बालोद : शासन-प्रशासन की ओर से स्कूलों और आंगनबाड़ियों में मध्यान भोजन में अंडा देने का निर्णय लिया गया है. ये अंडा सप्ताह में एक दिन दिए जाने है. इस अंडे पर विवाद एक बार फिर छिड़ गया है. गायत्री परिवार के सदस्यों ने मध्यान भोजन में अंडा खिलाने के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया है.
दरअसल, गायत्री परिवार के सदस्य झलमला बसस्टैंड के पास गायत्री परिवार के सदस्यों ने प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. साथ ही इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से सवाल भी किए.
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गायत्री परिवार के समन्वयक राजेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि 'नैतिक बौद्धिक विकास के लिए अंडा देना जरूरी नहीं है. शाकाहारी भोजन देकर भी बौद्धिक विकास किया जा सकता है. साथ ही शारीरिक कुपोषण भी दूर किया जा सकता है. लेकिन सरकार की ओर से नैतिकता को खत्म करते हुए अंडा परोसा जा रहा है ये बिल्कुल भी सही नहीं है. हम लोगों ने ज्ञापन के साथ ही मौखिक रूप से भी शासन प्रशासन से मांग की है. लेकिन हमारी इन मांगों पर किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसके कारण यहां स्थिति ऐसी हो गई कि हम सभी को सड़क पर उतरना पड़ रहा है.
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अंडे के विषय पर जाति समाज का कहना है कि 'हमारा धर्म हमें इसकी इजाजत नहीं देता कि शिक्षा के मंदिर में अंडा परोसा जाए. लेकिन शासन और प्रशासन की ओर से किस स्तर पर यह निर्णय लिया गया है यह समझना मुश्किल है'.