बताया कि भोजन की व्यवस्था ठीक है और हमारी जांच भी 2 से 3 बार की जा चुकी हैं. जिसमें हम सभी स्वस्थ पाए गए हैं, लेकिन 20 दिनों से हम यहां फंसे हैं हम अपने परिवार से मिलना चाहते हैं.

सरकार से लगा रहे गुहार

मजदूरों का कहना है कि वे सभी छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार से विनती कर रहे हैं कि, उन्हें किसी भी तरह से उनके घर पहुंचा दिया जाए. वे ये भी कहना है वे घर पहुंच कर लॉकडाउन का पालन करेंगे. वहीं मजदूरों के दल में बच्चे भी शामिल हैं.

Last Updated : Apr 18, 2020, 6:25 PM IST
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