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मुश्किल में मूर्तिकार: नहीं बिक रही गणेश की प्रतिमा, दाने-दाने को मोहताज परिवार

मूर्तिकारों पर कोरोना महामारी का बड़ा असर पड़ा है. कोरोना महामारी के कारण मूर्तिकारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ गई है. कोरोना काल ने उनके आजीविका पर ऐसा कहर बरपाया है कि वे अब मूर्ति बनाना छोड़ मजदूरी की ओर बढ़ रहे हैं.

corona effect on Sculptor
मुश्किल में मूर्तिकार
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Published : Aug 18, 2020, 10:02 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 3:04 PM IST

बलौदाबाजार: 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाना है. कोरोना वायरस के कारण गणेश की मूर्तियों की मांग में कमी आई है. त्योहारों के सीजन में जहां मूर्तिकारों की अच्छी खासी कमाई हो जाती थी, इस साल मूर्तिकार को कोई ऑर्डर भी नहीं मिला है. ऐसे में उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.

मुश्किल में मूर्तिकार

महामारी से बचने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा करने से रोका जा रहा है. लिहाजा प्रशासन ने गणेश मूर्ति स्थापना और पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. जारी गाइडलाइन के मुताबिक इस साल बड़ी मूर्तियों की स्थापना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके साथ ही बड़े पंडाल लगाने पर भी रोक लगा दिया गया है. इसका सीधा असर उन मूर्तिकारों के आजीविका पर पड़ा है जो मूर्ति बनाकर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

उधार लेकर शुरू किया था मूर्ति निर्माण का काम

मूर्तिकारों बताते हैं कि गणेश स्थापना के सीजन में 500 से ज्यादा मूर्तियां बिक जाती थी और कई दर्जन बड़े मूर्तियों के आर्डर भी रहते थे, लेकिन इस बार 100 मूर्तियां भी नहीं बिकी है. उनका कहना है कि गणेश की प्रतिमां बनाने के लिए उन्होंने कर्ज लिया है, लेकिन जिस तरह से गणेश प्रतिमा की बिक्री हो रही है उतने में तो मूर्तियों के सजावट का खर्च भी नहीं निकल पाएगा. इस तरह से उनके ऊपर दोहरी मार पड़ रही है.

पढ़ें: कोरोना ने मूर्तिकारों के जीवन पर लगाया ग्रहण, नहीं मिल रहे गणपति प्रतिमा के ऑर्डर

देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण ने कई इंडस्ट्रीज की कमर तोड़कर रख दी है. कोरोना वायरस के संक्रमण ने हर वर्ग को खासा नुकसान पहुंचाया है. कोरोना काल ने मूर्तिकारों की आजीविका पर ऐसा कहर बरपाया है कि वे अब मूर्ति बनाना छोड़ मजदूरी की ओर बढ़ रहे हैं.

बलौदाबाजार: 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाना है. कोरोना वायरस के कारण गणेश की मूर्तियों की मांग में कमी आई है. त्योहारों के सीजन में जहां मूर्तिकारों की अच्छी खासी कमाई हो जाती थी, इस साल मूर्तिकार को कोई ऑर्डर भी नहीं मिला है. ऐसे में उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.

मुश्किल में मूर्तिकार

महामारी से बचने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा करने से रोका जा रहा है. लिहाजा प्रशासन ने गणेश मूर्ति स्थापना और पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. जारी गाइडलाइन के मुताबिक इस साल बड़ी मूर्तियों की स्थापना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके साथ ही बड़े पंडाल लगाने पर भी रोक लगा दिया गया है. इसका सीधा असर उन मूर्तिकारों के आजीविका पर पड़ा है जो मूर्ति बनाकर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

उधार लेकर शुरू किया था मूर्ति निर्माण का काम

मूर्तिकारों बताते हैं कि गणेश स्थापना के सीजन में 500 से ज्यादा मूर्तियां बिक जाती थी और कई दर्जन बड़े मूर्तियों के आर्डर भी रहते थे, लेकिन इस बार 100 मूर्तियां भी नहीं बिकी है. उनका कहना है कि गणेश की प्रतिमां बनाने के लिए उन्होंने कर्ज लिया है, लेकिन जिस तरह से गणेश प्रतिमा की बिक्री हो रही है उतने में तो मूर्तियों के सजावट का खर्च भी नहीं निकल पाएगा. इस तरह से उनके ऊपर दोहरी मार पड़ रही है.

पढ़ें: कोरोना ने मूर्तिकारों के जीवन पर लगाया ग्रहण, नहीं मिल रहे गणपति प्रतिमा के ऑर्डर

देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण ने कई इंडस्ट्रीज की कमर तोड़कर रख दी है. कोरोना वायरस के संक्रमण ने हर वर्ग को खासा नुकसान पहुंचाया है. कोरोना काल ने मूर्तिकारों की आजीविका पर ऐसा कहर बरपाया है कि वे अब मूर्ति बनाना छोड़ मजदूरी की ओर बढ़ रहे हैं.

Last Updated : Aug 20, 2020, 3:04 PM IST
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