बालोद: करहीभदर गांव में गुरुवार को एक अनोखा मामला सामने आया. यहां शराब दुकान खोलने में देरी होने पर ग्रामीण नाराज हो गए. नाराज ग्रामीणों ने गांव में महाचौपाल लगाई और अधिकारियों की क्लास लगा डाली. घंटों गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा चला. गांव के सैंकड़ों लोग अपना काम बंद कर महापंचायत में शामिल हुए. सभी जल्द से जल्द शराब दुकान खोलने की मांग कर रहे थे.
गांववालों ने लगाई चौपाल: दरअसल, ये पूरा मामला बालोद के करहीभदर गांव का है. यहां गुरुवार को गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. सामने मंच में तहसीलदार थाना प्रभारी और आबकारी आधिकारी भी मौजूद रहे. ग्रामीणों ने अधिकारियों की क्लास लगाई और अधिकारियों को जमकर फटकार लगाया. ग्रामीणों के सामने अधिकारी बेबस नजर आए. जिसके बाद एसडीएम और पुलिस विभाग के एसडीओपी पहुंचे. मंच पर ग्रामीण जमकर हल्ला कर रहे थे. एसडीएम ने प्रतिनिधियों से अकेले में बात करने की बात कही. बंद कमरे में पंचायत और ग्रामीण प्रतिनिधियों से बात हुई. आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए.
11 अगस्त को जारी हुआ आदेश: मामला शराब दुकान से जुड़ा हुआ है. 11 अगस्त को एक आदेश जारी हुआ, जिसमें करहीभदर के ग्रामीणों ने शराब दुकान खोले जाने की मांग की थी. इस बात का हवाला दिया था कि गांव में जगह-जगह अवैध शराब बिकती है, जिसके बाद यहां प्रदेश के आबकारी आयुक्त ने शराब दुकान खोलने का आदेश जारी किया. इसके लिए जमीन का भी चयन हुआ. निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन भी किया गया. जिसके बाद शराब दुकान खोलने के प्रक्रिया को रोक दिया गया.
शराब दुकान खोलने के प्रक्रिया को रोक दिया गया. अधिकारी कुछ कहते हैं और नेता कुछ. अब ग्रामीण शराब दुकान ना खोले जाने पर चक्काजाम करेंगे. साथ ही चुनाव बहिष्कार की धमकी दिए. इस पर अधिकारियों ने आगामी दिनों में शराब दुकान खोलने की बात कही है. -लीला राम डडसेना, सरपंच
जमीन पर अटका मामला: करहीभदर के सैंकड़ों ग्रामीण शराब दुकान मामले को लेकर कलेक्ट्रेट जाने वाले थे. हालांकि एसडीएम ने खुद गांव आने की बात कही. तहसीलदार, अधकारी, उप निरीक्षक और थाना प्रभारी से बात नहीं बनी थी जिसके बाद आबकारी के जिला अधिकारी आए. वो भी जवाब नहीं दे पा रहे थे. एसडीएम और एसडीओपी ने पूरा मामला संभाला. पहले आबकारी विभाग ने शराब खोलने का आदेश दिया. फिर अचानक स्टे लगा दिया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है. ग्रामीण इस चौपाल में पुलिस और आबकारी की जमकर खिंचाई करते रहे.