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किताबों में लगा क्यू आर कोड, जानिए कैसे करेगा काम

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इस साल सरकारी किताबों में क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) डाल दिया है.

किताबों में क्यूआर कोड
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Published : Jun 25, 2019, 10:56 PM IST

बालोद: जिले में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है. बच्चे नए जोश और उत्साह के साथ स्कूल पहुंचने लगे हैं. इस बार पुस्तकों में क्यूआर कोड बच्चों को काफी आकर्षित कर रहा है. लेकिन शिक्षक अभी तक इसकी उपयोगिता से अंजान हैं.

किताबों में लगा क्यू आर कोड

किताबों में क्यूआर कोड
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इस साल सरकारी किताबों में क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) डाल दिया है. किताबों में प्रकाशित इन क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करने पर संबंधित विषय या चैप्टर से संबंधित ऑडियो और वीडियो कंटेट उपलब्ध होंगे. इन्हें शिक्षक, पालक और बच्चे भी पढ़ सकेंगे.

क्यूआर कोड की विशेषता
इन किताबों में छपे क्यूआर कोड की विशेषता ये है कि ये बच्चों का क्विज के जरिए असेसमेंट भी करेगा. बच्चों से मोबाइल या कम्प्यूटर पर ऑनलाइन सवाल होंगे, जिनके उत्तर देने पर वे आगे लगातार बढ़ते जाएंगे. जहां गलत जवाब दिया, वहां कम्प्यूटर के जरिए आपकी गलती को सुधारकर ऑनलाइन ही सही जवाब दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि किताबों का डिजिटलीकरण किया गया है. ये बच्चों के लिए उपयोगी होगा. पहली से दसवीं तक सभी पुस्तकों में क्यूआर कोड छपे हैं.

स्कूल पहुंची पुस्तकें
सभी विद्यालयों में पाठ्यपुस्तक निगम की पुस्तकें पहुंच चुकी हैं. कई विद्यालयों में अध्ययन शुरू भी हो चुका है. साथ ही प्रवेश की विधियां भी शुरू हो गई हैं. वर्तमान में मिड डे मील संचालित है. नए सत्र को लेकर बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा है.

निशुल्क बांटी जा रही पुस्तकें
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से निशुल्क पाठ्यपुस्तक योजनांतर्गत शिक्षा सत्र 2019-20 के लिए कक्षा 1 से 10वीं तक की पाठ्यपुस्तकों का वितरण बच्चों के लिए सोमवार से शुरू हो रहा है. शालाकोष पोर्टल (यू-डाईस डाटा) में दर्ज छात्र-संख्या के आधार पर पाठ्यपुस्तक निगम की ओर से सभी स्कूलों और हाईस्कूलों में पुस्तकें बांटी जा रही हैं.

बालोद: जिले में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है. बच्चे नए जोश और उत्साह के साथ स्कूल पहुंचने लगे हैं. इस बार पुस्तकों में क्यूआर कोड बच्चों को काफी आकर्षित कर रहा है. लेकिन शिक्षक अभी तक इसकी उपयोगिता से अंजान हैं.

किताबों में लगा क्यू आर कोड

किताबों में क्यूआर कोड
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इस साल सरकारी किताबों में क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) डाल दिया है. किताबों में प्रकाशित इन क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करने पर संबंधित विषय या चैप्टर से संबंधित ऑडियो और वीडियो कंटेट उपलब्ध होंगे. इन्हें शिक्षक, पालक और बच्चे भी पढ़ सकेंगे.

क्यूआर कोड की विशेषता
इन किताबों में छपे क्यूआर कोड की विशेषता ये है कि ये बच्चों का क्विज के जरिए असेसमेंट भी करेगा. बच्चों से मोबाइल या कम्प्यूटर पर ऑनलाइन सवाल होंगे, जिनके उत्तर देने पर वे आगे लगातार बढ़ते जाएंगे. जहां गलत जवाब दिया, वहां कम्प्यूटर के जरिए आपकी गलती को सुधारकर ऑनलाइन ही सही जवाब दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि किताबों का डिजिटलीकरण किया गया है. ये बच्चों के लिए उपयोगी होगा. पहली से दसवीं तक सभी पुस्तकों में क्यूआर कोड छपे हैं.

