बालोद: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा आदिवासी आरक्षण में फैसले के बाद बालोद जिले में आदिवासी समाज का प्रदर्शन हुआ है. आगामी दिनों में मांगें पूरी ना होने पर ब्लॉक स्तर पर आर्थिक नाकेबंदी और महाबंद का फैसला किया गया है. बालोद शहर के नया बस स्टैंड परिसर में सर्व आदिवासी समाज ने धरना दिया. आदिवासी समाज ने सरकार को आड़े हाथों लिया. प्रदर्शन में गोंड़, आदिवासी, कंवर आदिवासी और हल्बा आदिवासी समाज के लोग मौजूद रहे. बालोद शहर में सर्व आदिवासी समाज की रैली में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. सर्व आदिवासी समाज ने सरकार बदलने की चेतावनी भी दी है. Tribal society protest in Balod
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17 अक्टूबर तक का अलटीमेटम: बालोद में आंदोलन कर रहे आदिवासी समाज ने कहा कि "प्रदेश सरकार ने 17 अक्टूबर को कैबिनेट की मीटिंग के माध्यम से अध्यादेश लाने की बात की है. यदि 17 अक्टूबर तक हमारे पक्ष में किसी तरह का कोई गंभीर निर्णय नहीं लिया जाता है तो फिर आने वाले समय में हम आर्थिक नाकाबंदी और महाबंद का आह्वान करेंगे."
चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय: आदिवासी समाज ने कहा कि "उच्च न्यायालय के फैसले के बाद हमारा आरक्षण 12% कम हो गया है. उच्च न्यायालय के इस फैसले से प्रदेश के सभी आदिवासी समुदाय को आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक हानि उठाना पड़ेगा. आने वाले समय में आदिवासी युवाओं का भविष्य खतरे में होगा. सभी विषयों को लेकर सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ और छत्तीसगढ़ प्रांत के आदिवासी समुदाय के सभी समाज के लोगों ने चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया है.''