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बलौदा बाजार: सीमेंट संयंत्र पर जमीन हड़पने का आरोप, किसान ने दी सपरिवार आत्मदाह की धमकी

सीमेंट सयंत्र से परेशान होकर किसान ने सीमेंट संयंत्र के गेट पर 31 जुलाई को सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है.

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Published : Jul 29, 2019, 3:34 PM IST

Updated : Jul 29, 2019, 5:07 PM IST

किसान का परिवार

बलौदाबाजार: भरसेली गांव के एक गरीब किसान ने बहुराष्ट्रीय सीमेंट प्लांट के शोषण और अत्याचार से तंग आकर दो दिन बाद सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. किसान की इस चेतावनी के बाद तहसीलदार ने पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने की बात कही है.

सीमेंट संयंत्र पर जमीन हड़पने का आरोप

भरसेली के किसान सालिकराम वर्मा की 0.463 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन सीमेंट संयंत्र के खदान क्षेत्र में आ गई थी, जिसके बाद 2014 में सीमेंट सयंत्र द्वारा किसान से बिना जमीन खरीदे ही जमीन घेर दी गई. संयंत्र से निकाले गये मलबे से जमीन को पाट दिया गया.

सीमेंट सयंत्र ने किसान पर बनाया दबाव
किसान ने जब इस मामले पर विरोध किया तो किसान के बेटे को स्थाई नौकरी देने का प्रलोभन दिया गया. इस प्रलोभन से किसान प्रभावित हो गया और बेटे के भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए बेटे गजेंद्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई, ताकि उसके बेटे का भविष्य उज्जवल हो सके. इस बीच किसान को जमीन बेचने के लिए सीमेंट संयंत्र द्वारा बहुत दबाव बनाया गया.

किसान ने भविष्य की चिंता जताई
भविष्य की चिंता करते हुए किसान सालिकराम ने अपनी जमीन अभी तक नहीं बेची है. अब किसान का पुत्र इंजीनियर बन चुका है. फिलहाल किसान ने संयंत्र से गुहार लगाई है कि अपने वादे के अनुसार मुझे जमीन का मुआवजा और उसके बेटे को स्थाई नौकरी दें, लेकिन संयंत्र ने किसान की बात नहीं सुनी.

तहसीलदार ने दर्ज किया किसान का बयान
किसान ने अपनी जमापूंजी से अपने बेटे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा दी है और सारे पैसे खर्च कर दिए हैं. आजीविका का एक मात्र साधन अब उनकी खेती ही है, लेकिन वे उस भूमि पर खेती भी नहीं कर सकते. इस सब से परेशान किसान ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसी से दुखी और परेशान होकर किसान ने सीमेंट संयंत्र के गेट पर 31 जुलाई को सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. चेतावनी के बाद तहसीलदार ने किसान का बयान दर्ज करने के लिए कार्यालय बुलाया है.

बलौदाबाजार: भरसेली गांव के एक गरीब किसान ने बहुराष्ट्रीय सीमेंट प्लांट के शोषण और अत्याचार से तंग आकर दो दिन बाद सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. किसान की इस चेतावनी के बाद तहसीलदार ने पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने की बात कही है.

सीमेंट संयंत्र पर जमीन हड़पने का आरोप

भरसेली के किसान सालिकराम वर्मा की 0.463 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन सीमेंट संयंत्र के खदान क्षेत्र में आ गई थी, जिसके बाद 2014 में सीमेंट सयंत्र द्वारा किसान से बिना जमीन खरीदे ही जमीन घेर दी गई. संयंत्र से निकाले गये मलबे से जमीन को पाट दिया गया.

सीमेंट सयंत्र ने किसान पर बनाया दबाव
किसान ने जब इस मामले पर विरोध किया तो किसान के बेटे को स्थाई नौकरी देने का प्रलोभन दिया गया. इस प्रलोभन से किसान प्रभावित हो गया और बेटे के भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए बेटे गजेंद्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई, ताकि उसके बेटे का भविष्य उज्जवल हो सके. इस बीच किसान को जमीन बेचने के लिए सीमेंट संयंत्र द्वारा बहुत दबाव बनाया गया.