स्कूल पहुंची पुस्तकें
सभी विद्यालयों में पाठ्यपुस्तक निगम की पुस्तकें पहुंच चुकी हैं. कई विद्यालयों में अध्ययन शुरू भी हो चुका है. साथ ही प्रवेश की विधियां भी शुरू हो गई हैं. वर्तमान में मिड डे मील संचालित है. नए सत्र को लेकर बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा है.

निशुल्क बांटी जा रही पुस्तकें
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से निशुल्क पाठ्यपुस्तक योजनांतर्गत शिक्षा सत्र 2019-20 के लिए कक्षा 1 से 10वीं तक की पाठ्यपुस्तकों का वितरण बच्चों के लिए सोमवार से शुरू हो रहा है. शालाकोष पोर्टल (यू-डाईस डाटा) में दर्ज छात्र-संख्या के आधार पर पाठ्यपुस्तक निगम की ओर से सभी स्कूलों और हाईस्कूलों में पुस्तकें बांटी जा रही हैं.

Intro:पुस्तकों का आधुनिकीकरण क्यू आर कोड के साथ बालोद पहुंची पुस्तके

बालोद

बालोद जिले के विद्यालयों में नए शिक्षण सत्र की शुरुआत हो चुकी है बच्चे स्कूल पहुंचने लगे हैं वहीं अभी तक प्रवेश उत्सव नहीं मनाया गया है विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 30 जून तक प्रवेश उत्सव मनाने कहा गया है जिसके हिसाब से अलग-अलग दिन विद्यालय में प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा वही इस बार पुस्तकों में क्यूआर कोड बच्चों को काफी आकर्षित कर रहा है परंतु अभी तक शिक्षक अनजान है कि क्यू आर कोड के माध्यम से क्या उपयोग किया जाए।

विजुअल - विद्यालय में पढ़ते बच्चे

Body:ऑनलाइन मिलेगा सही जवाब

शिक्षा विभाग बालोद से मिली जानकारी के अनुसार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इस साल सरकारी किताबों में क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) डाल दिया है। किताबों में प्रकाशित इन क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करने पर संबंधित विषय या चेप्टर से संबंधित ऑडियो और वीडियो कंटेट उपलब्ध होंगे, जिन्हें शिक्षक, पालक और बच्चे भी पढ़ सकेंगे। इन किताबों में छपे क्यूआर कोड की विशेषता यह है यह बच्चों का क्विज के जरिए असेसमेंट भी करेगा। ऑनलाइन बच्चों से सवाल मोबाइल या कम्प्यूटर पर होंगे, जिनके आंसर देने पर वे आगे लगातार बढ़ते जाएंगे, जहां गलत जवाब दिया, वहां कम्प्यूटर के जरिए आपकी गलती को सुधारकर ऑनलाइन ही सही जवाब दिया जाएगा कहा जा रहा है कि किताबों का डिजिटलीकरण किया गया है। यह बच्चों के लिए उपयोगी होगा पहली से दसवीं तक सभी पुस्तकों में क्यूआर कोड छपे हैं।

विजुअल - पुस्तक

पुस्तक पहुंचे स्कूल

सभी विद्यालयों में पाठ्यपुस्तक निगम की पुस्तकें पहुंच चुकी है और कई विद्यालयों में अध्ययन शुरू हो चुका है साथ ही प्रवेश की विधियां भी शुरू है वर्तमान में मध्यान भोजन संचालित है नए सत्र को लेकर बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा है

Conclusion:यू डाईस छात्र संख्या के हिसाब से मिलेगी पुस्तक

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से निःशुल्क पाठ्यपुस्तक योजनांतर्गत शिक्षा सत्र 2019-20 के लिए कक्षा 1 से 10 वीं तक की पाठ्यपुस्तकों का वितरण बच्चों के लिए सोमवार से शुरू हो रहा है। शालाकोष पोर्टल (यू-डाईस डाटा) में दर्ज छात्र-संख्या के आधार पर पाठ्यपुस्तक निगम की ओर से सभी संकुलों एवं हाईस्कूलों में पुस्तकें वितरित की जा रही हैं।

बाइट - रघुनंदन गंगबोईर, शिक्षक

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