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बालोद : कहने के लिए 'आदर्श गौठान', पर नहीं चरा सकते गाय - परेशान  चरवाहे

बालोद जिले के ग्राम पंचायत उमरादह के आश्रित ग्राम चरोटा में गौठान के आधे-अधूरे निर्माण के बावजूद इसका उद्घाटन कर दिया गया है. उद्घाटन के बाद भी गौठान गायों के बिन सूना हैं.

गायों के बिन सुना पड़ा है गौठान.
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Published : Aug 11, 2019, 1:38 PM IST

बालोद : 'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरुवा, घुरुवा अउ बारी' इसकी परिकल्पना लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अंचलों में आदर्श गौठान के निर्माण की नींव रखी थी. इसके तहत जिले की ग्राम पंचायत उमरादह के आश्रित ग्राम चरोटा में आदर्श गौठन का निर्माण किया गया है, लेकिन आनन-फानन में आधे-अधूरे निर्माण के बावजूद इसका उद्घाटन कर दिया गया.

जिले के ग्राम चरोटा में किया अधूरे गौठान का उद्घाटन.

यहां गौठान तो है, लेकिन गाय नहीं हैं. यहां ग्वालों और डॉक्टरों के लिए कमरे के निर्माण की बात कही गई थी, वो अब तक नहीं हो पाया है.

पढ़ें- बलौदाबाजार : अधूरे गौठान का किया लोकार्पण, 25 प्रतिशत ही हुआ है काम

गायों के बिन सूना है गौठान
प्रदेश के कद्दावर मंत्री अमरजीत भगत ने जिस गौठान में पौधे रोपे थे और सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पति सिंह ने जिसका उद्घाटन किया था, वो गौठान आज सूने हैं.
शासन की महत्वाकांक्षी योजना में रोपे गए पौधे सूखे कांटे नजर आ रहे हैं. इस वजह से गायों को यहां घुसने नहीं दिया जा रहा है. इतने बड़े प्रोजेक्ट में पक्का घेरा भी नहीं किया गया है. सरपंच के मुताबिक फंड की कमी से ऐसा हुआ है और अब तक हुए निर्माण कार्य में उपयोग हुए सामग्रियों का भी भुगतान नहीं किया गया है.

पढ़ें- गौठान से गायें गायब, चरवाहों ने भी छोड़ा काम, सीएम ने किया था लोकार्पण

चरवाहे हो रहे परेशान
चरवाहों का कहना है कि, 'यहां पर हम लोग सीमित स्थानों में ही गायों को चराने ले जा रहे हैं. अभी खेतों में फसल हैं, जिसकी वजह से फसलों को बचाने और गायों को सुरक्षित चारागाह उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बढ़ गई है. गौठान में गायों को ले जाने नहीं दिया जा रहा है.'

बालोद : 'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरुवा, घुरुवा अउ बारी' इसकी परिकल्पना लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अंचलों में आदर्श गौठान के निर्माण की नींव रखी थी. इसके तहत जिले की ग्राम पंचायत उमरादह के आश्रित ग्राम चरोटा में आदर्श गौठन का निर्माण किया गया है, लेकिन आनन-फानन में आधे-अधूरे निर्माण के बावजूद इसका उद्घाटन कर दिया गया.

जिले के ग्राम चरोटा में किया अधूरे गौठान का उद्घाटन.

यहां गौठान तो है, लेकिन गाय नहीं हैं. यहां ग्वालों और डॉक्टरों के लिए कमरे के निर्माण की बात कही गई थी, वो अब तक नहीं हो पाया है.

पढ़ें- बलौदाबाजार : अधूरे गौठान का किया लोकार्पण, 25 प्रतिशत ही हुआ है काम

गायों के बिन सूना है गौठान
प्रदेश के कद्दावर मंत्री अमरजीत भगत ने जिस गौठान में पौधे रोपे थे और सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पति सिंह ने जिसका उद्घाटन किया था, वो गौठान आज सूने हैं.
शासन की महत्वाकांक्षी योजना में रोपे गए पौधे सूखे कांटे नजर आ रहे हैं. इस वजह से गायों को यहां घुसने नहीं दिया जा रहा है. इतने बड़े प्रोजेक्ट में पक्का घेरा भी नहीं किया गया है. सरपंच के मुताबिक फंड की कमी से ऐसा हुआ है और अब तक हुए निर्माण कार्य में उपयोग हुए सामग्रियों का भी भुगतान नहीं किया गया है.

