ETV Bharat / state

गौरैया धाम में लगा माघी पूर्णिमा मेला, हजारों की संख्या में पहुंचे भक्त

बालोद में गौरेया धाम में माघी पूर्णिमा मेले की शुरुआत हो चुकी है. जहां हजारों लोग प्रदेशभर से इस मेले में शामिल हुए.

गौरैया धाम में लगा माघी पूर्णिमा मेला
गौरैया धाम में लगा माघी पूर्णिमा मेला
author img

By

Published : Feb 9, 2020, 5:19 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 12:03 AM IST

बालोद: विख्यात चौरेल गौरैयाधाम का प्रसिद्ध मेला माघी पूर्णिमा के साथ ही शुरू हो चुका है. इस मेले में हजारों लोग प्रदेशभर से शामिल हो रहे हैं. यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है.

गौरैया धाम में लगा माघी पूर्णिमा मेला

बता दें कि पुरातत्व विभाग की सूची में गौरैयाधाम पर्यटनस्थल के रूप में शामिल है, जहां श्रावण सोमवार और माघी पूर्णिमा पर भव्य मेला लगा हुआ है. पुलिस की यहां चाक चौबंद व्यवस्था है. तांदूला नदी में अन्य सहायक नदियों के साथ ही यहां प्राचीन मंदिर और मूर्तियों का संगम भी है.

गौरैयाधाम की प्रसिद्ध कहानी
गौरैयाधाम को लेकर कहावत है कि यहां सभी देवी-देवता तीर्थधाम घूमते हुए शिवरात्रि के समय गौरैयाधाम में पधारे और समाधि में लीन हो गए. समाधि से जागृत होने के बाद शिवजी देखते हैं कि उनके पास गौरी जी हाथ में चंवर लिए सेवा कर रही हैं और ऊपर गौरैया पक्षी भी सेवा कर रहे हैं.

गौरी और गौरैया ने मांगा वरदान

शिवजी दोनों की सेवा से प्रसन्न होकर बोले कि तुम्हारी सेवा से मैं प्रसन्न हुआ, जो इच्छा हो वो मांग लो. इसके बाद गौरी और गौरैया दोनों हाथ जोड़कर कहते है कि हे प्रभु आप सर्वज्ञ हैं. हमें यह वरदान दीजिए कि आपकी सेवा में हम सदा लीन रहें. इस पर भगवान शिव ने कहा कि यह स्थान गौरैयाधाम होगा. गौरैया पक्षी तुम प्रत्येक घरों में मेरा संदेश पहुंचाना. मान्यता है कि गौरैया जब चहाचहाती है तो वह शिव-शिव कहते प्रत्येक घरों में पहुंचकर भगवान शिव का संदेश पहुंचाती हैं. गौरैयाधाम में भगवान शिव और गौरी की मूर्ति स्थापित है, जो सालों पुरानी और दर्शनीय है.

बालोद: विख्यात चौरेल गौरैयाधाम का प्रसिद्ध मेला माघी पूर्णिमा के साथ ही शुरू हो चुका है. इस मेले में हजारों लोग प्रदेशभर से शामिल हो रहे हैं. यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है.

गौरैया धाम में लगा माघी पूर्णिमा मेला

बता दें कि पुरातत्व विभाग की सूची में गौरैयाधाम पर्यटनस्थल के रूप में शामिल है, जहां श्रावण सोमवार और माघी पूर्णिमा पर भव्य मेला लगा हुआ है. पुलिस की यहां चाक चौबंद व्यवस्था है. तांदूला नदी में अन्य सहायक नदियों के साथ ही यहां प्राचीन मंदिर और मूर्तियों का संगम भी है.

गौरैयाधाम की प्रसिद्ध कहानी
गौरैयाधाम को लेकर कहावत है कि यहां सभी देवी-देवता तीर्थधाम घूमते हुए शिवरात्रि के समय गौरैयाधाम में पधारे और समाधि में लीन हो गए. समाधि से जागृत होने के बाद शिवजी देखते हैं कि उनके पास गौरी जी हाथ में चंवर लिए सेवा कर रही हैं और ऊपर गौरैया पक्षी भी सेवा कर रहे हैं.

गौरी और गौरैया ने मांगा वरदान

शिवजी दोनों की सेवा से प्रसन्न होकर बोले कि तुम्हारी सेवा से मैं प्रसन्न हुआ, जो इच्छा हो वो मांग लो. इसके बाद गौरी और गौरैया दोनों हाथ जोड़कर कहते है कि हे प्रभु आप सर्वज्ञ हैं. हमें यह वरदान दीजिए कि आपकी सेवा में हम सदा लीन रहें. इस पर भगवान शिव ने कहा कि यह स्थान गौरैयाधाम होगा. गौरैया पक्षी तुम प्रत्येक घरों में मेरा संदेश पहुंचाना. मान्यता है कि गौरैया जब चहाचहाती है तो वह शिव-शिव कहते प्रत्येक घरों में पहुंचकर भगवान शिव का संदेश पहुंचाती हैं. गौरैयाधाम में भगवान शिव और गौरी की मूर्ति स्थापित है, जो सालों पुरानी और दर्शनीय है.

Intro:बालोद

जिले में विख्यात चौरेल गौरैयाधाम का प्रसिद्ध मेला माघी पूर्णिमा के साथ ही शुरू हो चुका है जहां हजारों लोग प्रदेशभर से शामिल हो रहे हैं सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है पुरातत्व विभाग की सूची में गौरैयाधाम पर्यटनस्थल के रूप में शामिल है जहां श्रावण सोमवार व माघी पूर्णिमा पर भव्य मेला लगा हुआ है पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था है साथ ही यहां तांदूला नदी में अन्य सहायक नदियों का संगम भी है प्राचीन मंदिरों एवम् मूर्तियों का संगम है।Body:वीओ - गौरैयाधाम को लेकर कहावत है कि यहां सभी देवी-देवता तीर्थधाम घूमते हुए शिवरात्रि के समय गौरैयाधाम में पधारे और सभी समाधि में लीन हो गए। भगवान शिव की समाधि खुलने के बाद शिवजी देखते हैं कि उनके समीप गौरी जी हाथ में चंवर लिए सेवा कर रही हैं। ऊपर गौरैया पक्षी भी सेवा कर रहे हैं। शिवजी दोनों की सेवा से प्रसन्न होकर बोले कि तुम्हारी सेवा से मैं प्रसन्न हुआ, जो इच्छा हो वर मांग लो। उसके बाद गौरी व गौरैया दोनों हाथ जोड़कर कहा कि हे प्रभु आप सर्वज्ञ हैं। हमें यह वरदान दीजिए कि आपकी सेवा में हम सदा लीन रहें।Conclusion:वीओ - इस पर भगवान शिव ने कहा कि यह स्थान गौरैयाधाम होगा। गौरैया पक्षी तुम प्रत्येक घरों में मेरा संदेश पहुंचाना। मान्यता है इसके बाद गौरैया चिंव-चिंव के रूप में शिव-शिव कहते प्रत्येक घरों में पहुंचकर भगवान शिव का संदेश पहुंचाती हैं। गौरैयाधाम में भगवान शिव व गौरी की मूर्ति स्थापित है, जो वर्षोंं पुरानी और दर्शनीय है।

बाइट - परी चंद्राकर, पर्यटक

बाइट - लवण चंद्राकर, अध्यक्ष गौरैया मंदिर समिति

बाइट - चंद्रहास चंद्राकर, स्थानीय नागरिक
Last Updated : Feb 10, 2020, 12:03 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.