बालोद : बालोद जिले के ट्रक मालिक गुड्स परिवहन संघ के सदस्यों को इन दिनों काम नहीं मिल पा रहा है. इस कारण वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि अब उनके पास गाड़ियों की किस्त चुकाने तक के पैसे नहीं हैं. इस बार कांग्रेस की सरकार में मार्केट का काम भी अच्छे से नहीं चला. न धान खरीदी हो सकी न ही धान उठाव ही इस बार सोसाइटी और मिलरों द्वारा किया गया. जैसा काम पहले मिल जाता था, वह नहीं मिल पा रहा है. इसलिए लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं प्रशासन द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में उन्हें काम देने का अधिकार न होने की दुहाई दी जा रही है.
सांसद से लगाई गुहार
ट्रक मालिक गुड्स परिवहन संघ की ओर से कान के लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी से काम दिलाने की गुहार लगाई गई. प्रशासन की शिकायत भी की गई. सांसद ने फोन पर चर्चा कर प्रशासन से मिलने की बात कही, लेकिन अब तक किसी तरह का रास्ता ट्रक मालिकों को नहीं मिल पाया है. ट्रक मालिक संचालक लगातार प्रशासन से काम दिलाने की मांग कर रहे हैं.
पावर प्लांट में मिल रहा बाहरी लोगों को काम
यहां के पावर प्लांट में भी स्थानीय कर्मचारियों को काम नहीं मिल पा रहा है. ट्रक मालिक संचालक भी काम की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है. जबकि रायपुर, दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव के ट्रक मालिक यहां काम कर रहे हैं. इससे स्थानीय लोग काफी नाराज हैं. लोगों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिलेगा तो हम कहां जाएंगे. उनका कहना है कि 1 किमी के क्षेत्र में उन्हें काम दिया जाए. नियम यह होना चाहिए कि प्रत्येक ट्रक मालिक अपने-अपने क्षेत्र में काम करें. वहीं वे लोग आगे आंदोलन की रणनीति भी बना रहे हैं.
हमारे मजदूर भी बेरोजगार : संघ
वहीं ट्रक मालिक परिवहन संघ के सचिव मनोज चांडक ने बताया कि हमारे संघ में 80 ट्रक मालिक हैं. उनके अंदर सैकड़ों मजदूर काम करते हैं. हमें काम न मिलने के कारण वे भी बेरोजगार हो गए हैं. उनके बेरोजगार होने से उनके पीछे परिवार भी भूखों मरने की स्थिति में है. ऐसे में रोजगार की संकट आ रही है. प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है.