बालोद: हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन (सीटू) ने सुरक्षा गार्ड की हक और अधिकार के लिए भूख हड़ताल माइंस कार्यालय राजहरा के पास शुरू कर दिया है. इस आंदोलन में दल्ली राजहरा के विभिन्न विभागों के सैकड़ों कर्मचारियों इकठ्ठा होकर सुरक्षा गार्ड कर्मियों के हक और अधिकार की लड़ाई के लिए हड़ताल का समर्थन किया और नारेबाजी भी की.
लंबित मांग: सीटू सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रीय सीटू राजहरा इकाई ने बताया कि हमने सुरक्षा गार्डों की 3 सूत्रिय लंबित समस्या और मांग को लेकर यूनियन की ओर से आंदोलन की सूचना कार्यपालक निदेशक खदान बीएसपी भिलाई, महाप्रबंधक कार्मिक (खदान) और कलेक्टर से अवगत कराया. हड़ताल का मुख्य विषय यह है कि 12 अगस्त को हुए हड़ताल के बाद प्रबंधक 100 रुपए प्रति हाजिरी माइंस भत्ता और 90 रुपये प्रति हाजिरी रात्रि कालीन भत्ता देने 1 अगस्त से लागू करने के लिए राजी हुआ था. जो कि सितंबर महीने को मिलने वाले वेतन में जोड़ कर दिया जाएगा. यह बात प्रबंधक की ओर से कही गई थी.
जब यूनियन की ओर से कहा गया कि सुरक्षा गार्ड को भी इसका लाभ दिया जाएगा कि नहीं तब प्रबंधक ने सपष्ट कहा था कि जब सुरक्षा गार्ड माइंस के अंतर्गत काम करते हैं तो इन्हें भी माइंस भत्ता और रात्रिकालीन भत्ता का लाभ दिया जाएगा. लेकिन लागू करने की बारी आई तब प्रबंधक की ओर से अन्य ठेकादारो को बैठक में बुलाया गया लेकिन सुरक्षाकर्मियों के ठेकेदारों को इस बैठक में नहीं बुलाया गया.
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केन्द्र द्वारा तय वेतनमान का नहीं मिल रहा लाभ: सीटू के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिमैया ने बताया कि संगठन की ओर से प्रबंधक को रिमांइडर पत्र भेजा गया. प्रबंधक की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया. प्रबंधन अपने किये वादे से मुकरकर इन सुरक्षा गार्ड कर्मियों के साथ भारी भेदभाव कर रहा है. सुरक्षा गार्ड में काम रहे कर रहे सुरक्षा गार्डों की स्थिति बहुत ही दयनीय है. आज दल्ली राजहरा के खदान में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए वेतनमान दिया जाता है, जबकि इन सुरक्षा गार्डों को राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा है.
हो रहा नुकसान: प्रबंधन के अड़ियल रवैया के कारण इन सुरक्षा गार्डों को प्रतिदिन लगभग 400 रुपये और प्रतिमाह 10,000 रुपए से भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है. माइंस के सभी विभागों में जब केंद्र सरकार का वेतनमान लागू है तो इनके साथ क्यों अन्याय किया जा रहा है.
ड्यूटी के समय जान का खतरा: संगठन की ओर से यह भी मांग लंबे समय से की जा रही है कि सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी कई ऐसे स्थानों पर लगाई जाती है. जहां दिन में भी अकेले ड्यूटी करने में खतरा हैं, ऐसे स्थानों पर रात में सुरक्षा गार्डों की अकेले ड्यूटी लगाई जाती है जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऐसे संवेदनशील जगहों पर रात्रि पाली में कम से कम दो सुरक्षा गार्डों की ड्यूटी लगाई जाए, जिसके लिए नए सुरक्षा गार्डों की भर्ती किया जाए, लेकिन प्रबंधन की ओर से इस ओर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अंततः विवश होकर हिंदुस्तान स्टील एंप्लाइज यूनियन सीटू की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आगाज किया गया है. कामरेड विनोद मिश्रा ने कहा है कि प्रबंधन की ओर से जल्द से जल्द उक्त मांगों का सकारात्मक निराकरण नहीं किया जाता है तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को और तेज किया जाएगा.