बलौदाबाजार : घर पर अवैध रूप से अस्पताल चलाने वाली और नसबंदी के बाद महिला की मौत के मामले में आरोपी नर्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी नर्स डागेश्वरी नेपाल भागने की फिराक में थी, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने आरोपी नर्स को धरदबोचा.
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, 'आरोपी नर्स रायपुर से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के जरिए भागने होने की फिराक में थी. उसे पकड़ने के 2 टीम बनाई गई थी. एक टीम सीसीटीवी फुटेज और सायबर सेल का काम कर रही थी, वहीं दूसरी टीम को बाय रोड नागपुर भेजा गया, लेकिन नर्स भागने में कामयाब रही. बाद में नर्स की लोकेशन फरीदाबाद में मिली, जहां से पुलिस ने आरोपी नर्स को गिरफ्तार कर लिया.
नेपाल भागने की थी योजना
पुलिस पूछताछ में आरोपी नर्स ने बताया कि, 'वो एक-दो दिन रुकने के बाद पीलीभीत होते हुए नेपाल भागने वाली थी साथ ही उसने अग्रिम जमानत के लिए भी याचिका तैयार कर रखी थी.
'मैंने नहीं किया ऑपरेशन'
मीडिया के सामने आरोपी नर्स ने बताया कि, 'वो कोई अस्पताल नहीं चलाती है. नसबंदी का ऑपरेशन पूर्व सीएमएचओ डॉ प्रमोद तिवारी ने किया है. इस मामले में पूर्व सीएमएचओ डॉ प्रमोद तिवारी अभी फरार चल रहे हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
'आरोपी नर्स पर दर्ज हैं कई मामले'
एडिशनल एसपी जेआर ठाकुर ने बताया कि ये मामला बड़ा था और नर्स को गिरफ्तार करना जरूरी था. दिल्ली और फरीदाबाद जैसी जगह जाकर आरोपी को पकड़कर लाना चैलेंजिंग था. इसे हमनें स्वीकार किया और आरोपी को पकड़ने में कामयाब रहे. उन्होंने बताया कि पूर्व में भी नर्स के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
डागेश्वरी पर दर्ज हैं ये मामले
- साल 2008 में अपराध क्रमाक 132/08 धारा 420, 116 ,307, 34
- साल 2017 में अपराध क्रमाक 61/17 धारा 294, 506,323
- साल 2018 में अपराध क्रमांक 108/18 धारा 420
- साल 2018 अपराध क्रमाक 109/18 धारा 420
दरअसल, 20 मई से 24 मई के बीच आरोपी डागेश्वरी के निजी निवास पर डॉक्टर प्रमोद तिवारी की मदद से पूर्णिमा पाल की नसबंदी की गई थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इसके बाद से ही आरोपी नर्स और डॉक्टर फरार चल रहे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने नर्स के घर छापामार कार्रवाई की थी.