बलौदाबाजार: भरसेली गांव के एक गरीब किसान ने बहुराष्ट्रीय सीमेंट प्लांट के शोषण और अत्याचार से तंग आकर दो दिन बाद सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. किसान की इस चेतावनी के बाद तहसीलदार ने पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने की बात कही है.
भरसेली के किसान सालिकराम वर्मा की 0.463 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन सीमेंट संयंत्र के खदान क्षेत्र में आ गई थी, जिसके बाद 2014 में सीमेंट सयंत्र द्वारा किसान से बिना जमीन खरीदे ही जमीन घेर दी गई. संयंत्र से निकाले गये मलबे से जमीन को पाट दिया गया.
सीमेंट सयंत्र ने किसान पर बनाया दबाव
किसान ने जब इस मामले पर विरोध किया तो किसान के बेटे को स्थाई नौकरी देने का प्रलोभन दिया गया. इस प्रलोभन से किसान प्रभावित हो गया और बेटे के भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए बेटे गजेंद्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई, ताकि उसके बेटे का भविष्य उज्जवल हो सके. इस बीच किसान को जमीन बेचने के लिए सीमेंट संयंत्र द्वारा बहुत दबाव बनाया गया.
किसान ने भविष्य की चिंता जताई
भविष्य की चिंता करते हुए किसान सालिकराम ने अपनी जमीन अभी तक नहीं बेची है. अब किसान का पुत्र इंजीनियर बन चुका है. फिलहाल किसान ने संयंत्र से गुहार लगाई है कि अपने वादे के अनुसार मुझे जमीन का मुआवजा और उसके बेटे को स्थाई नौकरी दें, लेकिन संयंत्र ने किसान की बात नहीं सुनी.
तहसीलदार ने दर्ज किया किसान का बयान
किसान ने अपनी जमापूंजी से अपने बेटे को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा दी है और सारे पैसे खर्च कर दिए हैं. आजीविका का एक मात्र साधन अब उनकी खेती ही है, लेकिन वे उस भूमि पर खेती भी नहीं कर सकते. इस सब से परेशान किसान ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसी से दुखी और परेशान होकर किसान ने सीमेंट संयंत्र के गेट पर 31 जुलाई को सपरिवार आत्मदाह करने की चेतावनी दी है. चेतावनी के बाद तहसीलदार ने किसान का बयान दर्ज करने के लिए कार्यालय बुलाया है.