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चरवाहे हो रहे परेशान
चरवाहों का कहना है कि, 'यहां पर हम लोग सीमित स्थानों में ही गायों को चराने ले जा रहे हैं. अभी खेतों में फसल हैं, जिसकी वजह से फसलों को बचाने और गायों को सुरक्षित चारागाह उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बढ़ गई है. गौठान में गायों को ले जाने नहीं दिया जा रहा है.'

Intro:बालोद।

छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा गरवा घुरवा बारी इसकी परिकल्पना लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अंचलों में आदर्श गौठान निर्माण की नींव रखी थी जिसके तहत बालोद जिले के बालोद जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरादह के आश्रित ग्राम चरोटा में आदर्श गौठन का निर्माण किया गया है परंतु आनन-फानन में बिना पूर्णता के इसका उद्घाटन करा दिया गया जिसका परिणाम यह है कि आज गौठान तो है परंतु वहां गाय नहीं है ग्वालो के लिए कमरे निर्माण की बात की गई थी साथ ही डॉक्टरों के लिए एक कमरे निर्माण की भी बात की गई थी परंतु यह तो केवल हवा साबित हुए और तो और सरपंचों के दिन भी अब खराब हो चले हैं सरपंच ने कहा कि गौठान निर्माण कर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार चुके है।


Body:प्रदेश के कद्दावर मंत्री अमरजीत भगत ने जिस गौठान में पौधे रोपे थे और सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पति सिंह ने जिसका उद्घाटन किया था वह गौठान आज गायों के लिए तरस रहा है इसका कारण केवल यह है कि वहां कुछ पौधे रोपे गए हैं जिन्हें कांटो से सुरक्षित किया गया है इतने बड़े प्रोजेक्ट में पक्का घेरा भी नहीं किया गया सरपंच कह रहे हैं कि इसके लिए फंड की कमी बताई गई और तो और अभी तक निर्माण कार्यों में उपयोग हुए सामग्रियों का भुगतान नहीं हुआ है।

वीओ - गांव में गायों को चराने वाले ग्वाले ने कहा कि यहां पर हम लोग सीमित स्थान में गायों को चराने जा रहे हैं और खेतों में फसलें भी हैं जिसके कारण हमारी जिम्मेदारी है कि फसलों को बचा है और गायों को सुरक्षित चारागाह उपलब्ध कराएं यहां पर जो गायों के लिए आदर्श गौठान बनाया गया है वहां हमारे गायों को ले जाने नहीं देते हैं साथ ही आसपास भी भटकने नहीं देते हैं 1 अगस्त को इसका उद्घाटन किया गया था जिसके बाद एक दिन भी गाय वहां नहीं गए हैं इसका कारण केवल यह है कि आनन-फानन में बिना किसी तैयारियों के इसका उद्घाटन करा दिया गया।

वीओ - सरपंच ने बताया कि बिना पैसे की इस प्रोजेक्ट का शुरुआत किया गया जिसका परिणाम यह है कि आज मैं काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लोग हमारे घर वसूली करने आते हैं हमारे परिजनों ने तो हमें कह दिया है कि आपने गौठान बनाया है तो वहां जा कर रहिये हमारे घर कोई पैसा मांगने आये ये हमे पसंद नहीं है।

कांटो से सुरक्षित है पौधे।

शासन की महत्वाकांक्षी योजना में रोपे गए पौधों में पक्के घरों के बजाय यहां सूखे कांटे नजर आते हैं जिनसे पौधों की सुरक्षा की गई है इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता और इन्हीं कारणों के कारण गायों को यहां घुसने नहीं दिया जा रहा है वालों की समस्या बढ़ी हुई है और आदर्श गठान महज एक नाम का आदर्श बन गया है।


Conclusion:आदर्श गोठान निर्माण की जो परिकल्पना की गई थी उस से उलट यहां की स्थिति है सारे वादे हवा हो गए और बचे हैं तो केवल खाली जगह है जहां व्यवस्था भी अधूरी है इतने बड़े प्रोजेक्ट में पक्का घेरा भी नहीं बनाया गया जब गायों को अंदर ले जाने की बात होती है तो पंचायत इस बात का हवाला देती है कि यहां पौधे रोपे गए हैं जहां गायों से उन्हें खतरा है और सरपंच स्वयं यह कहते हैं कि पक्का घेरा पौधों के लिए करने की बात आई तो विभाग ने कहा कि इसके लिए मदद नहीं है तो फिर कांटों से ही उसे सुरक्षित रखा गया है।

बाइट - उदला राम ,ग्वालपाल, ग्राम चरोटा

बाइट - कांति बाई ,ग्वालपाल, ग्राम चरोटा

बाइट - सखाराम देवांगन, सरपंच ग्राम पंचायत उमरादाह

पी2सी - दानवीर साहू , संवाददाता बालोद
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