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छलका किसानों का दर्द, रोते हुए कहा- बिन धान बेचे कैसे जिएंगे हम

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Published : Nov 29, 2019, 8:17 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 10:17 PM IST

धान खरीदी को लेकर प्रदेश में आय दिन आंदोलन किए जा रहे हैं. इसी बीच बालोद में व्यापारी और किसानों ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया.

Traders and farmers protested for paddy purchase in Balod
धान खरीदी को लेकर व्यापारियों और किसानों का चक्काजाम

बालोद: धान के फुटकर व्यापारियों ने शुक्रवार को झलमला तिराहे में चक्काजाम किया. किसानों ने भी इसका समर्थन किया. व्यापारियों का कहना था कि जो 3 क्विंटल धान खरीदी का लाइसेंस उन्हें दिया गया है, उसे 100 क्विंटल किया जाए.

किसानों ने किया चक्काजाम

आंदोलन में पहुंचे किसानों ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया. कहा, हमारे पास जीवन यापन के लिए पैसा नहीं है. आखिर हम करें तो करें क्या. पुलिस ने चक्काजाम करने वाले सभी व्यापारियों को गिरफ्तार किया है.

किसानों ने सड़कों पर फेंका धान
चक्काजाम का समर्थन करने पहुंचे किसानों ने बताया कि धान व्यापारियों के भरोसे ही हमारा जीवन यापन होता है. धान बेचकर ही हम मजदूरों को मजदूरी देते हैं. हम धान बेचने व्यापारियों के पास जाते हैं, तो वे धान खरीदने से मना कर देते हैं, क्योंकि प्रशासन उन पर लगातार नकेल कसते हुए कार्रवाई कर रहा है. अगर ऐसी ही स्थिति चलती रही, तो हम किसके पास धान बेचने जाएंगे. ऐसा कहते हुए किसानों ने सड़क पर ही अपना धान फेंक दिया.

पुलिस ने किया गरफ्तार
किसान और व्यापारी गंगा मैया मंदिर से बैठक लेकर पैदल मार्च निकालते हुए चौक पर पहुंचे. इसके बाद उन्होंने चक्काजाम कर लगभग आधे घंटे तक यातायात रोका. इसके बाद लगभग 500 की संख्या में मौजूद किसानों को गिरफ्तार कर अस्थाई जेल भेज दिया गया.

बालोद: धान के फुटकर व्यापारियों ने शुक्रवार को झलमला तिराहे में चक्काजाम किया. किसानों ने भी इसका समर्थन किया. व्यापारियों का कहना था कि जो 3 क्विंटल धान खरीदी का लाइसेंस उन्हें दिया गया है, उसे 100 क्विंटल किया जाए.

किसानों ने किया चक्काजाम

आंदोलन में पहुंचे किसानों ने रोते हुए अपना दर्द बयां किया. कहा, हमारे पास जीवन यापन के लिए पैसा नहीं है. आखिर हम करें तो करें क्या. पुलिस ने चक्काजाम करने वाले सभी व्यापारियों को गिरफ्तार किया है.

किसानों ने सड़कों पर फेंका धान
चक्काजाम का समर्थन करने पहुंचे किसानों ने बताया कि धान व्यापारियों के भरोसे ही हमारा जीवन यापन होता है. धान बेचकर ही हम मजदूरों को मजदूरी देते हैं. हम धान बेचने व्यापारियों के पास जाते हैं, तो वे धान खरीदने से मना कर देते हैं, क्योंकि प्रशासन उन पर लगातार नकेल कसते हुए कार्रवाई कर रहा है. अगर ऐसी ही स्थिति चलती रही, तो हम किसके पास धान बेचने जाएंगे. ऐसा कहते हुए किसानों ने सड़क पर ही अपना धान फेंक दिया.

पुलिस ने किया गरफ्तार
किसान और व्यापारी गंगा मैया मंदिर से बैठक लेकर पैदल मार्च निकालते हुए चौक पर पहुंचे. इसके बाद उन्होंने चक्काजाम कर लगभग आधे घंटे तक यातायात रोका. इसके बाद लगभग 500 की संख्या में मौजूद किसानों को गिरफ्तार कर अस्थाई जेल भेज दिया गया.

