बालोद : 'छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरुवा, घुरुवा अउ बारी' इसकी परिकल्पना लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अंचलों में आदर्श गौठान के निर्माण की नींव रखी थी. इसके तहत जिले की ग्राम पंचायत उमरादह के आश्रित ग्राम चरोटा में आदर्श गौठन का निर्माण किया गया है, लेकिन आनन-फानन में आधे-अधूरे निर्माण के बावजूद इसका उद्घाटन कर दिया गया.
यहां गौठान तो है, लेकिन गाय नहीं हैं. यहां ग्वालों और डॉक्टरों के लिए कमरे के निर्माण की बात कही गई थी, वो अब तक नहीं हो पाया है.
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गायों के बिन सूना है गौठान
प्रदेश के कद्दावर मंत्री अमरजीत भगत ने जिस गौठान में पौधे रोपे थे और सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पति सिंह ने जिसका उद्घाटन किया था, वो गौठान आज सूने हैं.
शासन की महत्वाकांक्षी योजना में रोपे गए पौधे सूखे कांटे नजर आ रहे हैं. इस वजह से गायों को यहां घुसने नहीं दिया जा रहा है. इतने बड़े प्रोजेक्ट में पक्का घेरा भी नहीं किया गया है. सरपंच के मुताबिक फंड की कमी से ऐसा हुआ है और अब तक हुए निर्माण कार्य में उपयोग हुए सामग्रियों का भी भुगतान नहीं किया गया है.
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चरवाहे हो रहे परेशान
चरवाहों का कहना है कि, 'यहां पर हम लोग सीमित स्थानों में ही गायों को चराने ले जा रहे हैं. अभी खेतों में फसल हैं, जिसकी वजह से फसलों को बचाने और गायों को सुरक्षित चारागाह उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बढ़ गई है. गौठान में गायों को ले जाने नहीं दिया जा रहा है.'