बालोद: केंद्रीय इस्पात पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर बालोद पहुंचे. जहां उन्होंने दल्ली राजहरा खदान का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से बने संयंत्र की स्थापना की है. इस संयंत्र से लो क्वालिटी के माइंस को अपग्रेड किया जाएगा. साथ ही उन्होंने खदान में यूनियन कर्मियों से मुलाकात की.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अपने तय कार्यक्रम के अनुसार सप्तगिरि पार्क में पौधारोपण किया, जिसके बाद वे खदान के दौरे पर निकले. जहां उनके साथ जिला प्रशासन और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम मौजूद रही. उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि 'आने वाले समय में स्टील की उपयोगिता सबसे ज्यादा बढ़ने वाली है'. साथ ही उन्होंने कहा कि 'भारत में इस्पात उद्योग की कल्पना बिना छत्तीसगढ़ के सहयोग से नहीं की जा सकती'.
'300 मिलियन तक बढ़ाई जाएगी माइंस उत्पादन क्षमता'
उन्होंने बताया कि वह 2 दिनों के छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं. जहां वे भिलाई और दिल्ली माइंस के विजिट के बाद कहा कि 'उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. छत्तीसगढ़ में 140 मिलियन की जो उत्पादन क्षमता थी, उसे 300 मिलियन तक बढ़ाया जाएगा. इसके बढ़ने से भिलाई इस्पात संयंत्र का उत्पादन भी बढ़ेगा. इससे छत्तीसगढ़ का भी विकास होगा.
'दल्ली राजहरा का होगा विकास'
इस दौरान उन्होंने दल्ली राजहरा की स्थितियों और लाल पानी प्रभाव पर भी अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि 'दल्ली राजहरा को फिर से कैसे व्यवस्थित रखें. यहां का विकास हमारी प्राथमिकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि 'आने वाले समय में दल्ली राजहरा और भिलाई के साथ ही इस्पात संयंत्र का विकास भी होगा'.