बालोद: कोरोना से हर वर्ग के लोगों को नुकसान पहुंचा है. वहीं इसका सीधा असर शिक्षा व्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने महाविद्यालयों के लिए विशेष गाइडलाइन जारी किया है, जिसे ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय में इन दिनों प्रवेश की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन तरीके से हो रही है.
जानकारी के मुताबिक परीक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी, जिसके लिए महाविद्यालय स्तर पर पूरी तैयारियां की जा रही है, लेकिन छात्र-छात्राएं अभी भी इसको लेकर असमंजस की स्थिति में हैं. इसे देखते हुए ही NSUI ने हर महाविद्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित करने की मांग की है.
कोरोना ने बदली शिक्षा व्यवस्था
NSUI के बालोद के जिलाध्यक्ष कुलदीप यादव का कहना है कि कोरोना संक्रमण का सीधा असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है. छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन माध्यम से प्रवेश और परीक्षा आयोजित की जा रही है. जो उनके लिए बिल्कुल नया है. कुलदीप यादव का कहना है एक छात्र कितनी बार फोन करके जानकारी लेगा और कितनी बार कोई उन्हें जानकारी देगा. इससे बेहतर यह है कि हर कॉलेज में एक हेल्प डेस्क की स्थापना की जाए, ताकि छात्र-छात्राओं को किसी तरह की दिक्कत न हो.
पढ़ें: ABVP ने PRSU प्रबंधन के खिलाफ किया ढोल-नगाड़े के साथ प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
बालोद जिले में 9 महाविद्यालय हैं, जिसमें से बालोद जिला मुख्यालय के शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय और अग्रणी महाविद्यालय में NSUI ने ज्ञापन सौंपकर सभी महाविद्यालयों में हेल्प डेस्क की स्थापना करने की मांग की है. फिलहाल कॉलेज प्रबंधन द्वारा किसी तरह की कोई जानकारी इस संबंध में जारी नहीं की गई है.
NSUI और ABVP पहले भी कर चुके है प्रदर्शन
बता दें, मंगलवार यानी 11 अगस्त को एनएसयूआई (NSUI) के छात्रों ने भी पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही छात्रों ने विश्वविद्यालय के ऑनलाइन पोर्टल में आ रही दिक्कतों को लेकर अपना विरोध जताया था. वहीं 13 अगस्त को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पांच मांगों को लेकर रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में ढोल नगाड़ों के साथ प्रदर्शन किया था. वहीं मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी.