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रेलवे ने बारिश में दिया घर छोड़ने का नोटिस, परेशान हैं 14 परिवार

बालोद में रेलवे ने 14 परिवारों को जगह खाली करने का नोटिस दिया है, जबकि इन ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें ये जगह राजस्व विभाग द्वारा दी गई है.

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Published : Jul 17, 2019, 6:00 PM IST

शिकायतकर्ता

बालोद: 35 साल से जिस आशियाने में 14 परिवारों ने सुख और दुख के दिन देखे रेलवे ने उसे खाली करने का नोटिस जारी किया है. इन परिवारों के पास पंचायत एवं राजस्व विभाग द्वारा दिया गया पट्टा है, सारे रिकॉर्ड्स भी इनके पास मौजूद हैं. लेकिन अब रेलवे की तरफ से जारी हुए नोटिस ने इन परिवारों की नींद उड़ा दी है. इन लोगों को अब जिला प्रशासन से मदद की उम्मीद है.

बारिश में रेलवे ने 14 परिवारों को जगह खाली करने का नोटिस दिया है.

पहले राजस्व विभाग द्वारा इन परिवारों को पट्टा दिया गया है, जिसका रिकॉर्ड इन ग्रामीणों के पास मौजूद है और अब रेलवे के नोटिस से ग्रामीण सदमे में है और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. लगभग 14 परिवारों को यहां से हटने का नोटिस दिया गया है.

अचानक मिले नोटिस से परेशान लोग
जिन्हें नोटिस जारी हुआ है उनका कहना है कि पहले इस तरह की कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन अचानक मिले नोटिस ने उनकी जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी है. लोगों का कहना है कि अगर जगह खाली करने का दवाब बनाया जाता है, तो ऐसे में वे कहां जाएंगे.

लगा दी अपनी सारी पूंजी
नोटिस पाने वाले भूषण साहू बताते हैं कि इस जगह वे अपनी सारी पूंजी लगा चुके हैं, ऐसे में अगर वे बेघर हुए, तो कोई ठिकाना नहीं मिलेगा.

एक विभाग ने अनुमति दी, दूसरे ने नोटिस
पीड़ित भूषण साहू ने कहा कि, जब हटाना था तो पहले से राजस्व विभाग द्वारा रहने का आदेश नहीं दिया जाना था. शासन द्वारा जब रहने के लिए कहा गया था, तभी हम किस जगह पर काबिज हुए हैं. उनका कहना है कि इस तरह नोटिस मिलना न्याय नहीं है. भूषण साहू ने कहा कि, 'एक विभाग दस्तावेज देता है और दूसरा खाली करने को कहता है, ऐसे में हम करें भी तो क्या करें.'

देखना यह है कि रेलवे के नोटिस पर जिला प्रशासन कितना हस्तक्षेप करता है. जिन्हें नोटिस मिला है, उन्हें मुआवजा मिलेगा या फिर कोई और विकल्प प्रशासन अपनाता है.

बालोद: 35 साल से जिस आशियाने में 14 परिवारों ने सुख और दुख के दिन देखे रेलवे ने उसे खाली करने का नोटिस जारी किया है. इन परिवारों के पास पंचायत एवं राजस्व विभाग द्वारा दिया गया पट्टा है, सारे रिकॉर्ड्स भी इनके पास मौजूद हैं. लेकिन अब रेलवे की तरफ से जारी हुए नोटिस ने इन परिवारों की नींद उड़ा दी है. इन लोगों को अब जिला प्रशासन से मदद की उम्मीद है.

बारिश में रेलवे ने 14 परिवारों को जगह खाली करने का नोटिस दिया है.

पहले राजस्व विभाग द्वारा इन परिवारों को पट्टा दिया गया है, जिसका रिकॉर्ड इन ग्रामीणों के पास मौजूद है और अब रेलवे के नोटिस से ग्रामीण सदमे में है और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. लगभग 14 परिवारों को यहां से हटने का नोटिस दिया गया है.

