बालोद: जिले में नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है. बच्चे नए जोश और उत्साह के साथ स्कूल पहुंचने लगे हैं. इस बार पुस्तकों में क्यूआर कोड बच्चों को काफी आकर्षित कर रहा है. लेकिन शिक्षक अभी तक इसकी उपयोगिता से अंजान हैं.
किताबों में क्यूआर कोड
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इस साल सरकारी किताबों में क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) डाल दिया है. किताबों में प्रकाशित इन क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करने पर संबंधित विषय या चैप्टर से संबंधित ऑडियो और वीडियो कंटेट उपलब्ध होंगे. इन्हें शिक्षक, पालक और बच्चे भी पढ़ सकेंगे.
क्यूआर कोड की विशेषता
इन किताबों में छपे क्यूआर कोड की विशेषता ये है कि ये बच्चों का क्विज के जरिए असेसमेंट भी करेगा. बच्चों से मोबाइल या कम्प्यूटर पर ऑनलाइन सवाल होंगे, जिनके उत्तर देने पर वे आगे लगातार बढ़ते जाएंगे. जहां गलत जवाब दिया, वहां कम्प्यूटर के जरिए आपकी गलती को सुधारकर ऑनलाइन ही सही जवाब दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि किताबों का डिजिटलीकरण किया गया है. ये बच्चों के लिए उपयोगी होगा. पहली से दसवीं तक सभी पुस्तकों में क्यूआर कोड छपे हैं.
स्कूल पहुंची पुस्तकें
सभी विद्यालयों में पाठ्यपुस्तक निगम की पुस्तकें पहुंच चुकी हैं. कई विद्यालयों में अध्ययन शुरू भी हो चुका है. साथ ही प्रवेश की विधियां भी शुरू हो गई हैं. वर्तमान में मिड डे मील संचालित है. नए सत्र को लेकर बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा है.
निशुल्क बांटी जा रही पुस्तकें
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से निशुल्क पाठ्यपुस्तक योजनांतर्गत शिक्षा सत्र 2019-20 के लिए कक्षा 1 से 10वीं तक की पाठ्यपुस्तकों का वितरण बच्चों के लिए सोमवार से शुरू हो रहा है. शालाकोष पोर्टल (यू-डाईस डाटा) में दर्ज छात्र-संख्या के आधार पर पाठ्यपुस्तक निगम की ओर से सभी स्कूलों और हाईस्कूलों में पुस्तकें बांटी जा रही हैं.