Intro:बालोद

जिले भर के धान के फुटकर व्यापारियों ने आज झलमला तिराहे पर चक्का जाम किया जिसका समर्थन किसानों ने भी किया व्यापारियों का कहना था कि जो 3 क्विंटल धान खरीदी की लाइसेंस उन्हें दिया गया है उसे 100 क्विंटल किया जाए 3 क्विंटल से थोड़ा भी अधिक धान होता है तो प्रशासन द्वारा उन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 15 फरवरी तक गाड़ी ना छोड़ने का आदेश है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसान भी हमारे पास धान बेचने के लिए आ रहे हैं परंतु हम धान लेने के लिए असमर्थ हैं वही वहां पहुंचे किसानों ने रोते हुए अपना दुख व्यक्त किया कि हमारे पास जीवन यापन के लिए पैसा नहीं है सब्जी भाजी के लिए पैसा नहीं है धान को 1 किलो भी खरीदने को तैयार नहीं है आखिर हम करें तो करें क्या व्यापारियों के द्वारा चक्का जाम को पुलिस द्वारा करते हुए सभी को गिरफ्तार कर लिया गया वहीं प्रशासन भी यह कहती नजर आई कि शासन के आदेश के अनुसार यह कार्रवाई की जा रही है वहीं उनकी समस्या के संदर्भ में प्रशासन ने कहा कि उनकी जो मांगे हैं वहां मारी स्तर की नहीं बल्कि शासन स्तर की है।




Body:वीओ - चक्काजाम का समर्थन करने पहुंचे किसानोंने बताया कि धान व्यापारियों के भरोसे ही हमारे जीवन यापन होता है धान बेचकर ही हमें मजदूरों को भुगतान करना है हार्वेस्टर राधिका भुगतान करना है और उसी में जीवन यापन करते हुए सब्जी भाजी का खर्च निकालना है अब अगर हम धान बेचने नहान व्यापारियों के पास जाते हैं तो उन्होंने सीधे-सीधे धान खरीदने से मना कर दिया क्योंकि प्रशासन उन पर लगातार नकेल कसते हुए कार्रवाई कर रही है अगर ऐसी ही स्थिति चलती रही तो हम किसके पास धान बेचने जाएंगे ऐसा कहते हुए किसानों ने सड़क पर ही अपना ध्यान रख दिया और मीडिया के सामने किसान रोने लगे अपनी मजबूरियां गिनाते हुए।

वीओ - धान व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि हम लोग कोई क्रिमिनल नहीं है बल्कि धान के व्यापारी हैं सरकार और प्रशासन द्वारा लगातार हम पर दबाव बनाया जा रहा है पहले से ही क्यों नहीं बताया गया था कि व्यापारी दान ना खरीदे अब जब हम धान खरीदते हैं तो हम पर कार्रवाई की जाती है साथ ही हमारी गाड़ियों को 15 फरवरी तक ना छोड़ने का आदेश दिया गया है उन्होंने मांग किया कि धान खरीदी का जो लाइसेंस मंडी से प्राप्त है उसमें 3 क्विंटल की लिमिट दिया गया उसे लगभग 100 क्विंटल करें साथ ही कार्रवाई को तत्काल बंद कर दे सभी को गाड़ी छोड़ने की मांग करते हुए व्यापारियों ने चक्का जाम कर दिया।


Conclusion:किसान व व्यापारी गंगा मैया मंदिर से बैठक कर पैदल मार्च निकालते हुए चौक पर पहुंचे और सड़क पर ही घेर कर खड़े हो गए जिससे लगभग आधे घंटे तक यातायात बाधित रहा जिसके बाद तत्काल सभी को रोड से देखते हुए गिरफ्तारी करनी शुरू की गई और लगभग 500 की संख्या में मौजूद किसानों को गिरफ्तार कर अस्थाई जेल भेज दिया गया।

बाइट - केजुराम , कृषक

बाइट - रामेश्वर जोशी, किसान

बाइट - कन्हैय्या लाल साहू, व्यापारी

नोट - प्रशासनिक बाइट कलेक्टर से लिया गया परंतु वह बाइट मोजो में दिक्कत के कारण सेव नही हुआ है जिसकी समस्या मैने मोजो डेस्क में बता दिया है।
Last Updated : Nov 29, 2019, 10:17 PM IST
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