अचानक मिले नोटिस से परेशान लोग
जिन्हें नोटिस जारी हुआ है उनका कहना है कि पहले इस तरह की कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन अचानक मिले नोटिस ने उनकी जिंदगी में उथल-पुथल मचा दी है. लोगों का कहना है कि अगर जगह खाली करने का दवाब बनाया जाता है, तो ऐसे में वे कहां जाएंगे.

लगा दी अपनी सारी पूंजी
नोटिस पाने वाले भूषण साहू बताते हैं कि इस जगह वे अपनी सारी पूंजी लगा चुके हैं, ऐसे में अगर वे बेघर हुए, तो कोई ठिकाना नहीं मिलेगा.

एक विभाग ने अनुमति दी, दूसरे ने नोटिस
पीड़ित भूषण साहू ने कहा कि, जब हटाना था तो पहले से राजस्व विभाग द्वारा रहने का आदेश नहीं दिया जाना था. शासन द्वारा जब रहने के लिए कहा गया था, तभी हम किस जगह पर काबिज हुए हैं. उनका कहना है कि इस तरह नोटिस मिलना न्याय नहीं है. भूषण साहू ने कहा कि, 'एक विभाग दस्तावेज देता है और दूसरा खाली करने को कहता है, ऐसे में हम करें भी तो क्या करें.'

देखना यह है कि रेलवे के नोटिस पर जिला प्रशासन कितना हस्तक्षेप करता है. जिन्हें नोटिस मिला है, उन्हें मुआवजा मिलेगा या फिर कोई और विकल्प प्रशासन अपनाता है.

Intro:बालोद।

एंकर - बालोद ज़िले जे ग्राम इरागुड़ा के लोगों को उस समय झटका लगा जब सालों से निवासरत जगह को खाली करने का नोटिस रेलवे ने दे दिया इससे पहले परिवारों को पंचायत व राजस्व द्वारा काबिज रहने के लिए बाकायदा लिखित अनुमति दी गयी तक अब रेलवे हटने को कह रही है 14 परिवारों को यहनोटिस दिया गया है जिसके कारण परिवार अब ज़िला प्रशाशन से उम्मीद लगाये बैठे हुए हैं।


Body:वीओ - ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो किसी तरह की कोई समस्या नहीं थी अब अचानक नोटिस से हम सब लोगों को काफी दिक्कत हो रही है अगर हमें यह जगह खाली करने को दबाव बनाया जाता है तो हमारे पास लालन पालन को लेकर कोई और विकल्प नहीं रह जाएगा इस जगह पर हम लोगों द्वारा घर भी निर्मित किया जा चुका है साथ ही जीवन भर की कमाई भी इस जगह पर लगा चुके हैं अब अगर रेलवे द्वारा जमीन खाली कराया जाता है तो हम सब बेघर हो जाएंगे तो हम लोग क्या करेंगे जिला प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वह हमारी समस्या सुलझाए।

वीओ - ग्रामीण भूषण साहू ने बताया कि एक तो जब हटाना था तो पहले से राजस्व विभाग द्वारा रहने का आदेश नहीं दिया जाना था शासन द्वारा जब रहने के लिए कहा गया था अभी हम किस जगह पर काबिज हुए हैं अगर अब इस तरह किया जाता है तो यह अच्छा नहीं है सरकार को एक नीति लेकर चलनी चाहिए एक विभाग का बीज होने के लिए दस्तावेज देता है तो दूसरा विभाग खाली करने के लिए कहा जाता है तो अब हम क्या करें।


Conclusion:पहले राजस्व विभाग द्वारा इन परिवारों कोपट्टा दिया गया हैजिसका रिकार्ड इन ग्रामीनों के पास मौजूद है और अब रेलवेक नोटिस के ग्रामीण सदमे में है और जिला प्रशासनसे मदद की गुहार लगा रहे हैं लगभग 14 परिवारों को यहां से हटने का नोटिस दिया गया है अब देखना यह है कि रेलवे क्व नोटिस पर जिला प्रशासन कितना हस्तक्षेप करती है क्या इन्हें मुआवजा मिलेगा या फिर कोई और विकल्प प्रशासन अपनाती है।


बाइट - भूषण साहू, ग्रामीण
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