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बालोद: पिंक रूम में आते ही कंफर्टेबल हो जाएंगी महिलाएं और बच्चे, पूछताछ में पुलिस को होगी सहूलियत - पींक रूम

मंगलवार को थाना कोतवाली में पुलिस अधीक्षक एमएल कोटवानी की ओर से महिला डेस्क और चाइल्ड फ्रेंडली रूम का उद्घाटन किया. कक्ष को अंदर से पिंक कलर से सजाया गया है. साथ ही बच्चों के खेलने के लिए कैरम बोर्ड की व्यवस्था भी की गई है.

चाइल्ड फ्रेंडली रूम
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Published : Jul 10, 2019, 12:23 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 2:37 PM IST

बालोद: महिला और बच्चों से संबंधित अपराधों की गंभीरता से देखते हुए मंगलवार को थाना कोतवाली में पुलिस अधीक्षक एमएल कोटवानी की ओर से महिला डेस्क और चाइल्ड फ्रेंडली रूम का उद्घाटन करने के साथ ही पौधारोपण किया. बालोद थाने में ये पहला चाइल्ड फ्रेंडली रूम है. कक्ष को अंदर से पिंक कलर से सजाया गया है. साथ ही बच्चों के खेलने के लिए कैरम बोर्ड की व्यवस्था भी की गई है.

चाइल्ड फ्रेंडली रूम का उद्घाटन

एमएल कोटवानी ने थाना प्रभारी अमर सिदार सहित पूरी टीम को इसकी बधाई दी. उद्घाटन के दौरान मौके पर छोटे बच्चे भी मौजूद रहे. एमएल कोटवानी ने सभी बच्चों के साथ कैरम खेला साथ ही बच्चों का हालचाल भी जाना. उन्होंने स्टाफ से शिकायतकर्ता की भावनाओं को समझने, पुलिस और जनता के बीच दोस्ताना संबंध बनाने की अपील की.

ये रहेंगी सुविधाएं

  • चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस थानों में बच्चों के साथ होने वाले किसी भी अपराधिक घटना को संवेदनशीलता और तत्परता के साथ हैंडल किया जाएगा.
  • इस कमरे में पुलिस न सिर्फ पीड़ित बच्चों से पूछताछ करगी, बल्कि उनके साथ गेम भी खेलेगी.
  • कमरे को घर की तरह सजाया गया है. इससे बच्चों को घर जैसा माहौल मिलेगा.
  • कमरे को बच्चों के साथ होने वाले अपराध के संबंध में जागरूकता के लिए भी तैयार किया गया है.
  • इस कमरे में बच्चों से संबंधित कानून और अपराध से बचने के तरीकों से संबंधित पोस्टर भी लगाए गए हैं ताकि, बच्चे खुलकर अपनी बात रख सकें.

बालोद: महिला और बच्चों से संबंधित अपराधों की गंभीरता से देखते हुए मंगलवार को थाना कोतवाली में पुलिस अधीक्षक एमएल कोटवानी की ओर से महिला डेस्क और चाइल्ड फ्रेंडली रूम का उद्घाटन करने के साथ ही पौधारोपण किया. बालोद थाने में ये पहला चाइल्ड फ्रेंडली रूम है. कक्ष को अंदर से पिंक कलर से सजाया गया है. साथ ही बच्चों के खेलने के लिए कैरम बोर्ड की व्यवस्था भी की गई है.

चाइल्ड फ्रेंडली रूम का उद्घाटन

एमएल कोटवानी ने थाना प्रभारी अमर सिदार सहित पूरी टीम को इसकी बधाई दी. उद्घाटन के दौरान मौके पर छोटे बच्चे भी मौजूद रहे. एमएल कोटवानी ने सभी बच्चों के साथ कैरम खेला साथ ही बच्चों का हालचाल भी जाना. उन्होंने स्टाफ से शिकायतकर्ता की भावनाओं को समझने, पुलिस और जनता के बीच दोस्ताना संबंध बनाने की अपील की.

