बालोद: बीते 15 दिनों से जिला बस स्टैंड परिसर में धरने पर बैठे सचिव व रोजगार सहायक अब शासन-प्रशासन को जगाने के लिए हवन का सहारा ले रहे हैं. गुरुवार को हवन कर के अनोखा प्रदर्शन सचिव व रोजगार सहायकों के माध्यम से बालोतरा में देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हमने लगातार अधिकारियों और नेता जनप्रतिनिधियों तक अपनी बात पहुंचाई, लेकिन शासन और प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
धरने पर बैठे रोजगार सहायक व सचिव अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लामबंद हैं. उनके कारण पंचायतों का काम ठप है. यहां तक कि रोजगार मूलक कार्य भी पूरी तरह प्रभावित है. ऐसे में वे भगवान से शासन-प्रशासन सहित पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव को सद्बुद्धि देने की मांग करते हुए हवन कर रहे हैं. हिंदू रीति रिवाज और परंपरा के अनुसार यहां पर हवन किया जा रहा है, जिसमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. सचिवों ने बताया कि अब हमें भगवान का ही सहारा है.
कम मानदेय में काम करने को मजबूर रोजगार सहायक
रोजगार सहायक व सचिवों ने बताया कि बीते 12-13 सालों से अपनी मांगों को लेकर वे संघर्ष कर रहे हैं. रोजगार सहायकों के अथक परिश्रम व लगन के परिणाम स्वरूप राज्य शासन ने मनरेगा में कई बार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश में स्थान प्राप्त किया है. लेकिन शासन ने मनरेगा की नींव रखने वाले ग्राम रोजगार सहायकों के हित की ओर कभी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने बताया कि ग्राम रोजगार सहायक बहुत ही कम मानदेय पर काम कर रहे हैं.
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रोजगार सहायकों की प्रमुख मांगें
रोजगार सहायकों की प्रमुख मांग है कि ग्राम रोजगार सहायकों को ग्रेड पर निर्धारण का नियमितीकरण का लाभ दिया जाए. इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों को नगर निगम नगर पंचायत में शामिल किया जा रहा है, वहां के रोजगार सहायकों को संबंधित निकायों में शामिल किया जाए या अन्य रिक्त पंचायत सेवा में रखा जाए. ग्राम रोजगार सहायकों को सचिव पद पर वरीयता के आधार पर सीधी भर्ती किए जाने की भी मांग की जा रही है. साथ ही ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव घोषित करने की मांग भी की जा रही है.
पंचायत सचिवों को ये रही मांगें
पंचायत के सचिव शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं और रोजगार सचिव यहां पर नियमितीकरण और उन्हें सहायक सचिव का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही उनके द्वारा यह भी मांग किया जा रहा है कि जो ग्राम पंचायत नगर पंचायत या फिर नगर निगम में शामिल होते हैं, उनके रोजगार सहायकों को पृथक न कर अन्य जगहों पर शामिल किया जाए.