बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक बलौदाबाजार पहुंची. यहां जिला पंचायत के सभागार में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की. सुनवाई में कुल 30 प्रकरण रखे गये थे, जिसमें 20 प्रकरणों को निराकरण करते हुए नस्तीबद्ध किया गया. साथ ही कुछ प्रकरणों को सुनवाई के लिए रायपुर स्थानन्तरण किया गया. जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित सुनवाई में मुख्य रूप से महिलाओं से मारपीट, मानसिक शारीरिक दैहिक प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई.
डाॅ. नायक ने महिलाओं को समझाते हुए कहा कि घरेलू आपसी मनमुटाव का समाधान परिवार के बीच किया जा सकता है. घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान एवं आपसी सामंजस्य सुखद गृहस्थ के लिए महत्वपूर्ण है.
महत्वपूर्ण प्रकरण जिसमें महिलाओं को मिला न्याय:
सवेंदनशील मामले में मानव तस्करी के मिले संदेह
सिमगा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम करहुल में आवदेक पिता ने अपनी बेटी की गुमशुदगी के मामले में आयोग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था.उन्होंने बताया की 2013 में अनावेदक ने उनकी बच्ची को भगाकर शादी कर लिया. पूछताछ के दौरान अनावेदक ने बताया की शादी के बाद हम दोनों पुणे में रह रहे थे. उसी दौरान करीब 6 माह बाद लड़की का कहीं चले जाना बताया गया. इस प्रकरण को गभीर मानते हुए प्रथम दृष्टितया में यह महिला तस्करी से संबंधित लगा. जिस पर भाटापारा एसडीओपी के नेतृत्व में विशेष जांच के निर्देश दिए गए.
झोलाछाप डॉक्टर पर जांच के आदेश
पलारी विकासखंड के ग्राम गितकेरा के निवासी आवेदक ने ग्राम टीपावन निवासी दो अनावेदकों के विरुद्ध अपनी बेटी का गर्भपात करने और उसको आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की शिकायत की गई. इसमें से एक अनावेदक झोलाछाप डॉक्टर भी शामिल है. जिस पर सुनवाई करते हुए पलारी थाने को पूरे प्रकरण पंजीकृत कर जांच करने के निर्देश दिए है. झोलाछाप डॉक्टर की अलग से जांच करने के निर्देश दिए गए है.
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सरपंच पर हुक्का पानी बंद करने का आरोप
एक महिला आवेदक पलारी विकासखंड के ग्राम वटगन निवासी ने ग्राम सरपंच के विरुद्ध हुक्का पानी एवं गांव के लोगों से बातचीत बंद करने की शिकायत एवं मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया गया. जिस पर अध्यक्ष महोदया ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस विभाग एसडीओपी बलौदाबाजार को 30 दिनों में गोपनीय जांच कर आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए.
5 हजार प्रति माह देने का आदेश
कसडोल विकासखण्ड के ग्राम बरदा निवासी आवेदिका ने अपने पति के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना की शिकायत की. जिस पर अध्यक्ष ने उनके पति को 5 हजार रुपये की राशि प्रतिमाह भरण पोषण के लिए देने के आदेश दिया.
पत्नी को भरण पोषण के लिए 10 हजार
ग्राम तिहलिपाली बिलाईगढ़ निवासी ने अपनी पति के खिलाफ सम्पत्ति विवाद को लेकर शिकायत दर्ज की. इस पर आयोग अध्यक्ष ने उनके पति को 6 माह तक 10 हजार रुपये की राशि प्रतिमाह भरण पोषण के लिए देने के आदेश दिए. इसके लिए महिला बाल विकास विभाग के संरक्षण अधिकारी मंजू तिवारी को इनकी निगरानी करने के निर्देश दिए गए है.आदेश का उल्लंघन करने पर आवेदिका पुलिस थाना में अपराध दर्ज करने के लिए स्वंत्रत होगी.
जन सुनवाई में मौजूद
सुनवाई के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सीमा वर्मा, कलेक्टर सुनील कुमार जैन, अपर कलेक्टर राजेंद्र गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवेदिता पॉल, एसडीपीओ सुभाष दास, शासकीय अधिवक्ता शमीम रहमान, जिला कार्यक्रम अधिकारी एल आर कच्छप, जिला बाल विकास अधिकारी आदित्य शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी गण उपस्थित थे. साथ ही आयोग की सुनवाई के दौरान आवेदक, अनावेदक सहित जनप्रतिनिधि गण उपस्थित रहे.