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बलौदाबाजार : पंचायतों को बांट दी एल्युमिनियम से बनी कचरा गाड़ी

पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत में कचरा गाड़ी का वितरण किया गया. बलौदाबाजार के जिला पंचायत में भी अभियान के तहत कचरा गाड़ी ( ट्राई साइकिल), बेलचा, फावड़ा और सेफ्टी किट का वितरण किया गया. सरपंच और सचिव ने ट्राई साइकिल वितरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

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Published : Jan 11, 2021, 6:33 PM IST

Updated : Jan 14, 2021, 12:48 PM IST

Corruption in garbage cart in baloda bazar
कचरा गाड़ी में भ्रष्टाचार

बलौदाबाजार : पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. साथ ही अभियान के तहत कचरा गाड़ी ( ट्राई साइकिल), बेलचा, फावड़ा और सेफ्टी किट का वितरण किया जा रहा है. जिले के ग्राम पंचायतों में खराब क्वॉलिटी का कचरा गाड़ी दिया गया. सरपंच और सचिवों से जबरन वसूली कर शासन को करोड़ों का चूना लगाया गया. जिला पंचायत सदस्यों ने जिले में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

पंचायतों को बांट दी एल्युमिनियम से बनी कचरा गाड़ी
जिला पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायतों को लोहे से बनी कचरा गाड़ी दी गई, जिसकी कीमत 12 हजार रुपए है, लेकिन वसूले गए 45000 रुपए. जबकि एल्युमीनियम से बनी गाड़ी की कीमत 45000 रुपए.
उनका आरोप है कि जिला पंचायत और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण 12 हजार की ट्राई साइकिल को 45000 रुपये में बेच दिया गया. इस हरकत के कारण शासन को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है.

पढ़ें : जशपुर के इन ग्रामीणों को विकास का इंतजार

भ्रष्टाचार में संलिप्त

जिला पंचायत सदस्य और सभापति ने यह भी आरोप लगाया है कि जिले के दो से तीन अधिकारी इस प्रकार के भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं. वे खुद ही ठेकेदार बनकर अपने ही वेंडरों से खराब क्वॉलिटी का सामान बनाकर ग्राम पंचायतों में भेज रहे हैं. इसकी कीमत सरपंच और सचिव से जबरदस्ती वसूल की जा रही है. खराब सामग्री के लिए जब सरपंच सचिवों ने विरोध किया तो उन पर कार्रवाई का हवाला देकर राशि वसूली जा रही है.

कार्रवाई से इंकार

जिला पंचायत सभापति नवीन मिश्रा ने बताया कि जिले में हो रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे को आम सभा में रखा गया, तब जिले के एडिशनल सीईओ ने जिला पंचायतों से दुर्व्यवहार किया. साथ ही किसी प्रकार की भी कार्रवाई से इंकार कर दिया. सभापति ने आरोप लगाया कि जिले के अधिकारियों ने इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. सरपंच सचिवों को डराकर वसूली भी की जा रही है.

पढ़ें : EXCLUSIVE: ताबड़तोड़ एक्शन वाले आईजी ने कहा- 'हम जनता के सेवक हैं, राजा नहीं'

जांच के बाद कार्रवाई का इंतजार

जिला कलेक्टर ने इस मामले में कहा कि ग्राम पंचायतों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत राशि दे दी गई है. अब उसका इस्तेमाल कैसे करना है वो उनके हाथ में है. अगर उनको कचरा गाड़ी की क्वॉलिटी सही नहीं लग रही तो वे वापस कर सकते हैं. जिले में हो रहे करोड़ों के भ्रष्टाचार के पीछे किसका हाथ है फिलहाल यह जांच का विषय है. अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई होगी.

बलौदाबाजार : पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. साथ ही अभियान के तहत कचरा गाड़ी ( ट्राई साइकिल), बेलचा, फावड़ा और सेफ्टी किट का वितरण किया जा रहा है. जिले के ग्राम पंचायतों में खराब क्वॉलिटी का कचरा गाड़ी दिया गया. सरपंच और सचिवों से जबरन वसूली कर शासन को करोड़ों का चूना लगाया गया. जिला पंचायत सदस्यों ने जिले में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

पंचायतों को बांट दी एल्युमिनियम से बनी कचरा गाड़ी
जिला पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायतों को लोहे से बनी कचरा गाड़ी दी गई, जिसकी कीमत 12 हजार रुपए है, लेकिन वसूले गए 45000 रुपए. जबकि एल्युमीनियम से बनी गाड़ी की कीमत 45000 रुपए.
उनका आरोप है कि जिला पंचायत और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण 12 हजार की ट्राई साइकिल को 45000 रुपये में बेच दिया गया. इस हरकत के कारण शासन को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है.

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भ्रष्टाचार में संलिप्त

जिला पंचायत सदस्य और सभापति ने यह भी आरोप लगाया है कि जिले के दो से तीन अधिकारी इस प्रकार के भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं. वे खुद ही ठेकेदार बनकर अपने ही वेंडरों से खराब क्वॉलिटी का सामान बनाकर ग्राम पंचायतों में भेज रहे हैं. इसकी कीमत सरपंच और सचिव से जबरदस्ती वसूल की जा रही है. खराब सामग्री के लिए जब सरपंच सचिवों ने विरोध किया तो उन पर कार्रवाई का हवाला देकर राशि वसूली जा रही है.

कार्रवाई से इंकार

जिला पंचायत सभापति नवीन मिश्रा ने बताया कि जिले में हो रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे को आम सभा में रखा गया, तब जिले के एडिशनल सीईओ ने जिला पंचायतों से दुर्व्यवहार किया. साथ ही किसी प्रकार की भी कार्रवाई से इंकार कर दिया. सभापति ने आरोप लगाया कि जिले के अधिकारियों ने इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. सरपंच सचिवों को डराकर वसूली भी की जा रही है.

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जांच के बाद कार्रवाई का इंतजार

जिला कलेक्टर ने इस मामले में कहा कि ग्राम पंचायतों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत राशि दे दी गई है. अब उसका इस्तेमाल कैसे करना है वो उनके हाथ में है. अगर उनको कचरा गाड़ी की क्वॉलिटी सही नहीं लग रही तो वे वापस कर सकते हैं. जिले में हो रहे करोड़ों के भ्रष्टाचार के पीछे किसका हाथ है फिलहाल यह जांच का विषय है. अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई होगी.

Last Updated : Jan 14, 2021, 12:48 PM IST
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