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बलौदाबाजार: गुरु घासीदास की जन्मस्थली के निर्माण कार्य में लापरवाही

गिरौधपुरी में गुरु घासीदास की जन्मस्थली के पास सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना है, लेकिन सालभर से काम बंद है. जन्मभूमि के स्थान पर निर्माणाधीन दीवार गिर गई है. इतनी लापरवाही के बावजूद आदिम जाति कल्याण विभाग ने 34 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है.

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निर्माण कार्य में लापरवाही
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Published : Jul 4, 2020, 10:48 AM IST

बलौदाबाजार: गुरु घासीदास की जन्मस्थली गिरौदपुरी में निर्माण कार्य के लिए जिला प्रशासन ने DMF फंड से 60 लाख रुपए की स्वीकृति दी थी. इसके जरिए जन्मस्थली से सफुरा माता तालाब तक एक सीसी रोड और जन्मस्थली के पास सौंदर्यीकरण का काम किया जाना था. निर्माण कार्य को 2018-19 में स्वीकृति मिली थी, लेकिन कार्य पूरा होने से पहले ही विवादों में है. यहां ठेकेदार और आदिम जाति कल्याण विभाग पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.

निर्माण कार्य में लापरवाही

निर्माण कार्य में लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि काम पूरा होने से पहले ही जन्मभूमि के स्थान पर निर्माणाधीन दीवार गिर गई है. कुछ दीवारों पर दरारें भी पड़ी हैं. इसके अलावा काम बेहद धीमी गति से हो रहा है. पिछले कुछ महीनों से काम पूरी तरह से बंद है. सीसी रोड भी अधूरा है, बावजूद इसके विभाग लॉकडाउन का बहाना बना रहा है.

34 लाख का भुगतान

पूरा काम रायपुर के ठेकेदार शैलेंद ठाकुर को दिया गया है. काम में कई तरह की गड़बड़ी के बावजूद आदिम जाति कल्याण विभाग ने 34 लाख का भुगतान कर दिया है. ठीक इस भुगतान के बाद से काम बंद कर दिया गया है. लगभग 1 साल से निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

पढ़ें: रायगढ़: SBI की कैश वैन से 13 लाख की लूट, बदमाशों ने ड्राइवर और गार्ड को मारी गोली

बता दें कि ठेकेदार शैलेंद ठाकुर को काम दिया गया था, लेकिन जो पेटी ठेकेदार ने काम शुरू किया था, उसने पेमेंट नहीं मिलने की बात भी कही है. कई मजदूरों को भी पेमेंट नहीं मिलने की बात सामने आई है. जिसके लिए वो विभाग के चक्कर काट रहे हैं.

बलौदाबाजार: गुरु घासीदास की जन्मस्थली गिरौदपुरी में निर्माण कार्य के लिए जिला प्रशासन ने DMF फंड से 60 लाख रुपए की स्वीकृति दी थी. इसके जरिए जन्मस्थली से सफुरा माता तालाब तक एक सीसी रोड और जन्मस्थली के पास सौंदर्यीकरण का काम किया जाना था. निर्माण कार्य को 2018-19 में स्वीकृति मिली थी, लेकिन कार्य पूरा होने से पहले ही विवादों में है. यहां ठेकेदार और आदिम जाति कल्याण विभाग पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.

निर्माण कार्य में लापरवाही

निर्माण कार्य में लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि काम पूरा होने से पहले ही जन्मभूमि के स्थान पर निर्माणाधीन दीवार गिर गई है. कुछ दीवारों पर दरारें भी पड़ी हैं. इसके अलावा काम बेहद धीमी गति से हो रहा है. पिछले कुछ महीनों से काम पूरी तरह से बंद है. सीसी रोड भी अधूरा है, बावजूद इसके विभाग लॉकडाउन का बहाना बना रहा है.

34 लाख का भुगतान

पूरा काम रायपुर के ठेकेदार शैलेंद ठाकुर को दिया गया है. काम में कई तरह की गड़बड़ी के बावजूद आदिम जाति कल्याण विभाग ने 34 लाख का भुगतान कर दिया है. ठीक इस भुगतान के बाद से काम बंद कर दिया गया है. लगभग 1 साल से निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

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बता दें कि ठेकेदार शैलेंद ठाकुर को काम दिया गया था, लेकिन जो पेटी ठेकेदार ने काम शुरू किया था, उसने पेमेंट नहीं मिलने की बात भी कही है. कई मजदूरों को भी पेमेंट नहीं मिलने की बात सामने आई है. जिसके लिए वो विभाग के चक्कर काट रहे हैं.

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