बालोद: विधानसभा चुनाव के दौरान, सरकार की ओर से गन्ने के समर्थन मूल्य को लेकर किए गए वादे को पूरा नहीं करने पर किसान धरने पर बैठ गए हैं. आरोप है कि सरकार ने गन्ने को लेकर बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है.
किसान सुबह से ही नया बसस्टैंड में टेंट लगाकर धरना-प्रदर्शन करते नजर आए और शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों का कहना है कि, उन्हें उम्मीद थी कि शासन उनका ख्याल रखते हुए दिवाली तक भुगतान कर देगा.
बोनस देने की मांग
बालोद जिले में लगभग 3100 किसान हैं, जो गन्ने की खेती करते हैं. किसानों को 261 रुपए गन्ने का समर्थन मूल्य है, जो केंद्र सरकार देती है, वह उन्हें मिल गया है. प्रदेश सरकार की ओर से 94 रुपए और देने की बात की गई थी, जो नहीं नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि, वो पारंपरिक धान की खेती को छोड़कर गन्ने की फसल कर रहे हैं तो हमें इस तरह से उपेक्षित किया जा रहा है.
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मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
किसान संघ के उपाध्यक्ष किशन साहू ने बताया कि 'सभी किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि, बचत राशि का भुगतान कर दिया जाए. ऐसे में किसान सरकार से क्या उम्मीद करें, किसानों ने धरना के साथ ही मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. दिवाली तक भुगतान नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी.