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पराली जलाने पर एसडीएम ने की कार्रवाई, किसानों ने दी सफाई- नहीं थी जानकारी

पराली पर प्रतिबंध होने के बाद भी किसान उसे खेत में ही जला रहे हैं, जिसके चलते प्रदूषण अधिक हो रहा है.

SDM takes action on burning stubble in balod
पराली जलाने पर एसडीएम ने की कार्रवाई
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Published : Jan 17, 2020, 5:23 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 7:14 PM IST

बालोद: प्रतिबंध के बावजूद किसान खेतों में पराली जला रहे हैं. इससें प्रदूषण अधिक हो रहा है. प्रशासन पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रख रहा है. इसके बावजूद पराली जलाने पर अंकुश नहीं लग रहा है. किसानों का कहना है कि विभाग की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है. जानकारी के अभाव में खेत की सफाई के लिए पराली को जलाते हैं.

पराली जलाने पर एसडीएम ने की कार्रवाई

जिला प्रशासन ने खेतों में पराली जलाने की रोकथाम को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश कर खेतों में पराली जलाने पर जुर्माने का भी प्राविधान किया है. इन सब के बावजूद क्षेत्र में खेतों में पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा है.

किसानों को नहीं है इसकी जानकारी
किसानों का कहना है कि प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से पराली जलाने के रोकथाम के लिए कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिसके चलते किसान जानकारी के अभाव में खेत सफाई के लिए धान पसल के बचे अवशेष को जला देते हैं.

एसडीएम ने की पराली जलाने वाले किसान पर कार्रवाई
दरअसल, खेत में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं आस-पास के क्षेत्रों में असहज स्थिति पैदा करने के अलावा खेतों में पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है. खेत में पराली जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है. खेतों में कई प्रकार की गड़बड़ी उत्पन्न करता है. यही नहीं मिट्टी में उपस्थित किसान मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. इन सब का असर सीधे तौर पर फसलों पर पड़ता है. इससें फसलों में बीमारी भी उत्पन्न हो जाती है, जिसको देखते हुए एसडीएम सिलीथामस ने मामले में सख्ती दिखाते हुए मौके पर पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है.

बालोद: प्रतिबंध के बावजूद किसान खेतों में पराली जला रहे हैं. इससें प्रदूषण अधिक हो रहा है. प्रशासन पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रख रहा है. इसके बावजूद पराली जलाने पर अंकुश नहीं लग रहा है. किसानों का कहना है कि विभाग की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है. जानकारी के अभाव में खेत की सफाई के लिए पराली को जलाते हैं.

पराली जलाने पर एसडीएम ने की कार्रवाई

जिला प्रशासन ने खेतों में पराली जलाने की रोकथाम को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश कर खेतों में पराली जलाने पर जुर्माने का भी प्राविधान किया है. इन सब के बावजूद क्षेत्र में खेतों में पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा है.

किसानों को नहीं है इसकी जानकारी
किसानों का कहना है कि प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से पराली जलाने के रोकथाम के लिए कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिसके चलते किसान जानकारी के अभाव में खेत सफाई के लिए धान पसल के बचे अवशेष को जला देते हैं.

एसडीएम ने की पराली जलाने वाले किसान पर कार्रवाई
दरअसल, खेत में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं आस-पास के क्षेत्रों में असहज स्थिति पैदा करने के अलावा खेतों में पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है. खेत में पराली जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है. खेतों में कई प्रकार की गड़बड़ी उत्पन्न करता है. यही नहीं मिट्टी में उपस्थित किसान मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. इन सब का असर सीधे तौर पर फसलों पर पड़ता है. इससें फसलों में बीमारी भी उत्पन्न हो जाती है, जिसको देखते हुए एसडीएम सिलीथामस ने मामले में सख्ती दिखाते हुए मौके पर पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है.

Intro:बालोद

प्रतिबंध के बावजूद जिले में किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाया जा रहा इससे प्रदूषण के साथ साथ भूमि की उर्वरा क्षमता में भी घाट रहे है प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों पर निगरानी की जिम्मेदारी तय की इसके बावजूद पराली जलाने पर अंकुश नहीं लग पा रहा वही किसानो का कहाँ है विभाग द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई जानकारी के अभाव में खेत की सफाई के लिए खेत में पराली को जलाते है...पराली जाने की सुचना पर बालोद अनुविभागीय अधिकारी सिलिथामस जुन्गेरा में किसानों के खेत पहुच कार्यवाही की !
Body:वीओ - सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए खेतों में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा जिला प्रशासन भी खेतों में पराली जलाने की रोकथाम को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश कर खेतों में पराली जलाने पर जुर्माने का भी प्राविधान किया गया इन सब के बावजूद क्षेत्र में खेतों में पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा बालोद जिले प्रतिदिन कई जगह पराली जलाने देखने को मिलता है किसानों ने बतलाय की जिला प्रशासन ना ही कृषि विभाग द्वारा पराली जलाने के रोकथाम के लिए कोई जानकारी दिए यही जिसके चलते किसान जानकारी के अभाव में खेत सफाई के लिए धान पसल के बचे अवशेष को जला देते है !Conclusion:वीओ - दरअसल खेत में पराली जलाने से निकलने वाला धुआं आसपास के क्षेत्रों मेें असहज स्थिति पैदा करने के अलावा खेतों में पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है खेत में पराली जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता जो खेतों में कई प्रकार की गड़बड़ी उत्पन्न करता है यही नहीं मिट्टी में उपस्थित किसान मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं इन सब का असर सीधे तौर पर फसलों पर पड़ता है इससे फसलों में बीमारी भी उत्पन्न हो जाती है जिसको देखते हुए एसडीएम सिलीथामस ने मामले में सख्ती दिखाते हुए मौके पर पहुचे पराली जलाने वाले किसानो पर कार्यवाही शुरू कर दी है।

बाईट - राजकुमार ठाकुर,किसान

बाईट - अन्जुराम, .किसान

बाईट - सिलीथामस, एसडीएम बालोद
Last Updated : Jan 17, 2020, 7:14 PM IST
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