किसान ने भविष्य की चिंता जताई
भविष्य की चिंता करते हुए किसान सालिकराम ने अपनी जमीन अभी तक नहीं बेची है. अब किसान का पुत्र इंजीनियर बन चुका है. फिलहाल किसान ने संयंत्र से गुहार लगाई है कि अपने वादे के अनुसार मुझे जमीन का मुआवजा और उसके बेटे को स्थाई नौकरी दें, लेकिन संयंत्र ने किसान की बात नहीं सुनी.

तहसीलदार ने दर्ज किया किसान का बयान
किसान ने अपनी जमापूंजी से अपने बेटे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा दी है और सारे पैसे खर्च कर दिए हैं. आजीविका का एक मात्र साधन अब उनकी खेती ही है, लेकिन वे उस भूमि पर खेती भी नहीं कर सकते. इस सब से परेशान किसान ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसी से दुखी और परेशान होकर किसान ने सीमेंट संयंत्र के गेट पर 31 जुलाई को सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. चेतावनी के बाद तहसीलदार ने किसान का बयान दर्ज करने के लिए कार्यालय बुलाया है.

Intro:बलौदाबाजार - जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलो मीटर दूर ग्राम भरसेली के एक गरीब किसान ने एक बड़े बहुराष्ट्रीय सीमेंट प्लांट द्वारा शोषण व अत्याचार से तंग आकर 31 जुलाई को सहपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. जब हमने किसान से विस्तार से बात किया और समस्या जाना तब किसान ने अपनी आप बीती घटना हमे बताई, उधर आत्मदाह की चेतावनी के बाद तहसीलदार ने पीड़ित परिवार का बयान लेने की बात कही.


Body:ग्राम भरसेली के किसान सालिकराम वर्मा की 0.463 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन सीमेंट संयन्त्र के खदान क्षेत्र में आ गई. सीमेंट सयंत्र द्वारा किसान से बिना जमीन खरीदे 2014 में किसान की जमीन को चारो ओर से घेर दिया गया. और अपने सयंत्र से निकाले गये मलबे से जमीन को पाट दिया गया. किसान द्वारा विरोद्ध करने पर किसान के पुत्र को स्थाई नौकरी करने का प्रलोभन दिया गया. इस प्रलोभन से प्रभावित होकर और पुत्र के भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए गरीब किसान द्वारा अपने पुत्र गजेंद्र को महंगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई गई. ताकि उसका पुत्र गजेंद्र का भविष्य उज्वल हो सके. इस बीच किसान को जमीन बेचने के लिए सीमेंट सयंत्र द्वारा बहुत दबाव बनाया गया. भविष्य की आशंका से ग्रसित होकर किसान सालिकराम ने अपनी जमीन अभी तक नही बेची है. अब किसान का पुत्र इंजीनियर बन चुका है तब संयन्त्र से गुहार लगाई गई की ओ अपने वादे के अनुसार मुझे जमीन का मुआवजा और उसके बेटे को स्थाई नौकरी दे. लेकिन सयंत्र ने उनकी एक ना सुनी. किसान ने अपनी जमा पूंजी से उसके बेटे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा कर खर्च कर दिया. और आजीविका का एक मात्र साधन उनकी खेती की भूमि पर अब खेती भी नही कर सकते. अब किसान चाह कर भी अपनी खेत के पास नही जा सकते. इस सब से परेशान किसान ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नही हुआ. इसे दुखी और परेशान होकर किसान ने सीमेंट सयंत्र के गेट पर 31 जुलाई को सहपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. चेतावनी के बाद तहसीलदार ने उनका बयान दर्ज कराने कार्यलय बुलाया है.

Conclusion:कई बार प्रशासन से गुहार लगाने के बाद अब बयान तो दर्ज करा लिया जायेगा लेकिन क्या इस पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा. ये अब देखना दिलचस्प होगा.

बाईट 01 - गजेंद्र वर्मा - पीड़ित किसान का पुत्र

बाईट 02 - सालिकराम वर्मा - पीड़ित किसान

नोट - अधिकारियों की बाइट नही हो पाई है जैसे ही हो पायेगा अपडेट करा दिया जायेगा.
Last Updated : Jul 29, 2019, 5:07 PM IST
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