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साल भर से नहीं हुआ है मनरेगा का भुगतान, पलायन को मजबूर ग्रामीण

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना इस अधिनियम को ग्रामीण लोगों की क्रिया शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरु किया गया था, लेकिन सरकार का 150 दिनों की रोजी रोटी देने का दावा हकीकत से कोसों दूर दिख रहा है. भुगतान नहीं मिलने की वजह से ग्रामीण रोजी-रोटी के लिए तरस रहे हैं.

काम करते मजदूर
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Published : Nov 12, 2019, 3:06 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 4:26 PM IST

बलौदाबाजार: केंद्र सरकार की सबसे बड़ी स्कीम महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना जिले में पूरी तरह ठप पड़ी है. जिले के हजारों मजदूरों का भुगतान लगभग एक साल से नहीं हुआ है. पिछले सत्र और इस सत्र में लगभग तीन करोड़ रुपए के मजदूरी का भुगतान लंबित है. मजदूरी नहीं मिलने से यहां के मजदूर रोजी के लिए पलायन करने को मजबूर हैं.

साल भर से नहीं हुआ है मनरेगा का भुगतान

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना को ग्रामीण इलाके में रह रहे लोगों को रोजगार देने के लिए शुरु किया गया था. इसके तहत सरकार वयस्क सदस्यों को 150 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है, लेकिन सरकार का 150 दिनों की रोजी रोटी देने का दावा हकीकत से कोसों दूर दिख रहा है. भुगतान नहीं मिलने की वजह से ग्रामीण रोजी-रोटी के लिए तरस रहे हैं. उनके पास अब दूसरे प्रदेश जाने के सिवा कोई और रास्ता नजर नहीं है.

जल्द किया जाएगा भुगतान
इस मामले में जिला पंचायत CEO आशुतोष पांडेय का कहना है कि 'जिला स्तर पर सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. मजदूरों का भुगतान FTO ( फंड ट्रांसफर ऑप्शन) के जरिए किया जाता है. जैसे ही शासन से राशि आएगी सभी मजदूरों के खाते में भेज दी जाएगी.

बलौदाबाजार: केंद्र सरकार की सबसे बड़ी स्कीम महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना जिले में पूरी तरह ठप पड़ी है. जिले के हजारों मजदूरों का भुगतान लगभग एक साल से नहीं हुआ है. पिछले सत्र और इस सत्र में लगभग तीन करोड़ रुपए के मजदूरी का भुगतान लंबित है. मजदूरी नहीं मिलने से यहां के मजदूर रोजी के लिए पलायन करने को मजबूर हैं.

साल भर से नहीं हुआ है मनरेगा का भुगतान

राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना को ग्रामीण इलाके में रह रहे लोगों को रोजगार देने के लिए शुरु किया गया था. इसके तहत सरकार वयस्क सदस्यों को 150 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है, लेकिन सरकार का 150 दिनों की रोजी रोटी देने का दावा हकीकत से कोसों दूर दिख रहा है. भुगतान नहीं मिलने की वजह से ग्रामीण रोजी-रोटी के लिए तरस रहे हैं. उनके पास अब दूसरे प्रदेश जाने के सिवा कोई और रास्ता नजर नहीं है.

जल्द किया जाएगा भुगतान
इस मामले में जिला पंचायत CEO आशुतोष पांडेय का कहना है कि 'जिला स्तर पर सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. मजदूरों का भुगतान FTO ( फंड ट्रांसफर ऑप्शन) के जरिए किया जाता है. जैसे ही शासन से राशि आएगी सभी मजदूरों के खाते में भेज दी जाएगी.

Intro:बलौदाबाजार - महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना केंद्र सरकार की सबसे बड़ी योजना है जिससे हर गांव में मजदूरों को रोजगार मिलता है लेकिन बलौदाबाजार जिले में यह योजना थप्प पड़ी हुई है जिले के हजारों मजदूरों का भुक्तान लगभग एक वर्ष से लंबित पड़ा हुआ है जिसके कारण मजदूर पलायन करने को भी मजबूर है


Body:ग्रामीण अपने गांव को छोड़कर बाहर काम की तलाश में ना जाए इसलिए सरकार मनरेगा के तहत वयस्क सदस्यों को 150 दिन रोजगार उपलब्ध कराती है लेकिन सरकार का 150 दिनों की रोजी रोटी देने का दावा हकीकत से दूर दिखता है. राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना इस अधिनियम को ग्रामीण लोगों की क्रिया शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरु किया गया था लेकिन छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में ग्रामीणों एवं मजदूरों का भुक्तान नही मिलने से ग्रामीण रोजी रोटी के लिए तरस रहे हैं और उनके पास अब दूसरे प्रदेश जाने के सिवा कोई रास्ता नजर नही आ रहा है।

जिला पंचायत सीईओ आशुतोष पांडेय ने बताया कि जिला स्तर पर सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है मजदूरों का भुक्तान एफटीओ( फंड ट्रांसफर ऑप्शन) के माध्यम से किया जाता है जैसे ही शासन से राशि आएगी सभी मजदूरों के खाते में राशि को हमारे द्वारा भेज दिया जाएगा अभी पिछले सत्र और इस सत्र में लगभग तीन करोड़ रुपए के मजदूर भुगतान लंबित पड़े हुए हैं.


Conclusion:बाइट - संतराम साहू - मजदूर
बाइट02- हुलेस साहू - मजदूर
बाइट03- शत्रुघन साहू - सरपंच ग्राम पंचायत गिधौरी
बाइट04- आशुतोष पांडेय-जिला पंचायत सीईओ


नोट- फ़ाईल विजुअल रिपोर्टर एप्प से भेज जा रहा है
Last Updated : Nov 12, 2019, 4:26 PM IST
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