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दल्ली-राजहरा सीट भी हुई अनारक्षित, ये रहेंगे यहां के प्रमुख मुद्दे

दल्ली-राजहरा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर नेता अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को रिझाने में लग गए हैं.

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Published : Sep 25, 2019, 12:00 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 3:47 PM IST

राजहरा सीट भी हुआ अनारक्षित

बालोद: दल्ली-राजहरा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर नेताओं में सरगर्मी तेज हो गई है. नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरु कर दिया है. इसी कड़ी में नेताओं ने कहा कि ये चुनाव जनता की समस्याओं को लेकर लड़ा जाएगा.

राजहरा सीट भी हुई अनारक्षित

पढ़ें: नगर सरकार: दावेदारों ने शुरू की लॉबिंग, पार्टियों के फैसले का इंतजार

बता दें कि इलाके में कच्चे लोहे की खान है, लेकिन यहां स्थानीय लोगों को प्लांट में काम नहीं मिल रहा है, बाइपास रोड निर्माण, खनिज नगरी होने के साथ ही यहां ट्रकों की भारी संख्या है, जिसे एक व्यवस्थित ट्रांसपोर्ट नगर बनाने जैसे मद्दों को लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

कांशीराम निषाद हो सकते हैं प्रत्याशी
वहीं उम्मीदवारों की बात की जाए तो कांग्रेस वर्तमान में कांशीराम निषाद यहां के अध्यक्ष थे, तो वहीं संतोष देवांगन भाजपा से प्रत्याशी रहे, लेकिन हार के बाद वे पालिका क्षेत्र में सक्रियता से मुद्दों को उठाते रहे, जिसका प्रतिफल भी संतोष देवांगन को मिल सकता है.

34 हजार मतदाता
बता दें कि 'यहां की आबादी साल 2011 की जनसंख्या के अनुसार लगभग 44 हजार है, जिसमें से 34 हजार मतदाता हैं, जो मतदान करेंगे. साथ ही यहां 100 बिस्तर अस्पताल निर्माण भी एक पुरानी मांग रही है, जिसको लेकर भी नेता जनता के पास वोट मांगने जाएंगे.

बालोद: दल्ली-राजहरा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर नेताओं में सरगर्मी तेज हो गई है. नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरु कर दिया है. इसी कड़ी में नेताओं ने कहा कि ये चुनाव जनता की समस्याओं को लेकर लड़ा जाएगा.

राजहरा सीट भी हुई अनारक्षित

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बता दें कि इलाके में कच्चे लोहे की खान है, लेकिन यहां स्थानीय लोगों को प्लांट में काम नहीं मिल रहा है, बाइपास रोड निर्माण, खनिज नगरी होने के साथ ही यहां ट्रकों की भारी संख्या है, जिसे एक व्यवस्थित ट्रांसपोर्ट नगर बनाने जैसे मद्दों को लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

कांशीराम निषाद हो सकते हैं प्रत्याशी
वहीं उम्मीदवारों की बात की जाए तो कांग्रेस वर्तमान में कांशीराम निषाद यहां के अध्यक्ष थे, तो वहीं संतोष देवांगन भाजपा से प्रत्याशी रहे, लेकिन हार के बाद वे पालिका क्षेत्र में सक्रियता से मुद्दों को उठाते रहे, जिसका प्रतिफल भी संतोष देवांगन को मिल सकता है.

34 हजार मतदाता
बता दें कि 'यहां की आबादी साल 2011 की जनसंख्या के अनुसार लगभग 44 हजार है, जिसमें से 34 हजार मतदाता हैं, जो मतदान करेंगे. साथ ही यहां 100 बिस्तर अस्पताल निर्माण भी एक पुरानी मांग रही है, जिसको लेकर भी नेता जनता के पास वोट मांगने जाएंगे.

Intro:बालोद

बालोद ज़िले का दल्लीराजहरा नगरीय निकाय क्षेत्र जो कि कांकेर लोकसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है यहां की आबादी वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार लगभग 44 हज़ार थी जो कि अब की स्थिति बढ़ भी सकती है यहां लगभग 34 हज़ार मतदाता हैं ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है।
दल्ली राजहरा निकाय का अपना एक अलग महत्व है जहाँ कच्चे लोहे की खान है पर यहां मसला ये रहा है कि स्थानीय लोगों को इसका लाभ क्यों नहीं मिलता जिस जगह से करोड़ो का राजस्व देश को जाता है वह शहर विकास से अछूता क्यों है यहां कई ऐसे मुद्दे हैं जो इस चुनाव सरगर्मी बढ़ा सकते हैं।


Body:वीओ - इस चुनाव राजहरा निकाय में प्रमुख मुद्दा होगा स्थानीय लोगों को प्लांट में काम दिलाने का साथ ही बायपास निर्माण कराने वहीं खनिन नगरी होने के साथ ही यहां ट्रकों की भारी संख्या है और यहां एक व्यवस्थित ट्रांसपोर्ट नगर बनाना भी चुनौती पूर्ण रहेगा ट्रांसपोर्ट नगर ना होने के कारण ट्रकें यहाँ से वहां अस्त व्यस्त खड़ी रहती है इसके साथ ही जो अंदरूनी सड़क हैं जिसमे कोंडे पावर हाउस शामिल है वह भी एक बड़ी समस्या है वहीं खनिज नगरी से जिला खनिज न्यास मद के तहत करोड़ो की राशि प्रशासन को मिलती है जिसका ज्यादातर हिस्सा निकाय क्षेत्र में खर्च करने की मांग भी काफी पुरानी रही है।

वीओ - राजनीति की बात की जाय तो इस बार दिनों राष्ट्रीय दलों से उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक रहेगी कांग्रेस की बात करें तो सभी उम्मीदवार प्रदेश की मंत्री अनिला भेड़िया पर निगाहें टिकाये हुए हैं क्योंकि टिकट के मामले में मंत्री अनिला भेड़िया एक अहम किरदार निभा सकते हैं वर्तमान में जहां कांशी राम निषाद यहाँ अध्यक्ष थे तो वहीं संतोष देवांगन भाजपा से प्रत्याशी रहे पर हार के बाद वे पालिका क्षेत्र में सक्रियता से मुद्दों को उठाते रहे जिसका प्रतिफल भी संतोष देवांगन को मिल सकता है यहां 100 बिस्तर अस्पताल निर्माण भी एक पुरानी मांग रही है।


Conclusion:सत्ता हो या विकास सब मे दल्ली राजहरा का एक अहम रोल है काहेतर में रेल चली तो श्रेय जाता है दल्ली राजहरा को यह लोकसभा का सबसे बड़ा शहर है और विश्व स्तर पर इस शहर की पहचान है पर कुछ दिया तले अंधेरा जैसा किस्सा भी इस शहर के साथ है राज्य और देश को तो इस शहर ने बहुत कुछ दिया पर शहर के वासी आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं।

बाइट - प्रमोद तिवारी , कांग्रेस

बाइट - संतोष देवांगन, भाजपा
Last Updated : Sep 25, 2019, 3:47 PM IST
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