ये रहेंगी सुविधाएं

  • चाइल्ड फ्रेंडली पुलिस थानों में बच्चों के साथ होने वाले किसी भी अपराधिक घटना को संवेदनशीलता और तत्परता के साथ हैंडल किया जाएगा.
  • इस कमरे में पुलिस न सिर्फ पीड़ित बच्चों से पूछताछ करगी, बल्कि उनके साथ गेम भी खेलेगी.
  • कमरे को घर की तरह सजाया गया है. इससे बच्चों को घर जैसा माहौल मिलेगा.
  • कमरे को बच्चों के साथ होने वाले अपराध के संबंध में जागरूकता के लिए भी तैयार किया गया है.
  • इस कमरे में बच्चों से संबंधित कानून और अपराध से बचने के तरीकों से संबंधित पोस्टर भी लगाए गए हैं ताकि, बच्चे खुलकर अपनी बात रख सकें.
Intro:बालिकाएं खुल कर कह पाए अपनी बात इसलिए रेंज का पहला महिला डेस्क एवम् चाइल्ड फ्रेंडली रूम बना बालोद थाने में

गुलाब की खुशबू गुलाबी रंग और खेल के सामानों से भरा है रूम बच्चों संग जिला पुलिस अधीक्षक ने कि शुरुआतBody:बालोद।

एंकर - महिला एवं बच्चों समन्धित अपराधों की गंभीरता व संवेदनशीलता को देखते हुए थाना कोतवाली बालोद में महिला डेस्क एवं चाइल्ड फ्रेंडली रूम का पुलिस अधीक्षक एम एल कोटवानी के द्वारा आज उद्धघाटन किया गया साथ ही पौधारोपण भी किया गया यह एक ऐसा समय था जब पूरे दुर्ग रेंज से बालोद थाने में ऐसी शुरुआत की गई इसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी अमर सिदार सहित पूरी टीम को बधाई दी पुलिस अधीक्षक द्वारा उद्घाटन के मौके पर छोटे बच्चे भी मौजूद रहे छोटे बच्चों के साथ उन्होंने इस कमरे का उद्घाटन किया और कमरे में बच्चों को कैरम खेलने के लिए प्रेरित किया साथ ही बच्चों का हालचाल जाना साथ ही सभी थाना स्टाफ से अपील की कि आम लोगों की भावनाओं को समझे और पोलीस और जनता के बीच मैत्रीय संबंध स्थापित करने में सहयोग करे।

क्या है इस चाइल्ड फ्रेंडली रूम में

रेंज के पहले निर्मित चाइल्ड फ्रेंडली रूम में काफी कुछ एक घर माहौल जैसा है इसे गुलाबी रंग में पोता गया है और यहां अच्छे फर्नीचर लगाए गए हैं खेलने के लिए कैरम की व्यवस्था की गई है और तो और गुलाबों की सुगंध भी भरी गई है साथ ही बच्चों को प्रेरित करने वाले आलेख भी रखे गए हैं ताकि कोई बालिका यदि इस तरह की किसी परेशानियों से गुजर कर आए तो वह अपनी बात खुलकर रख पाए

वीओ - जिला पोलीस अधीक्षक एम एल कोटवानी ने बताया कि डीजीपी छत्तीसगढ़ शासन की सोच है कि यहां सामुदायिक पुलिसिंग और महिला संबंधित अपराधों को लेकर पुलिस और प्रार्थी का संबंध ऐसा हो कि एक प्रार्थी अपनी समस्या खुलकर बता पाए इसी के तहत हम सब पूर्णता प्रयास कर रहे हैं एक प्रार्थी आए तो अपनी बात खुल कर रख पाए यह हमारे लिए बेहद आवश्यक है यह पहल काफी अच्छा है और इससे बालिकाओं और महिलाओं को अपनी बात रखने में काफी आसानी होगी इनके साथ ही पद्म श्री शमशाद बेगम ने बढ़ाई देते हुए संबोधन दिया बाल संरक्षण अधिकारी गजानंद साहू ने भी इस पहल को मील का पत्थर बताया।


बाइट - एम एल कोटवानी, जिला पुलिस अधीक्षक बालोद
Conclusion:वीओ - बालोद थाना प्रभारी अमर सिदार ने बताया कि जब वह यहां थाना प्रभारी बनकर आए तो उन्होंने देखा कि हमारी महिला अधिकारियों एवं आरक्षक ओं द्वारा जब महिलाओं से पूछताछ एवं उनकी समस्याओं को सुना जाता है तो वह काफी अनकंफरटेबल देते हैं जिसके लिए उन्हें थाने से बाहर एकांत में जाना पड़ता है तो यह सब बातें हमें खटक रही थी तो हमने ऐसी सोच लगाई जिससे महिलाओं बालिकाओं को अपनी बात रखने पाने में काफी आसानी है और हमने जिला पुलिस अधीक्षक महोदय को इसकी जानकारी दी उन्होंने ऐसा करने में हमारा सहयोग किया और आज हम अपनी सोच पर खरा उतर पाए हैं इस दौरान डी एस पी अनुराग झा सहित थाने एवम् महिला एवम् बाल विकास विभाग की टीम मौजूद रही।
Last Updated : Jul 10, 2019, 2:37 PM IST
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